गुरुग्राम मॉल विवाद: कोरियन महिला ने लगाए उत्पीड़न के आरोप, पुलिस की एंट्री
यह मामला तब सामने आया जब ह्ययंग ली ने एक वीडियो में अपनी आपबीती सुनाई। उनका आरोप है कि यह उन्हें अपनी कानूनी तौर पर ली गई जगह खाली करने के लिए मजबूर करने का एक प्रयास है।
दक्षिण कोरियाई नागरिक ह्ययंग ली।
गुरुग्राम अपने हाई-टेक और आधुनिक जीवन शैली के लिए जाना जाता है। इस बार एक ऐसी घटना का गवाह बना है जिसने न सिर्फ स्थानीय प्रशासन बल्कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय का भी ध्यान खींचा है। शहर के सबसे पॉश इलाके गोल्फ कोर्स रोड पर स्थित ग्लोबल फोयर मॉल में एक दक्षिण कोरियाई नागरिक ह्ययंग ली ने मॉल प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। ह्ययंग ली पिछले 14 वर्षों से इस मॉल में अपना रेस्तरां, 'MISO' चला रही हैं। उनका कहना है कि उन्हें पिछले तीन सालों से लगातार परेशान किया जा रहा है। उनकी शिकायत के अनुसार मॉल प्रबंधन बिजली और पानी जैसी आवश्यक सुविधाओं को बार-बार काट रहा है, जिससे उनका व्यवसाय बुरी तरह प्रभावित हो रहा है।
वीडियो के सामने आने के बाद सुर्खियों में आया मामला
इस विवाद का एक वीडियो भी सामने आया है। वीडियो में ह्ययंग ली ने अपनी आपबीती सुनाते हुए बताया कि किराया और रखरखाव शुल्क का समय पर भुगतान किया। उसके बावजूद उनके रेस्तरां की बिजली और पानी की आपूर्ति काट दी गई है। उन्होंने इसे अपनी कानूनी तौर पर ली गई जगह खाली करने के लिए मजबूर करने का प्रयास बताया। ह्ययंग ली ने पुलिस और अन्य संबंधित अधिकारियों से कई बार शिकायत की है, लेकिन उनका आरोप है कि कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। उन्होंने यहां तक कहा कि अगर इस मामले में जल्द ही कोई समाधान नहीं निकलता है, तो उन्हें भारत से एक 'बुरे अनुभव' के साथ वापस लौटना पड़ेगा, जो कि एक चिंताजनक बात है।
8 अगस्त को दोनों पक्षों को थाने में बुलाया गया
गुरुग्राम पुलिस के प्रवक्ता संदीप कुमार ने देर रात एक बयान जारी कर बताया कि पुलिस इस मामले में सक्रिय है। उनके अनुसार महिला ने 7 अगस्त को शिकायत दर्ज कराई थी और 8 अगस्त को दोनों पक्षों को थाने में बुलाया गया था। पुलिस का कहना है कि यह विवाद मुख्य रूप से एक सिविल नेचर का है। मॉल प्रबंधन ने दावा किया है कि ह्ययंग ली के रेस्तरां से निकलने वाले पानी के कारण मॉल की इमारत को नुकसान हुआ है, जिसकी एवज में उन्होंने महिला को 9 लाख रुपये की मांग का नोटिस भेज दिया। महिला की ओर से यह राशि जमा न करने के कारण बिजली और पानी पर विवाद हुआ।
सुलह की कोशिशें जारी
पुलिस ने बताया कि उन्होंने दोनों पक्षों के बीच एक बैठक कराई थी जिसमें बिजली और पानी की आपूर्ति बहाल करने पर सहमति बन गई थी। हालांकि 9 लाख रुपये के विवाद को सुलझाने के लिए सोमवार को दोनों पक्षों की कानूनी टीमों के साथ एक और बैठक का समय तय किया गया है।
कई सवाल खड़े करती है यह घटना
यह घटना कई सवाल खड़े करती है। क्या किसी व्यवसाय के मालिक को कानूनी तौर पर अपनी जगह खाली कराने के लिए इस तरह से उत्पीड़न किया जा सकता है? क्या किसी विदेशी नागरिक को भारत में अपना व्यवसाय चलाने के लिए इस तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा? गुरुग्राम जैसे आधुनिक शहर में इस तरह की घटनाएं निश्चित रूप से उसकी छवि पर नकारात्मक प्रभाव डालती हैं। यह मामला न सिर्फ एक महिला के अधिकारों की लड़ाई है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि कैसे व्यावसायिक विवादों को सुलझाने के लिए कानूनी प्रक्रियाओं का पालन करने की बजाय उत्पीड़न का सहारा लिया जाता है।