Asian shooting championship 2025: पत्थरों से निशाना लगाते-लगाते हरियाणा का कपिल बना एशियन शूटिंग चैंपियन
हरियाणा का एक कपिल क्रिकेट में मशहूर हुआ तो अब एक और कपिल शूटिंग में छाने को बेताब है। पलवल के कपिल ने एशियन शूटिंग चैंपियनशिप में पहला गोल्ड मेडल जीता है।
Asian shooting championship 2025 : किसी ने सच ही कहा है प्रतिभा मिट्टी में भी जन्म लेती है। हरियाणा के पलवल जिले के मुनीरगढ़ी गांव के लाल कपिल बैंसला इस कहावत का जीता-जागता उदाहरण है। खेतों और पगडंडियों के बीच पला-बढ़ा यह युवक बचपन में ईंट-पत्थरों से निशाने साधता था। घरवाले उसे डांटते थे कि यह समय की बर्बादी है, लेकिन कपिल का जुनून कभी कम नहीं हुआ। उसी बच्चे ने अब बड़े होकर कजाकिस्तान के शायम केंट में चल रही 16वीं एशियाई निशानेबाजी चैंपियनशिप में भारत को पहला स्वर्ण पदक दिलाया है। इसी चैंपियनशिप में कपिल ने टीम इवेंट में एक सिल्वर मेडल भी जीता।
किसान परिवार का बेटा, एशिया का शूटर
कपिल का परिवार पूरी तरह से खेती पर निर्भर है। पिता सुभाष बैंसला किसान हैं और मां ओमवती गृहिणी। परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत मजबूत नहीं थी, लेकिन खेलों के प्रति कपिल का जुनून देखकर पिता ने उसका पूरा साथ दिया। तीन भाइयों में सबसे बड़े कपिल ने जिम्मेदारी और खेल, दोनों को संतुलित तरीके से निभाया। उनका छोटा भाई सचिन यूपीएससी की तैयारी कर रहा है, जबकि सबसे छोटा भाई कुलदीप अभी 12वीं कक्षा में पढ़ाई कर रहा है।
दादा ने सुनाए बचपन के किस्से
कपिल के दादा श्यामबीर बैंसला बताते हैं कि जब कपिल छोटा था, वह ईंट और पत्थरों से निशाने लगाता रहता था। हम सोचते थे कि यह खेलकर समय खराब कर रहा है, पर आज उसी खेल ने उसे एशियाई स्तर पर गोल्ड मेडल दिला दिया। हमें यकीन है कि ओलिंपिक में भी वह देश का नाम रोशन करेगा।
21 अगस्त को निकलेगा विजय जुलूस
कपिल के चाचा वेदपाल बैंसला कहते हैं कि कपिल की सफलता से गांव ही नहीं, पूरा हरियाणा गौरवान्वित महसूस कर रहा है। ग्रामीणों ने 21 अगस्त को कपिल के गांव लौटने पर भव्य स्वागत की तैयारी की है। ढोल-नगाड़ों और विजयी यात्रा के साथ उसका अभिनंदन होगा। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और खेल राज्य मंत्री गौरव गौतम ने कपिल को उसकी जीत पर शुभकामनाएं दीं। मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा के युवा खेलों के जरिए नई ऊंचाइयां छू रहे हैं। कपिल की उपलब्धि से प्रदेश के युवाओं को खेलों में आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलेगी।
ओलंपिक 2028 है अगला लक्ष्य
कपिल फिलहाल 2028 ओलंपिक को अपना मुख्य लक्ष्य मानकर तैयारी में जुटे हैं। उनके छोटे भाई कुलदीप का कहना है कि कपिल हमेशा पढ़ाई से ज्यादा खेलों में रुचि रखते थे। पिता ने उन्हें खेलों में डालने का निर्णय लिया और कपिल ने निशानेबाजी को अपना रास्ता चुना। आज उनकी मेहनत रंग ला रही है।
हरियाणा की तीन बेटियों ने भी जीते मेडल
झज्जर की मनु भाकर, सुरुचि सिंह और पलक गुलिया ने भी कजाकिस्तान के शिमकेंट में चल रही एशियन शूटिंग चैंपियनशिप में टीम इवेंट में ब्रॉन्ज मेडल जीता और पूरे प्रदेश का नाम रोशन किया। मनु भाकर ने इसी चैंपियनशिप में एक ब्रांज मेडल भी जीता है और वह भी डबल मेडल विजेता हैं।