Private Schools: गुरुग्राम के 245 स्कूलों को शिक्षा विभाग ने भेजा कारण बताओं नोटिस, 15 दिन का अल्टीमेटम

Gurugram Private Schools: गुरुग्राम में 245 प्राइवेट स्कूलों को कारण बताओं नोटिस जारी किया गया है। शिक्षा विभाग ने स्कूलों को 15 दिन का समय दिया है।

Updated On 2025-07-31 10:43:00 IST

गुरुग्राम के 245 स्कूलों को भेजा कारण बताओं नोटिस।

Gurugram Private Schools: गुरुग्राम के 245 प्राइवेट स्कूलों को शिक्षा विभाग की ओर से कारण बताओं नोटिस जारी किया गया है। ऐसा सामने आया है कि शिक्षा के अधिकार अधिनियम (RTE) के तहत आर्थिक रुप से कमजोर बच्चों को इन स्कूलों ने एडमिशन नहीं दिया है। ऐसे में एजुकेशन विभाग की ओर से स्कूलों को जवाब देने के लिए 15 दिन का समय दिया गया है। शिक्षा विभाग का कहना है कि अगर तय समय तक स्कूलों ने जवाब नहीं दिया या आनाकानी की गई तो ऐसे स्कूलों के खिलाफ मौलिक शिक्षा निदेशालय की ओर से कार्रवाई की जाएगी। इस लेकर शिक्षा विभाग की ओर से स्कूलों को ईमेल भी भेज दिया गया है।

शिक्षा विभाग ने क्यों जारी किया नोटिस ?
शिक्षा विभाग के मुताबिक, गुरुग्राम में 529 मान्यता प्राप्त प्राइवेट स्कूल मौजूद हैं। इन स्कूलों में RTE के तहत 25 प्रतिशत सीटों पर 470 आर्थिक रूप से कमजोर (EWS) स्टूडेंट का एडमिशन होना था, लेकिन इसमें केवल 92% स्टूडेंट का एडमिशन हुआ है। दूसरी तरफ प्राइवेट स्कूलों ने 199 छात्रों के आवेदनों का वेरिफिकेशन तक नहीं किया है, जबकि 179 आवेदनों को रद्द कर दिया गया है। एडमिशन से जुड़ी जानकारी स्कूल प्रशासन को शिक्षा विभाग के पोर्टल पर शेयर करनी थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ है। अब विभाग ने स्कूलों को कारण बताओं नोटिस जारी किया है।

अभिभावकों ने लगाया भेदभाव का आरोप
शहर में RTE के तहत एजमिशन प्रक्रिया शुरु होने के बाद भी कईं प्राइवेट स्कूलों में स्टूडेंट को दाखिला नहीं मिला है। अभिभावक जिला शिक्षा कार्यालय में डॉक्यूमेंट्स जमा कराने के लिए भटकते रहते हैं। ऐसे में RTE के तहत स्टूडेंट को एडमिशन मिलना मुश्किल है। अभिभावकों का आरोप है कि आर्थिक रूप से कमजोर तबके के साथ हर एरिया में इसी तरह का भेदभाव किया जाता है।

नोडल अधिकारी ने क्या कहा ?
हरियाणा RTE के नोडल अधिकारी नवीन अग्रवाल के मुताबिक, RTE के तहत आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों को दाखिल न देने वाले प्राइवेट स्कूलों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। 15 दिन में जवाब न देने पर संबंधित स्कूल संचालकों के खिलाफ कार्रवाई होगी। इसे लेकर शिक्षा अधिकारियों को निर्देश भी दे दिए गए हैं।

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