हिसार में कर्मचारियों का फूटा गुस्सा: सरकार के खिलाफ किया प्रदर्शन, पुरानी पेंशन स्कीम लागू करने की रखी मांग

Haryana Employees Protest: हिसार में पुरानी पेंशन बहाली को लेकर हजारों कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए जमकर नारेबाजी की और तिरंगा यात्रा निकाली।

Updated On 2024-09-02 16:34:00 IST
Haryana Employees Protest

Haryana Employees Protest: हरियाणा के हिसार में पुरानी पेंशन बहाली को लेकर हरियाणा संघर्ष समिति के नेतृत्व में कई जिलों के हजारों कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन में सिरसा, जींद, भिवानी, दादरी, हिसार समेत 6 जिलों के 15 हजार कर्मचारी शामिल हुए। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने सड़कों पर उतरकर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इसके साथ ही लोगों ने शहर में तीन किलोमीटर के दायरे में तिरंगा यात्रा भी निकाली।

विधानसभा चुनाव पर असर

कर्मचारियों ने लोकसभा चुनावों की तरह विधानसभा चुनाव में वोट फॉर ओपीएस देने की बात कही। साथ ही कर्मचारियों ने चेतावनी दी है कि विधानसभा चुनाव में ओपीएस बहाल न करने का खामियाजा सरकार को भुगतना पड़ सकता है। हरियाणा संघर्ष समिति के प्रधान बिजेंद्र धारीवाल भी इस विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए। इस दौरान बिजेंद्र धारीवाल ने कहा कि सरकार जो एनपीएस और यूपीएस का खेल खेल रही है। हरियाणा का कोई भी कर्मचारी एनपीएस यूपीएस को लेकर राजी नहीं है।

यूपीएस की मांग

वहीं, कर्मचारियों ने कहा कि सरकार यूपीएस को लाकर एनपीएस में कमियां गिना रही है। कर्मचारी नेता और समाजसेवी जोगिद्र मास्टर ने कहा कि सरकार को ओपीएस की बहाली करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हरियाणा में ओपीएस की बहाली जरूरी है। इस प्रदर्शन में अनूप लाठर, डॉ. बलराम, ज्ञान सिंह, राजबाला कौशिक स्वराज वर्मा, पूनम चहल, मोनिका, श्रुति कल्याणी, मनोज सिवाच, ऋषि नैन सहित संगठन को कई लोग शामिल हुए

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हांसी में महिलाओं का प्रदर्शन 

हांसी के गांव ढाणी कुम्हारन में शराब ठेके खोलने के विरोध में दूसरे दिन भी महिलाओं व ग्रामीणों ने प्रदर्शन किया। गांव में मुख्य मार्ग पर रखे गए लोहे के केबिन के बाहर सीसीटीवी लगाने आए मैकेनिक को ग्रामीणों ने मौके से भगा दिया और शराब ठेकेदार द्वारा ठेका खोलने के प्रयास का विरोध करते हुए कहा कि गांव में किसी भी कीमत पर शराब ठेके को खुलने व चलने नहीं देंगे। सरपंच अनूप वर्मा ने गांव में जबरदस्ती ठेका खोलने का विरोध करते हुए अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया और विधानसभा चुनाव का बहिष्कार करने का निर्णय लिया। 

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