कांवड़ यात्रा: उत्तराखंड और झज्जर में दो कांवड़ियों ने गंवाई जान, इस वर्ष अब तक हरियाणा के 5 शिव भक्तों की मौत
उत्तराखंड के उत्तरकाशी में गहरी खाई में गिरने से युवा कांवड़िए की मौत हुई। वहीं, झज्जर में डीजे की तेज आवाज से डाक कांवड़िया ट्रेन की चपेट में आ गया। वहीं यमुनानगर में हाईवोल्टेज तारों की चपेट में आने से दो कांवड़ियों की मृत्यु हुई और पानीपत में ट्रॉली पलटने से शिवभक्त ने दम तोड़ दिया।
करनाल में सड़क हादसा (प्रतीकात्मक तस्वीर)
इस साल की कांवड़ यात्रा कई श्रद्धालुओं के लिए दुखद साबित हुई है। हरियाणा से भोलेनाथ के लिए जल लेने निकले कई कांवड़ियों ने रास्ते में ही दम तोड़ दिया, जिससे उनके परिवारों पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। हिसार के एक युवा कांवड़िए की उत्तराखंड में गहरी खाई में गिरने से मौत हो गई, वहीं झज्जर में एक कांवड़िया (पटवारी) ट्रेन की चपेट में आ गया। इन दो बड़ी घटनाओं के साथ ही प्रदेशभर में कांवड़ यात्रा के दौरान कई अन्य दर्दनाक हादसे भी हुए, जिन्होंने सुरक्षा उपायों पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
उत्तराखंड में खाई में गिरा हिसार का दीपक
हरियाणा के हिसार जिले के हांसी के उमरा गांव निवासी 18 वर्षीय दीपक की उत्तराखंड के उत्तरकाशी में मौत हो गई। दीपक अपने माता-पिता का इकलौता बेटा था और अपनी बहन के साथ रहता था। वह अपने मामा के बेटों के साथ 14 जुलाई को कांवड़ लेने के लिए डाटा गांव से गोमुख गया था। लौटते समय 20 जुलाई को उत्तरकाशी जिले के गर्म चश्मा इलाके में भारी जाम लग गया। ट्रैफिक जाम के कारण दीपक सड़क किनारे खड़ा था, जहां कोई बैरिकेडिंग नहीं थी। इसी दौरान उसका पैर फिसल गया और वह 1100 फीट (लगभग 335 मीटर) गहरी खाई में जा गिरा।
हादसे की सूचना मिलते ही NDRF (राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल) और SDRF (राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल) की टीमें मौके पर पहुंचीं। पहाड़ी और अत्यंत गहरी खाई होने के कारण रेस्क्यू ऑपरेशन में भारी मुश्किलें आईं, 2 दिनों तक लगातार चले बचाव अभियान के बाद, मंगलवार को रस्सियों की मदद से दीपक का शव खाई से बाहर निकाला गया। उत्तरकाशी के अस्पताल में पोस्टमॉर्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया, जिसके बाद बुधवार को उमरा गांव में दीपक का अंतिम संस्कार कर दिया गया। दीपक गांव उमरा के सैनिक स्कूल में 11वीं कक्षा का छात्र था। उसके पिता बारू राम खेतीबाड़ी करते हैं। बेटे की मौत से पूरा परिवार गहरे सदमे में है। दीपक अपने ननिहाल डाटा गांव से कांवड़ यात्रा पर गया था। हादसे की खबर से वहां भी मातम छा गया। शिवरात्रि के दिन दीपक की याद में गांव के मंदिरों में एक भी कांवड़ नहीं चढ़ाई गई, क्योंकि श्रद्धालुओं ने कहा कि इस दुख की घड़ी में किसी को खुशी मनाने का मन नहीं हुआ।
डाक कांवड़ लेने गए पटवारी ट्रेन की चपेट में आए
