भारी बारिश: गुरुग्राम समेत हरियाणा के 8 जिलों में रक्षाबंधन पर रेड अलर्ट, प्रशासन अलर्ट मोड पर
मौसम विभाग ने गुरुग्राम, फरीदाबाद और सोनीपत जैसे प्रमुख जिलों के लिए रेड अलर्ट जारी कर दिया है। गुरुग्राम के इफको चौक और फरीदाबाद के अंडरपास में पानी भरने से सड़कों पर लंबा जाम लग गया, जिससे आवागमन प्रभावित रहा।
बारिश के दौरान गुजरती कार।
गुरुग्राम जो अपनी आधुनिक संरचना और हाई-टेक जीवनशैली के लिए जाना जाता है, इस साल के मानसून में भारी बारिश और जलभराव की गंभीर चुनौतियों का सामना कर रहा है। रक्षाबंधन जैसे महत्वपूर्ण त्योहार के दिन जब लोग खुशियां मना रहे थे, हरियाणा के कई जिलों में मूसलाधार बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया। मौसम विभाग ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए 8 जिलों में रेड अलर्ट जारी किया है, जिसमें गुरुग्राम भी शामिल है। सड़कों पर पानी भरने से आवागमन मुश्किल हो गया और प्रशासन को स्थिति संभालने के लिए सड़कों पर उतरना पड़ा।
गुरुग्राम से लेकर फरीदाबाद तक जलमग्न
रक्षाबंधन पर गुरुग्राम, फरीदाबाद, पानीपत, झज्जर और सोनीपत आदि जिलों में तेज बारिश के बाद सामान्य जनजीवन ठप हो गया। गुरुग्राम के इफको चौक जैसे महत्वपूर्ण स्थानों पर पानी भर गया, इससे वाहनों की रफ्तार थम गई। फरीदाबाद में ओल्ड फरीदाबाद अंडरपास में इतना पानी भर गया कि उसे बंद करना पड़ा। प्रशासन ने बैरिकेडिंग लगाकर पुलिस तैनात की ताकि किसी भी तरह की दुर्घटना को टाला जा सके।
मौसम विभाग की चेतावनी
मौसम विभाग ने स्थिति की गंभीरता को समझते हुए हरियाणा के आठ जिलों के लिए रेड अलर्ट जारी किया। इनमें फरीदाबाद, गुरुग्राम, झज्जर, नूंह, पलवल, रोहतक, पानीपत और सोनीपत शामिल हैं। इन जिलों में रहने वाले लोगों को विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी गई है। हिमाचल प्रदेश में लगातार हो रही भारी बारिश का असर भी मैदानी इलाकों पर दिख रहा है, जिससे नदियां उफान पर हैं और जलभराव की स्थिति और भी गंभीर हो गई है। शुक्रवार को गुरुग्राम और झज्जर में भी बारिश हुई थी, जिससे पहले से ही जमीन में पानी भर गया था। शनिवार को कुरुक्षेत्र, करनाल, अंबाला, यमुनानगर, कैथल, हिसार में भी बारिश की चेतावनी दी गई है।
जलभराव और नदियों का बढ़ता जलस्तर
भारी बारिश के कारण हरियाणा में नदियों का जलस्तर भी बढ़ रहा है। हथिनीकुंड बैराज में पानी का स्तर खतरे के निशान पर बह रहा है, जिससे पलवल में यमुना नदी का जलस्तर भी खतरे के करीब पहुंच गया है। यमुना नदी के किनारे बसे गांवों के लोग दहशत में हैं, क्योंकि उनके घरों और खेतों में पानी भरने की आशंका है। इसके अलावा, घग्गर नदी का जलस्तर बढ़ने के बाद भी अलर्ट जारी किया गया है। यह स्थिति दर्शाती है कि सिर्फ शहरी क्षेत्रों में ही नहीं, बल्कि ग्रामीण इलाकों में भी लोगों को भारी बारिश की वजह से परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। पहले से ही बारिश के पानी से भरे खेत किसानों के लिए भी एक बड़ी चिंता का विषय बन गए हैं।
यमुनानगर में सबसे ज्यादा बारिश
मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार इस साल मानसून में हरियाणा में सबसे ज्यादा बारिश यमुनानगर में दर्ज की गई है। यहां पर अब तक 627.3 एमएम बारिश हो चुकी है। यह आंकड़ा इस बात का संकेत है कि राज्य के कुछ हिस्सों में बारिश का वितरण असमान रहा है। वहीं, सबसे कम बारिश कैथल (151 एमएम) और जींद (155 एमएम) में हुई है। यमुनानगर के अलावा रेवाड़ी, नूंह और महेंद्रगढ़ में भी 400 एमएम से ज्यादा बारिश दर्ज की गई है। इसके विपरीत, सोनीपत, पानीपत, जींद, करनाल, पंचकूला, फरीदाबाद और अंबाला जैसे कई जिलों में सामान्य से कम बारिश हुई है। यह असमान वितरण कृषि और जल प्रबंधन के लिए नई चुनौतियां पेश करता है।
चंडीगढ़ समेत अन्य क्षेत्रों में भी बारिश की संभावना
आने वाले दिनों के लिए भी मौसम विभाग ने बारिश की चेतावनी दी है, 9 अगस्त यानी रक्षाबंधन के दिन पंचकूला, यमुनानगर, करनाल, पानीपत, सोनीपत, फरीदाबाद, गुरुग्राम, मेवात, रेवाड़ी, महेंद्रगढ़ और पलवल में मध्यम बारिश की संभावना है। वहीं, अंबाला, कुरुक्षेत्र, जींद, रोहतक, झज्जर, चरखी दादरी, भिवानी, हिसार, सिरसा और फतेहाबाद में भी बारिश हो सकती है। चंडीगढ़ में भी शुक्रवार शाम को तेज बारिश हुई, जिससे उमस भरी गर्मी से लोगों को राहत मिली।
शहर में अभी भी आसमान में बादल छाए हुए हैं और बारिश की संभावना बनी हुई है। हिमाचल प्रदेश में हो रही बारिश भी मैदानी इलाकों के मौसम को प्रभावित कर रही है, जिससे गर्मी से राहत मिली है। कुल मिलाकर, हरियाणा में मानसून अभी भी सक्रिय है और आने वाले दिनों में भी लोगों को सतर्क रहने की आवश्यकता है।