Water Connection: गुरुग्राम में 17000 से ज्यादा अवैध पेयजल कनेक्शन कटेंगे, निगम ने जारी किया 15 दिन का नोटिस
Illegal Water Connection: गुरुग्राम नगर निगम ने 17 हजार से ज्यादा अवैध पेयजल कनेक्शनों को काटने का फैसला लिया है। इसे लेकर निगम ने उपभोक्ताओं को नोटिस भी जारी कर दिया है।
गुरुग्राम में पानी के अवैध कनेक्शन कटेंगे।
Illegal Water Connection: गुरुग्राम नगर निगम ने शहर में जल प्रबंधन व्यवस्था को बेहतर करने की दिशा में बड़ा फैसला लिया है। निगम की ओर से शहर में 17,373 अवैध पेयजल कनेक्शनों की पहचान की गई है। निगम ने अवैध पेयजल कनेक्शन के उपभोक्ताओं को नोटिस भी जारी कर दिया है। निगम ने उपभोक्ताओं को बकाया राशि भुगतान करने ते लिए 15 दिन का समय दिया है। निगम का कहना है कि तय समय के भीतर भुगतान ना करने पर पानी के कनेक्शन काट दिए जाएंगे।
निगम ने उपभोक्ताओं से किया अनुराध
नगर निगम ने नोटिस में उपभोक्ताओं से पेयजल कनेक्शन का मीटर वैध करवाने का अनुरोध किया है। अगर तय समय के भीतर यह काम नहीं किया जाएगा तो उपभोक्ताओं पर भारी जुर्माना भी लगाया जाएगा। निगम ने नोटिस में यह भी स्पष्ट किया है कि पेनल्टी की गणना उस तारीख से की जाएगी जिस दिन से संबंधित प्रॉपर्टी की आईडी जारी हुई थी।
इस वेबसाइट से करें आवेदन
पेयजल कनेक्शन के लिए आवेदन की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन मोड पर आधारित है। उपभोक्ता नगर निगम की ऑफिशियल वेबसाइट www. mcg.gov.in पर जाकर वैध पेयजल कनेक्शन के लिए आवेदन कर सकेंगे। निगम क्षेत्र में सभी रिहायशी और वाणिज्यिक संपत्तियों के लिए वैध जल कनेक्शन लेना जरुरी है। अतिरिक्त निगमायुक्त यश जालुका का कहना है कि निगम का यह फैसला जल प्रबंधन व्यवस्था को पारदर्शी और बेहतर बनाने के उद्देश्य से लिया गया है।
उपभोक्ताओं के लिए टोल-फ्री नंबर जारी किया
निगम अधिकारियों के मुताबिक अगर किसी उपभोक्ता को नोटिस या कनेक्शन प्रक्रिया से जुड़ी कोई समस्या है तो वे सेक्टर-34 नगर निगम कार्यालय, सेक्टर-42 कार्यालय और सिविल अस्पताल के सामने स्थित पुराना कार्यालय का नागरिक सुविधा केंद्र में जाकर अपने संदेह को दूर कर सकते हैं। इसके अलावा निगम ने उपभोक्ताओं के लिए टोल-फ्री नंबर 1800-180-1817 भी जारी किया है, इस नंबर पर उपभोक्ता कॉल करके जानकारी हासिल कर सकते हैं। निगम का कहना है कि अगर कोई व्यक्ति नोटिस के नाम पर राशि मांगता है, तो ऐसे लोगों को भुगतान करने से बचें और इस बारे में नगर निगम को सूचित करें।