Faridabad news: पेयजल संकट का होगा समाधान, गाजीपुर और बाजरी में बनेंगे दो भूमिगत जल टैंक

Faridabad news: फरीदाबाद के पश्चिमी क्षेत्र में पेयजल संकट का समाधान करने के लिए एफएमडीए द्वारा गाजीपुर और बाजरी में दो भूमिगत जल टैंक बनाए जाएंगे। जिनकी क्षमता 5000 लीटर की होगा।

By :  sapnalata
Updated On 2025-05-13 15:31:00 IST
सिरसा में होगी पानी सप्लाई की समस्या।

Faridabad news: फरीदाबाद प्राधिकरण की ओर से गांव गाजीपुर और बाजरी में पांच हजार लीटर के दो भूमिगत जल टैंकर बनाए जाएंगे। इन वाटर टैंकों को रानीवेल लाइनों के साथ जोड़ा जाएगा। इससे आसपास के 15 इलाकों को पानी का किल्लत से राहत मिल पाएगी। गर्मी शुरु होते ही कुछ पश्चिमी क्षेत्रों में जीवन नगर, गाजीपुर, डबुआ आदि में पानी की समस्या लोगों को परेशान कर लेती है। पिछले कुछ वर्षों से इन गांवों में पेयजल की अपूर्ति ट्यूबवेल के माध्यम से की जा रही है।

ट्यूबवेल के पानी से समस्या

ट्यूबवेल का पानी खारा होता है, जिसकी वजह से गांवों के लोगों को किडनी स्टोन समेत पेट से जुड़ी कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। वहीं, कई ट्यूबवेल भूमि के स्तर से खिसक चूकी हैं, जिससे पानी की अपूर्ति पूरी नहीं हो पाती है। नगर निगम की ओर से पानी या पानी के टैंकों की समस्या का अब तक कोई समाधान नहीं किया गया है। गांव के लोगों को प्राइवेट टैंकरों से पानी खरीदना पड़ता है।

एफएमडीए की योजना

नगर निगम ने एफएमडीए के साथ मिलकर इस योजना का खाका तैयार किया है। इस योजना के तहत गांजी और नंग्ला क्षेत्रों में दो पानी के विशाल टैंक बनाए जाएंगे। इन जल टैंकों की क्षमता पांच हजार लीटर की होगी। इन टैंकों में पानी का बूस्टिंग के लिए आधूनिक मशीनें भी लगाई जाएंगी, जिससे पानी दूर के क्षेत्रों तक आसानी से पहुंच पाएगा। साथ ही दवाईयों की मदद से पानी को दूषित होने से बचाया जाएगा। इसके लिए बिजली के उप-स्टेशन भी बनाए जाएंगे।

3 महीने के अंदर निर्माण का लक्ष्य

डीजल जनरेटर की व्यवस्था भी की जाएगी और बिजली फीडर लगाया जाएगा। इसके अलावा पर्वतीय कॅालोनी के अटल चौक से केडी स्कूल के पास वाटर सप्लाई की लाइनें बिछाने की योजना तैयार की गई है। इससे क्षेत्रों में फौरी तोर पर पानी की पूर्ति हो सकेगी। इंजीनियर विभाग की टीम को जमीन का माप, मिट्टी की गुणवत्ता के साथ भूजल की जांच करने के लिए नियुक्त किया गया है। इससे भूमिगत जल के जलाशयों को बनानें में कोई समस्या न पैदा हो। इन टैंकों का निर्माण 3 महीने के अंदर करने लक्ष्य रखा गया है। 

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