Haryana Politics: JJP ने महम कांड पर कर्ण चौटाला को भेजा मानहानि नोटिस, 15 दिन में माफी की मांग

Haryana JJP: हरियाणा की JJP पार्टी ने महम कांड को लेकर अभय चौटाला के बेटे कर्ण चौटाला को मानहानि का नोटिस भेजा है।

Updated On 2025-11-05 15:46:00 IST

Haryana JJP: हरियाणा के चौटाला परिवार में एक बार फिर राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया है। 1990 के महम कांड को लेकर जननायक जनता पार्टी (JJP) ने इंडियन नेशनल लोकदल (INLD) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अभय चौटाला के बड़े बेटे कर्ण चौटाला को लीगल नोटिस भेजा है। कर्ण चौटाला सिरसा जिला परिषद के चेयरमैन हैं। इस नोटिस के बाद एक बार फिर से महम कांड सुर्खियों में आ गया है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, JJP के प्रदेश प्रवक्ता एडवोकेट मनदीप बिश्नोई की ओर से जारी नोटिस में कहा गया है कि कर्ण ने एक इंटरव्यू में दावा करते हुए कहा था कि 1990 के महम कांड की FIR में JJP के राष्ट्रीय अध्यक्ष अजय चौटाला का नाम भी शामिल था, जबकि कर्ण द्वारा लगाया गया यह आरोप गलत है। कर्ण के इस बयान से जेजेपी और प्रदेश के लाखों लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंची है।

नोटिस के माध्यम से कर्ण को कहा गया है कि वह अपने इस बयान के लिए 15 दिन के भीतर माफी मांगें। इसके अलावा सोशल मीडिया और अन्य प्लेटफॉर्म से क्लिप हटाने की मांग की है। नोटिस में कर्ण को चेतावनी दी गई है कि, ऐसा ना करने पर उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

पार्टी की प्रतिष्ठा को नुकसान

एडवोकेट मनदीप बिश्नोई ने नोटिस में कहा है कि उनकी JJP पार्टी की छवि खराब करने के लिए कर्ण चौटाला ने निराधार आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि डॉक्टर अजय सिंह चौटाला, जो पहले सांसद थे, अभी हमारी पार्टी के अध्यक्ष हैं। हमारी पार्टी से दुष्यंत चौटाला हरियाणा के उप-मुख्यमंत्री रहे थे।

बिश्नोई का कहना है कि INLD में कर्ण चौटाला ऊंचा पद रखते हैं। कर्ण चौटाला के पिता अभय सिंह चौटाला INLD पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। उन्होंने आगे कहा है कि कर्ण चौटाला ने अलग-अलग सोशल मीडिया पर जारी 'चौटाला की बात' नाम के उस वीडियो में JJP पार्टी की छवि को खराब करने के मिथ्या आरोप लगाए गए हैं। इस बयान से अजय चौटाला की काफी बदनामी हुई है। झूठे आरोपों से पार्टी को मानसिक पीड़ा, अपमान, प्रतिष्ठा को नुकसान हुआ है।

FIR में अभय सिंह चौटाला 

एडवोकेट बिश्नोई ने स्पष्ट किया कि महम कांड से जुड़ी FIR संख्या 76, 1 मार्च 1990, थाना महम, में शिकायतकर्ता रोहतक के रहने वाले धर्मपाल पुत्र अमीलाल ने केवल अभय सिंह चौटाला को नामजद किया था। उस FIR में डॉक्टर अजय सिंह चौटाला का कोई नाम नहीं था। उन्होंने बताया कि घटना के दिन डॉक्टर अजय सिंह चौटाला महम में नहीं, बल्कि राजस्थान के दातारामगढ़ विधानसभा क्षेत्र में मौजूद थे।' बिश्नोई ने आगे कहा कि डॉक्टर अजय सिंह चौटाला की छवि साफ-सुथरे राजनेताओं में गिनी जाती है, इस तरह के आरोप बेबुनियाद हैं।

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