मुर्दा हुआ जिंदा: डॉक्टर ने बुजुर्ग को मृत बताया, घर ले गए तो लौट आईं सांसें, चमत्कार से सब हैरान

हरियाणा के यमुनानगर में एक हैरतअंगेज घटना देखने को मिली। डॉक्टरों ने एक बुजुर्ग को मृत घोषित कर दिया। परिजन घर पर उसके अंतिम संस्कार की तैयारी कर ही रहे थे कि अचानक मुर्दे में सांसें लौट आईं। हर कोई हैरान रह गया।

Updated On 2025-07-17 21:40:00 IST

यमुनानगर के छछरौली में बुजुर्ग की मौत की खबर सुनकर घर पहुंचे परिजन। 

मुर्दा हुआ जिंदा : हरियाणा के यमुनानगर में बुधवार को हुई घटना ने हर किसी को सोचने पर मजबूर कर दिया। एक 75 वर्षीय बुजुर्ग को हार्ट अटैक आने पर अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। वहां इलाज के बाद डॉक्टरों ने बुजुर्ग को मृत घोषित कर दिया। परिजन डेड बॉडी को घर ले आए और रिश्तेदारों को सूचित कर अंतिम संस्कार की तैयारी करने लगे। जब उन्होंने बुजुर्ग के मुंह से वेंटिलेटर की पाइप निकाली तो अचानक उनकी सांसें चल पड़ीं।

हार्ट अटैक आने पर ले गए थे अस्पताल

यमुनानगर के छछरौली के माजरी गांव निवासी सतपाल ने बताया कि मंगलवार को उनके भाई शेर सिंह की तबीयत अचानक बिगड़ गई थी। हार्ट अटैक का अंदेशा होने पर तुरंत यमुनानगर के निजी अस्पताल लेकर गए। वहां हार्ट अटैक बताकर भाई को आईसीयू में भर्ती कर वेंटिलेटर पर रखा गया। बुधवार दोपहर को करीब 12 बजे डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

शव को नहलाने से पहले हुई हरकत

दुखी परिजनों ने शव को घर ले जाकर अंतिम संस्कार की तैयारी शुरू कर दी। सभी रिश्तेदारों को सूचित कर दिया गया। श्मशान घाट में लकड़ियां रखवा दी और घर पर अर्थी की तैयारी होने लगी। अर्थी पर लेटाने से पहले शव को जैसे ही नहलाने के लिए उसके मुंह से वेंटिलेटर की पाइप निकाली तो शरीर में हरकत महसूस हुई। हाथ-पैर थोड़ा और हिले तो वे अलर्ट हो गए। उन्हें पानी पिलाया गया और परिजनों में दोबारा आशा की किरण लौट आई।

दूसरे अस्पताल में ले गए तो बताया जिंदा

परिजन दोबारा फिर एक नई उम्मीद के साथ शेर सिंह को शहर के दूसरे अस्पताल में लेकर आए। अस्पताल में पहुंचने पर डॉक्टर ने शेर सिंह में धड़कन बताई और उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया। डॉक्टरों ने दवाइयां देते हुए इलाज शुरू कर दिया। हालांकि परिजनों की यह खुशी ज्यादा देर तक नहीं टिकी। बुधवार रात साढ़े 11 बजे डॉक्टरों ने जवाब दे दिया कि अब उनकी आखिरी सांसें चल रही हैं। डॉक्टर ने उन्हें डिस्चार्ज कर दिया। उम्मीद खो चुके परिजन उन्हें घर पर ले आए और रात करीब ढाई बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। करीब सात घंटे उन्हें दूसरा जीवन मिला।

परिजनों ने डॉक्टर पर कार्रवाई की मांग की

भाई सतपाल ने मांग की है कि उनके भाई को जिंदा होते हुए भी मृत घोषित करने वाले डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। वहीं, छछरौली SMO डॉ. वागिश गुटैन ने कहा कि अभी उनके पास इस तरह की कोई शिकायत नहीं आई है।

क्या इस वजह से दोबारा जी उठा मुर्दा

चिकित्सा जगत के जानकारों का मानना है कि कुछ केस में इस तरह के चमत्कार देखे जाते हैं। इसके पीछे भी विज्ञान ही है। डॉक्टरों का मानना है कि कई बार अंतिम समय में दी गई CPR का असर कुछ घंटे बाद होता है। इसमें दवा, करंट व दबाव तीनों की पद्धति शामिल है। वेंटिलेटर पर जाने के बाद इनका असर कई बार देरी से होता है, लेकिन डॉक्टर धड़कन बंद होने पर मृत घोषित कर देते हैं। 

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