HAU Hisar में फिर बवाल: छात्राओं को देर रात हॉस्टल खाली करने का फरमान, मैस में खाना बंद और पानी सप्लाई भी रोकी
हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय में बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है। 17 दिन से चल रहे छात्र आंदोलन के बीच गुरुवार रात छात्राओं को हॉस्टल खाली करने का फरमान सुनाया गया। आरोप है कि उनका खाना-पानी भी बंद कर दिया गया।
HAU Hisar में फिर बवाल : हिसार स्थित हरियाणा एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी (HAU) में चल रहे छात्र आंदोलन के बीच विवि प्रशासन के एक और विवादित फैसले ने मामले को गरमा दिया है। गुरुवार रात छात्राओं को अचानक हॉस्टल खाली करने का निर्देश मिलने के बाद माहौल तनावपूर्ण हो गया। आरोप है कि छात्राओं को न सिर्फ रात में हॉस्टल खाली करने को मजबूर किया गया, बल्कि उनका भोजन और पानी भी बंद कर दिया गया। भूखी छात्राओं ने नारेबाजी शुरू कर दी। वहीं, गर्ल्स हॉस्टल के बाहर छात्र भी नारेबाजी करने लगे। छात्राओं ने वीडियो में रो-रोकर अपनी व्यथा बयां की। रात में पुलिस ने आकर मामले को थोड़ा संभाला, लेकिन अगले दिन सुबह भी यह मामला तूल पकड़ता चला गया। हॉस्टल खाली करवाने के पूरे प्रकरण को 2 जुलाई को यूनिवर्सिटी बंद के आंदोलन से जोड़कर देखा जा रहा है।
अचानक आए आदेश, दो बार भेजे गए मैसेज
छात्राओं ने बताया कि उन्हें 27 जून (शुक्रवार) तक हॉस्टल खाली करने को कहा गया था, लेकिन 26 जून की सुबह और दोपहर में दो अलग-अलग समय पर व्हाट्सएप ग्रुप में वार्डन की ओर से मैसेज भेजे गए। सुबह 10:30 बजे के करीब पहले संदेश में सभी सेकंड और थर्ड ईयर की छात्राओं को तुरंत सामान सहित हॉस्टल खाली करने को कहा गया। इसके बाद दोपहर 1:30 बजे फिर एक और संदेश में स्पष्ट किया गया कि अगले दिन से हॉस्टल में किसी को नहीं रहने दिया जाएगा और मेस भी बंद कर दी जाएगी।
वार्डन ने रात में बुलाकर कहा- ऊपर से आदेश हैं
छात्राओं के अनुसार, गुरुवार रात जब वे खाना लेने मैस पहुंचीं तो वहां से लौटा दिया गया। खाने की सुविधा बंद कर दी गई थी। इसके बाद जब वे वार्डन से मिलने गईं तो उन्होंने कहा कि ऊपर से आदेश हैं और तुरंत हॉस्टल खाली करना होगा। वे कुछ भी नहीं कर सकतीं।
यूनिवर्सिटी प्रशासन का तर्क-रिपेयर के लिए हॉस्टल खाली करवाए
HAU प्रशासन का कहना है कि यह हर साल की प्रक्रिया है, जिसमें समर वैकेशन के दौरान हॉस्टल खाली कराए जाते हैं ताकि रखरखाव का काम किया जा सके। साथ ही, 27 जून से यूनिवर्सिटी में प्रवेश परीक्षाएं शुरू हो रही हैं, जिनमें हजारों छात्र भाग लेंगे। ऐसे में जगह की आवश्यकता है। अनुसंधान निदेशक डॉ. राजबीर गर्ग ने कहा कि यह केवल एक कम्युनिकेशन गैप है, जिसे हम दूर कर रहे हैं। छात्राओं की परेशानियों का समाधान किया जाएगा। लेकिन गर्मियों की छुट्टियों के दौरान हॉस्टल में रहना सुरक्षा और व्यवस्था दोनों के लिहाज से उचित नहीं है। खासतौर पर छात्राओं को घर भेजना अधिक सुरक्षित विकल्प है।
छात्रों की आपत्ति: मैस शुल्क लिया, सुविधा क्यों रोकी?
