पेयजल की बर्बादी रोकेगी सरकार: शीतकालीन बजट में आएगा बिल, सजा व जुर्माने का प्रावधान
शीतकालीन बजट में सरकार बिजली चोरी एक्ट की तर्ज पर पेयजल की बर्बादी रोकने का बिल लाएगी। जिसका ड्राफ्ट जारी हो चुका है तथा इसमें सजा व जुर्माने का प्रावधान होगा।
पीने के पानी की बर्बादी का प्रतिकात्मक फोटो।
हरियाणा में अब बिजली चोरी रोकने के लिए बनाए गए कानून की तर्ज पर पेयजल की बर्बादी रोकने का कानून बनेगा। सरकार ने जनस्वास्थ्य विभाग एक्ट का ड्राफ्ट जारी कर दिया है। जिसमें पेजय का दुरूपयोग करने पर सजा व जुर्माने का प्रावधान होगा। सरकार विधानसभा के शीतकालीन सत्र में जनस्वास्थ्य विभाग का नया बिल पेश करने की तैयारी में है। जिसके बाद पानी की बर्बादी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने का रास्ता साफ हो जाएगा। प्रदेश के जनस्वास्थ्य मंत्री रणबीर सिंह गंगवा ने यह जानकारी दी।
ऐसे होगी कार्रवाई
जनस्वास्थ्य मंत्री रणबीर सिंह गंगवा ने बताया कि प्रदेश में पीने का पानी की बर्बादी को रोकने के लिए यह कदम उठाया जा रहा है। बिल का ड्राफ्ट जारी किया जा चुका है। बिल को विधानसभा के शीतकालीन सत्र में पेश किया जाएगा तथा बिल पास होने के बाद इसे लागू किया जाएगा। बिल में पानी को खुले छोड़ने वालों, अवैध कनेक्शन लेने वालों, पानी का बिल जमा नहीं करवाने वालों के लिए सजा व जुर्माने का प्रावधान होगा। प्रदेश में जिस प्रकार से बिजली व नहरी पानी चोरी रोकने के लिए कानूनी प्रक्रिया होती है, उसी तर्ज पर पेयजल की बर्बादी रोकने की कानूनी कार्रवाई करने का अधिकार मिल जाएगा। हमने जनस्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों व विशेषज्ञों के साथ विभागीय कामकाज में सुधार लाने पर चर्चा की है। जिसमें प्रदेश के 14 कार्यकारी अधिकारी, 22 एसडीओ व 22 जेई ने भाग लिया। रूड़की आईआईटी के इंजीनियर ने जलभराव से बचने के तरीकों के बारे में समझाया। बैठक में पेयजल आपूर्ति की वेस्टेज रोकने के तरीकों पर भी चर्चा की गई।
जलभराव वाले क्षेत्र किए चिह्नित
जनस्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि विभाग अपने अधीन आने वाले जलभराव वाले क्षेत्रों को चिह्नित किया है। जहां सुधार के लिए विभाग की टीमें जल्द काम शुरू करेंगी। नई कॉलोनियों को विकसित करते समय अगले 30 साल की प्लानिंग के साथ सीवरेज व पेयजल सप्लाई की लाइन दबाई जाएंगी। प्रदेश में 10 हजार से अधिक की आबादी के गांवों को एसटीपी से जोड़ा जा रहा है। प्रदेश में चिह्नित किए गए 124 गांवों में से 17 में काम पूरा हो चुका है तथा 30 गांवों में काम चल रहा है। गांवों में महाग्राम योजना के तहत सीवरेज लाइन दबाने व एसटीपी बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं।
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