झज्जर जिले में शिवरात्रि की पूर्व संध्या पर एक और दर्दनाक हादसा हो गया, जिसमें डाक कांवड़ में शामिल पटवारी देवेंद्र की ट्रेन की चपेट में आने से मृत्यु हो गई। देवेंद्र चरखी दादरी जिले के बोंद कला में पटवारी के पद पर कार्यरत था और तीन भाइयों में सबसे बड़ा था, उसके दो बच्चे भी हैं। वह अपने साथियों के साथ डाक कांवड़ लेने गया था। मंगलवार को जब वह दुजाना के पास रेलवे लाइन से गुजर रहा था, तो एक यात्री ट्रेन की चपेट में आ गया और उसकी मौके पर ही मौत हो गई।
जीआरपी (राजकीय रेलवे पुलिस) के जांच अधिकारी सत्य प्रकाश ने बताया कि जिस समय हादसा हुआ, वहीं पास में ही डीजे की तेज आवाज चल रही थी। इसी तेज आवाज की वजह से देवेंद्र ट्रेन आने की आहट नहीं सुन पाया। जानकारी के मुताबिक रेलवे फाटक बंद था, लेकिन डाक कांवड़ में शामिल युवक ट्रैक क्रॉस करने लगे और इसी दौरान देवेंद्र हादसे का शिकार हो गया। मृतक देवेंद्र के शव को झज्जर नागरिक अस्पताल के डैड हाउस में रखवाया गया, जहां बुधवार को पोस्टमॉर्टम के बाद परिजनों को सौंप दिया गया।
कांवड़ यात्रा के दौरान अन्य दर्दनाक हादसे
इस साल की कांवड़ यात्रा में ये दो घटनाएं अकेली नहीं हैं। कई अन्य दर्दनाक हादसों की खबरें भी सामने आई हैं, जो कांवड़ियों की सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंताएं पैदा करती हैं।
1. हाईवोल्टेज तारों की चपेट में आई पिकअप, दो की मौत : 22 जुलाई की सुबह यमुनानगर से हरिद्वार डाक कांवड़ लेने जा रहे कांवड़ियों की पिकअप गाड़ी हाइवोल्टेज तारों की चपेट में आ गई। हादसे में दो युवकों (कुलदीप और हरीश) की मौके पर तड़पकर मौत हो गई, जबकि दो गंभीर रूप से झुलस गए। गाड़ी में कुल 15 कांवड़िए थे, जिनमें से 11 ने कूदकर जान बचाई।
2. रेवाड़ी के कांवड़ियों की गाड़ी उत्तराखंड में पलटी : 20 जुलाई को उत्तराखंड के कमान एरिया में रेवाड़ी जिले के कांवड़ियों की गाड़ी पलट गई, जिसमें करीब 25 लोग घायल हुए। इनमें 6 की हालत गंभीर थी जिन्हें ऋषिकेश एम्स में भर्ती कराया गया। हादसे का कारण ड्राइवर की लापरवाही बताया गया।
3. पानीपत में ट्रॉली पलटी, एक कांवड़िए की मौत : 19 जुलाई की शाम पानीपत जिले के इसराना के पास डाहर गांव में एक तेज रफ्तार ट्रॉली कांवड़ियों पर पलट गई। हादसे में जसबीर उर्फ जॉनी की मौत हो गई, जबकि तीन अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए।
4. जींद में कांवड़ियों का कैंटर पलटा, 22 घायल : 17 जुलाई की रात को जींद जिले में हिसार-चंडीगढ़ नेशनल हाईवे पर हरिद्वार जा रहे कांवड़ियों का कैंटर बद्दोवाल गांव के पास पलट गया। इसमें करीब 25 युवक सवार थे, जिनमें से 22 घायल हुए और 14 को गंभीर चोटें आईं। हादसा कैंटर का टायर फटने के कारण हुआ बताया गया।
हर घटना सुरक्षा प्रोटोकॉल की कमी को करती है उजागर
कांवड़ यात्रा, धार्मिक आस्था का एक महत्वपूर्ण प्रतीक है, लेकिन इस वर्ष हुए लगातार हादसे सुरक्षा व्यवस्था और कांवड़ियों की जागरूकता पर गंभीर सवाल खड़े करते हैं। चाहे वह उत्तराखंड में खतरनाक रास्तों पर बैरिकेडिंग की कमी हो, डीजे की तेज आवाज से ध्यान भटकना हो, या वाहनों की लापरवाही और तकनीकी खराबी, हर घटना सुरक्षा प्रोटोकॉल की कमी को उजागर करती है।