MBBS Admission scam: पूर्व सैनिक कोटे की मेडिकल सीटें गलत बांटी, हाईकोर्ट ने पीजीआई से मांगा जवाब
हरियाणा में एमबीबीएस दाखिला प्रक्रिया पर सवाल खड़े हो गए हैं। हाईकोर्ट में दायर याचिका में पूर्व सैनिक कोटे की सीटें अन्य वर्ग को देने के आरोप लगे हैं। अब पीजीआई रोहतक से जवाब मांगा गया है।
एमबीबीएस में सीट आवंटन विवाद में हाईकोर्ट ने पीजीआई रोहतक से मांगा जवाब।
MBBS Admission scam 2025 : हरियाणा में एमबीबीएस प्रवेश प्रक्रिया एक बार फिर विवादों में है। पिछले वर्ष की तरह इस बार भी दाखिले में धांधली के आरोप लगे हैं। कई अभ्यर्थियों ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाते हुए दावा किया है कि पूर्व सैनिक कोटे की सीटें गैर-पात्र उम्मीदवारों को दे दी गईं। पूर्व सैनिकों के कोटे को स्वतंत्रता सेनानियों के आश्रितों को देने का आरोप लगाया गया है।
पूर्व सैनिक कोटे की सीटें स्वतंत्रता सेनानी आश्रितों को
याचिकाकर्ता देव धारीवाल समेत अन्य अभ्यर्थियों की ओर से वकील प्रदीप सोलथ ने अदालत को बताया कि इस वर्ष भी प्रवेश समिति ने नियमों की अनदेखी की। आरोप है कि पूर्व सैनिक कोटे के अंतर्गत जो सीटें पात्र उम्मीदवारों के लिए सुरक्षित थीं, उन्हें अवैध तरीके से स्वतंत्रता सेनानियों के आश्रितों के नाम आवंटित कर दिया गया। अदालत को यह भी बताया गया कि सरकार की अधिसूचनाओं 27 अक्टूबर 2021 और 20 अप्रैल 2022 में स्पष्ट है कि यदि पूर्व सैनिक कोटे की सीटें खाली रह जाती हैं, तभी उन्हें स्वतंत्रता सेनानी परिवारों को दिया जा सकता है। इसके बावजूद इस बार नियमों को दरकिनार कर कई संदिग्ध मामलों में सीटें ट्रांसफर कर दी गईं।
संदिग्ध प्रमाण पत्रों पर गंभीर सवाल
याचिकाकर्ताओं ने आरोप लगाया कि प्रवेश समिति ने ऐसे प्रमाण पत्र स्वीकार किए, जो कथित तौर पर फर्जी प्रतीत होते हैं। तर्क यह दिया गया कि आजादी को 78 वर्ष बीत चुके हैं, ऐसे में किसी स्वतंत्रता सेनानी का पोता या पोती अभी 18 वर्ष की आयु का नहीं हो सकता। इस आधार पर प्रस्तुत किए गए अधिकांश दस्तावेज अविश्वसनीय लगते हैं। याचिका में यह भी कहा गया कि समिति ने ऐसे आवेदनों को वरीयता दी, जबकि वास्तविक पूर्व सैनिक आश्रित उम्मीदवार और दिव्यांग छात्र दाखिले से वंचित रह गए।
दिव्यांग और ईडब्ल्यूएस श्रेणी की सीटों पर भी विवाद
याचिका में आरोप लगाया गया है कि केवल पूर्व सैनिक कोटे ही नहीं, बल्कि ईडब्ल्यूएस-दिव्यांग श्रेणी EWS-PwD Category की सीटों का भी गलत आवंटन किया गया। दिव्यांग उम्मीदवारों के लिए सुरक्षित सीटों को अन्य ईडब्ल्यूएस आवेदकों को दे दिया गया। इससे कई दिव्यांग छात्रों का मेडिकल कोर्स में दाखिला रुक गया।
हाईकोर्ट ने केंद्र और पीजीआई रोहतक से मांगा जवाब
इस वर्ष NEET 2025 परीक्षा में हरियाणा से 60,687 छात्रों ने पंजीकरण कराया था। उनमें से बड़ी संख्या में उम्मीदवार MBBS और BDS पाठ्यक्रमों में दाखिला पाने के इच्छुक हैं। लेकिन प्रवेश प्रक्रिया में गड़बड़ियों की शिकायतों के बाद अभ्यर्थियों में आक्रोश फैल गया है। मामले की गंभीरता को देखते हुए पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार और पीजीआई रोहतक की प्रवेश समिति को नोटिस जारी किया है। अदालत ने पूछा है कि जब सरकार ने नियमों की स्पष्ट अधिसूचनाएं जारी कर दी थीं, तो फिर इस तरह का मनमाना आवंटन क्यों किया गया। कोर्ट ने यह भी जानना चाहा कि संदिग्ध और कथित फर्जी प्रमाण पत्र किस आधार पर स्वीकार किए गए। अदालत ने सभी पक्षों को विस्तृत जवाब पेश करने के लिए तलब किया है।