छात्रों का कहना है कि इस महीने की पूरी डाइट फीस ली गई है, लेकिन फिर भी उन्हें तय समय से पहले मैस बंद कर दी गई। लाइब्रेरी भी 25 दिन के लिए बंद कर दी गई है। उनका आरोप है कि प्रशासन यह सब इसलिए कर रहा है ताकि 2 जुलाई को घोषित यूनिवर्सिटी बंद आंदोलन को कमजोर किया जा सके।
विपक्षी नेताओं ने भी विरोध जताया
विरोध का यह मामला अब सियासी रंग भी ले चुका है। कांग्रेस नेता कुमारी सैलजा, रणदीप सुरजेवाला और इनेलो नेता अभय चौटाला ने छात्राओं के साथ किए गए व्यवहार पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने पूछा कि जो सरकार बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ का नारा देती है, वो अब छात्राओं को रात में बाहर निकालकर कौन-सा संदेश दे रही है?
10 जून को लाठीचार्ज से शुरू हुआ विवाद, सरकारी वादा पूरा नहीं हुआ
यह पूरा मामला स्कॉलरशिप में कटौती करने पर 10 जून को शुरू हुआ था। इसके विरोध में विवि परिसर में आंदोलन कर रहे छात्रों पर 10 जून को कुछ अधिकारियों व सुरक्षा कर्मियों ने लाठीचार्ज किया था। इसमें कई छात्रों को चोटें आई थीं। दोनों पक्षों की ओर से एफआईआर हुई थी। इसमें एक अधिकारी को गिरफ्तार किया गया। अब दो दिन पहले शिक्षामंत्री महिलपाल ढांडा के साथ छात्र कमेटी की वार्ता हुई। इसमें वीसी को छह माह की छुट्टी पर भेजने पर सहमति बनी, लेकिन इसके अभी तक लिखित आदेश नहीं आए हैं। इस वजह से छात्र आंदोलन लगातार जारी है। 2 जुलाई को यूनिवर्सिटी बंद का ऐलान किया गया है। छात्रों का आरोप है कि हॉस्टल भी इसी आंदोलन को कमजोर करने के लिए खाली करवाए जा रहे हैं।
पूर्व छात्र अध्यक्षों ने हॉस्टल खाली करवाने को बताया शर्मनाम
हरियाणा के विश्वविद्यालयों के छात्र संघ के पूर्व अध्यक्षों ने एक संयुक्त प्रेस बयान में हरियाणा सरकार से मांग की है कि वह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय में चल रहे छात्रों के आंदोलन के प्रति विश्वविद्यालय प्रशासन के रवैये का गंभीरता से संज्ञान लेकर तुरन्त हस्तक्षेप करे। MDU Rohtak छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कैप्टन शमशेर सिंह मलिक तथा HAU छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष इंद्रजीत सिंह, विरेन्द्र सिंह मलिक और फूल सिंह श्योकंद ने कहा कि प्रशासन द्वारा छात्राओं के हॉस्टल को ताला लगाने और रात के समय उनका भोजन और पानी बंद कर देने के समाचार सभी संवेदनशील नागरिकों को विचलित करने वाले हैं। किसी भी सभ्य समाज में ऐसी हरकतों को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। उन्होंने प्रदेश की भाजपा सरकार से मांग की कि वो तुरंत पहल करके छात्रों की स्वीकार की गई मांगों को तत्परता और गंभीरता से लागू करे ताकि छात्रों को राहत मिले और एक ख्यातिप्राप्त विश्वविद्यालय में शांति स्थापित हो सके।