हिसार: राखीगढ़ी की खुदाई में बच्चे तलाशेंगे हड़प्पाकालीन सभ्यता के राज, CM सैनी ने किया 'हड़प्पन नॉलेज सेंटर' का उद्घाटन

यह मॉक ड्रिल पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बन गई है। यहां छात्र स्वयं पर्यटकों को खुदाई की वैज्ञानिक प्रक्रिया समझाएंगे। मुख्यमंत्री ने राखीगढ़ी को वैश्विक पर्यटन मानचित्र पर स्थापित करने की रणनीति भी साझा की।

Updated On 2025-12-26 13:26:00 IST

राखी गढ़ी में मुख्यमंत्री सैनी का स्वागत करती छात्राएं और पहलवानों के हाथ मिला कर कुश्ती की शुरुआत करते सीएम। 

हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी शुक्रवार को विश्व प्रसिद्ध ऐतिहासिक स्थल राखीगढ़ी पहुंचे। यहां उन्होंने तीन दिवसीय विशेष उत्सव का शुभारंभ किया और 'हड़प्पन नॉलेज सेंटर' का उद्घाटन किया। उनके साथ कैबिनेट मंत्री अरविंद शर्मा और रणबीर गंगवा भी मौजूद रहे। मुख्यमंत्री का स्वागत स्थानीय छात्राओं ने तिलक लगाकर और भव्य सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के साथ किया।

जमीन में दबे इतिहास को टटोलेंगे बच्चे

इस कार्यक्रम की सबसे बड़ी विशेषता 'मॉक एक्सकवेशन' (नकली खुदाई) है। देश में संभवतः पहली बार स्कूली बच्चों को पुरातत्वविद् की भूमिका में उतारा जा रहा है। मुख्यमंत्री ने स्वयं मॉक खुदाई स्थल का दौरा किया और वहां प्रदर्शित हड़प्पाकालीन कलाकृतियों के स्टॉल का अवलोकन किया। उन्होंने अधिकारियों के साथ संग्रहालय परिसर में एक उच्च स्तरीय बैठक भी की।

वैज्ञानिक तरीके से सीखेंगे इतिहास की बारीकियां

नोडल अधिकारी डॉ. अप्पू सहारण ने बताया कि 26 से 28 दिसंबर तक चलने वाले इस आयोजन का मकसद बच्चों को अनुभव-आधारित शिक्षा देना है। छात्रों को केवल किताबी ज्ञान ही नहीं, बल्कि मिट्टी की परतों को सावधानी से हटाने, अवशेषों को सुरक्षित निकालने, उनकी सफाई, विशेष पैकिंग और ऐतिहासिक वस्तुओं के संरक्षण की पूरी वैज्ञानिक प्रक्रिया सिखाई जा रही है।

प्राचीन सभ्यता का जीवंत अनुभव

मॉक खुदाई के लिए पंचायत की भूमि पर 5x5 मीटर के तीन विशेष 'स्ट्रेच' या गड्ढे तैयार किए गए हैं।

• प्रथम और द्वितीय स्ट्रेच: इनमें हड़प्पाकालीन मुहरों (सील्स), मनकों और चूड़ियों के मॉडल वैज्ञानिक पद्धति से दबाए गए हैं, जिन्हें बच्चे खोज निकालेंगे।

• तीसरा स्ट्रेच: यहां कच्ची ईंटों की दीवारें, प्राचीन कुएं का मॉडल और एक डमी कंकाल रखा गया है, ताकि वास्तविक उत्खनन का अहसास हो सके।

खेल और संस्कृति का संगम

मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम के दौरान न केवल ऐतिहासिक विरासत को सराहा, बल्कि स्थानीय परंपराओं को भी बढ़ावा दिया। उन्होंने अखाड़े में पहलवानों का हाथ मिलवाकर कुश्ती प्रतियोगिता की शुरुआत की और कलाकारों द्वारा बजाए जा रहे नगाड़ों की थाप पर उत्साहवर्धन किया। सीएम को इस दौरान एक स्मृति चिह्न के रूप में प्राचीन कलाकृति की प्रतिकृति भी भेंट की गई।

पर्यटकों के लिए विशेष आकर्षण

चूंकि इस साल राखीगढ़ी में एएसआई (ASI) द्वारा नियमित खुदाई नहीं की जा रही है, इसलिए यह मॉक एक्सकवेशन पर्यटकों के लिए आकर्षण का मुख्य केंद्र बन गया है। दिलचस्प बात यह है कि यहां आने वाले पर्यटकों को स्कूली छात्र स्वयं गाइड बनकर खुदाई की जटिल प्रक्रियाओं के बारे में विस्तार से जानकारी दे रहे हैं।

यह पहल राखीगढ़ी को वैश्विक पर्यटन मानचित्र पर मजबूती से स्थापित करने और नई पीढ़ी को अपनी जड़ों से जोड़ने की दिशा में एक बड़ा कदम मानी जा रही है।

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