Property Rules: हरियाणा में प्रॉपर्टी की खरीद-बिक्री के नए नियम जारी, HSVP पोर्टल निभाएगा अहम भूमिका
Haryana New Property Rules: हरियाणा सरकार ने प्रॉपर्टी की खरीद-फरोख्त को लेकर नए नियम जारी किए हैं। प्रॉपर्टी की खरीद और बिक्री अब HSVP पोर्टल से अनिवार्य कर दी गई है।
हरियाणा में प्रॉपर्टी की खरीद-फरोख्त के नए नियम लागू। (प्रतीकात्मक तस्वीर)
Haryana New Property Rules: हरियाणा सरकार ने शहरी क्षेत्रों में प्रॉपर्टी की खरीद-फरोख्त से जुड़ा बड़ा फैसला लिया है। बताया जा रहा है कि अब प्राइवेट प्रॉपर्टीज की बिक्री और खरीद अब हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (HSVP) के माध्यम से होगी, सरकार ने इसे अनिवार्य कर दिया है। लेकिन सरकार के इस फैसले जमीन के सौदे सीधे HSVP पोर्टल पर होंगे। हर लेन-देन सरकार की निगरानी में किया जाएगा।
नए प्रावधानों के तहत HSVP पोर्टल पर विक्रेता को पहले प्रॉपर्टी लिस्ट करने के लिए 10,000 रुपये की नॉन-रिफंडेबल रजिस्ट्रेशन फीस के साथ GST देना पड़ेगा। सरकार ने बिक्री और खरीद पर कमीशन लागू किया है। प्रॉपर्टी लिस्ट करने के दौरान विक्रेता को प्रॉपर्टी की मांग की गई कीमत का 0.22 प्रतिशत बतौर कमीशन देना होगा। अगर खरीददार बोली को स्वीकार कर लेता है तो उसे आखिरी बोली राशि का 0.50 प्रतिशत कमीशन के रूप मेंभुगतान करना पड़ेगा।
विक्रेता को कौन से डॉक्यूमेंट्स देने होंगे ?
HSVP के नए नियमों के तहत विक्रेता को पोर्टल पर KYC डॉक्यूमेंट्स, कानूनी वारिस की सहमति, प्रॉपर्टी से जुड़े मुकदमों से मुक्त होने का प्रमाण और प्रॉपर्टी की पूरी डिटेल देनी पड़ेगी, इसके बाद खरीददार ऑनलाइन बोली लगाएंगे और सबसे ऊंची बोली लगाने वाले को प्रॉपर्टी मिलेगी। सौदा तय हो जाने के बाद ही स्वचालित रूप से ट्रांसफर परमिशन जारी होगी, जो 90 दिन तक मान्य रहेगी।
पहले 5 शहरों में होगा लागू
बताया जा रहा है कि शुरूआत में HSVP ने इस व्यवस्था को 5 बड़े शहरों में लागू करने का फैसला किया है। इसे लेकर ऑक्शन (नीलामी) की तारीख भी घोषित कर दी गई है। बता दें कि रोहतक में 24 सितंबर, हिसार में 25 सितंबर, पंचकूला में 26 सितंबर, फरीदाबाद में 27 सितंबर और 28 सितंबर को गुरुग्राम में निलामी होगी।
माना जा रहा है कि सरकार के इस फैसले से पारदर्शिता बढ़ेगी और बिचौलियों की भूमिका भी खत्म हो जाएगी। वहीं सरकार के इस फैसले पर प्रॉपर्टी डीलरों में नाराजगी जताई है, क्योंकि उनकी कमाई का बड़ा हिस्सा प्रभावित होगा। सरकार ने दावा किया है कि इस फैसले से आम खरीददार और विक्रेता को फायदा होगा। क्योंकि इससे धोखाधड़ी और कालाबाजारी खत्म हो जाएगी।
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