हरियाणा सरकार का फैसला: अब जेल में बंदी बनेंगे कंप्यूटर इंजीनियर, कौशल विकास के होंगे 12 कोर्स
हरियाणा सरकार ने जेल में बंदियों की जिंदगी संवारने की बड़ी पहल की है। बंदियों को कंप्यूटर इंजीनियरिंग समेत 12 कौशल विकास के विकास करवाए जाएंगे। सजा पूरी करने के बाद उन्हें कुछ सुविधाएं भी मिलेंगी।
हरियाणा सिविल सचिवालय में जेल मंत्री डॉ. अरविंद शर्मा ने अधिकारियों के साथ बैठक में लिए महत्वपूर्ण निर्णय।
हरियाणा सरकार का फैसला : हरियाणा की जेलों में बंदियों के सुधार, पुनर्वास व उन्हें समाज की मुख्यधारा में लाने की बड़े स्तर पर कवायद हो रही है। प्रदेश की पांच जेलों में बंदियों के लिए कौशल विकास के 12 कोर्स शुरू किए जा रहे हैं। बंदियों को जेल में कम्प्यूटर इंजीनियरिंग का तीन वर्षीय डिप्लोमा करने का भी मौका मिलेगा। पायलट प्रोजेक्ट के तहत गुरुग्राम जेल में कम्प्यूटर इंजीनियरिंग डिप्लोमा प्रशिक्षण केंद्र स्थापित किया जा रहा है। सहकारिता, कारागार, निर्वाचन, विरासत व पर्यटन मंत्री डॉ. अरविंद शर्मा ने यह जानकारी दी।
सजा पूरी होने के बाद नौकरी का होगा इंतजाम
सोमवार को जेल मंत्री डॉ. अरविंद शर्मा ने हरियाणा सिविल सचिवालय स्थिल कार्यालय में जेल महानिदेशक आलोक कुमार राय, गृह विभाग के सचिव मनीराम शर्मा, उपसचिव गगनदीप सिंह के साथ एक महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। बैठक उपरांत जेल मंत्री डॉ. अरविंद शर्मा ने कहा कि जेल बंदियों को सजा पूरी करने के बाद सरकारी व निजी क्षेत्रों में रोजगार के उचित अवसर उपलब्ध करवाने के प्रयास किए जा रहे हैं। इसके लिए तकनीकी शिक्षा विभाग के साथ मिलकर विभिन्न जेलों में तकनीकी कोर्सों के अवसर उपलब्ध करवाए जाएंगे।
गुरुग्राम जेल में शुरू होगा पायलट प्रोजेक्ट
कैबिनेट मंत्री डॉ. अरविंद शर्मा ने बताया कि गुरुग्राम जेल में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर एक तकनीकी डिप्लोमा प्रशिक्षण केंद्र स्थापित किया जा रहा है। यहां जेल बंदियों को तीन वर्षीय कम्प्यूटर इंजीनियरिंग डिप्लोमा करवाया जाएगा। उन्होंने कहा कि इसके लिए तकनीकी सहयोग राजकीय तकनीकी संस्थान इन्द्री (मेवात) द्वारा दिया जाएगा। यह कोर्स करके बंदी अपनी सजा पूरी होने के बाद बाहर जाकर आसानी से न केवल नौकरी प्राप्त कर सकेंगे ब्लकि अपना कोई काम भी शुरू कर सकेंगे। इससे उन्हें मुख्य धारा में आने का अवसर मिलेगा।
इन पांच जेलों में कौशल विकास के कोर्स
इसी कड़ी में 5 जेलों में 12 औद्योगिक प्रशिक्षण कोर्स करवाए जाएंगे। इसमें केंद्रीय जेल अंबाला में पोशाक निर्माण व वेल्डर, करनाल जेल में पोशाक निर्माण व सौंदर्य प्रसाधन, पानीपत जेल में सिलाई प्रशिक्षण व बढई, गुरुग्राम जेल में कम्प्यूटर ऑपरेटर व प्रोग्रामिंग असिस्टेंट, वेल्डर व प्लंबर, फरीदाबाद जेल में कम्प्यूटर ऑपरेटर व प्रोग्रामिंग असिस्टेंट, इलेक्ट्रिशियन व बढई के कोर्स करवाने शामिल हैं।
HKRNL से नौकरी व श्रम विभाग से लोन
जेल मंत्री डॉ. अरविंद शर्मा ने बताया कि जेलों में बंद इन बंदियों को सजा पूरी होने के बाद सरकारी क्षेत्र व निजी क्षेत्र में रोजगार के अवसर भी उपलब्ध होंगे। इस कड़ी में जेल विभाग कौशल रोजगार निगम लिमिटेड व उद्योगों के साथ एमओयू कर रहा है, ताकि उनके लिए रोजगार के अवसरों की कमी न रहे। उन्होंने कहा कि औद्योगिक कोर्स करवा रही इन जेलों में जेल बंदियों के पंजीकरण की प्रक्रिया शुरू की जा चुकी है। जेल अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि अधिक से अधिक बंदियों को उनकी रुचि के औद्योगिक कोर्सों में भागीदारी करने के लिए प्रेरित किया जाए ताकि कौशल विकास के साथ आत्मनिर्भर बन सकें। यही नहीं श्रम विभाग के साथ मिलकर सजा पूरी कर चुके बंदियों को विभिन्न योजनाओं के तहत लोन भी उपलब्ध करवाए जाएंगे।
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