दिल्ली विस्फोट: देश छोड़कर भागने की तैयारी कर रही थी डॉ शाहीन, आतंकी की दोहरी जिंदगी का पर्दाफाश

जांच में खुलासा हुआ कि दिल्ली ब्लास्ट से सात दिन पहले, शाहीन देश छोड़कर भागने की तैयारी में थी और उसने पासपोर्ट वेरिफिकेशन भी कराया था। प्रयागराज से पढ़ाई करने वाली शाहीन ने 2013 में तलाक के बाद कट्टरता की राह पकड़ ली।

Updated On 2025-11-15 12:00:00 IST

दिल्ली बलास्ट की आरोपी डॉ. शाहीन सईद। 

दिल्ली में हुए विस्फोटों के बाद फरीदाबाद की अल-फलाह यूनिवर्सिटी से गिरफ्तार की गई डॉ. शाहीन सईद की कहानी ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। एक प्रतिष्ठित मेडिकल कॉलेज की पूर्व असिस्टेंट प्रोफेसर और फार्माकोलॉजिस्ट डॉ. शाहीन जिसे उसके आतंकी साथियों के बीच "मैडम सर्जन" के कोडनेम से जाना जाता था।

वह देश को दहलाने की साजिश रचने के बाद भागने की फिराक में थी। जांच एजेंसियों ने 'ऑपरेशन हमदर्द' नामक एक बड़े आतंकी नेटवर्क का खुलासा किया है, जिसका केंद्र बिंदु यही महिला डॉक्टर थी।

विस्फोट से ठीक 7 दिन पहले भागने की योजना बनाई थी

जांच में पता चला है कि दिल्ली में हुए विस्फोट से ठीक सात दिन पहले डॉ. शाहीन सईद देश छोड़कर भागने की योजना बना रही थी। उसने अक्तूबर 2025 के अंत में पासपोर्ट के लिए आवेदन किया था और 3 नवंबर को फरीदाबाद की धौज थाना पुलिस की टीम पासपोर्ट वेरिफिकेशन के लिए यूनिवर्सिटी कैंपस में बने उसके फ्लैट नंबर 32 तक पहुंची थी।

पुलिस ने उसके दस्तावेजों की फोटोकॉपी ली और आवश्यक जानकारी दर्ज की। वेरिफिकेशन के दौरान डॉ. शाहीन अकेली थी। हालांकि, पुलिस की यह रिपोर्ट समय पर जमा नहीं हो पाई, जिसे अधिकारियों ने एक रूटीन प्रक्रिया मानकर प्राथमिकता नहीं दी।

यह लापरवाही ही शाहीन के लिए देश छोड़ने का रास्ता बंद कर गई और बाद में उसकी गिरफ्तारी का कारण बनी। दिल्ली ब्लास्ट के बाद जब उसके फोन और दस्तावेज जब्त किए गए, तब वीजा आवेदन की अधूरी फाइलें सामने आईं और उसकी भागने की मंशा का पर्दाफाश हुआ।

आतंकी कोडनेम और नेटवर्क का खुलासा 

गिरफ्तारी के बाद जांच में यह महत्वपूर्ण खुलासा हुआ कि आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (JeM) से जुड़े नेटवर्क में शाहीन को "मैडम सर्जन" के गुप्त नाम से बुलाया जाता था। यह नाम संगठन द्वारा उसे दिए गए एक विशेष कार्य को दर्शाता है। गिरफ्तार किए गए डॉ. मुजम्मिल शकील की डायरी से 'ऑपरेशन हमदर्द' नामक इस खतरनाक साजिश का पता चला।

सूत्रों के मुताबिक इस नेटवर्क की योजना मुस्लिम लड़कियों को भर्ती करके उन्हें कट्टरपंथी बनाकर हमलों के लिए तैयार करना था और इस काम की जिम्मेदारी "मैडम सर्जन" यानी डॉ. शाहीन को सौंपी गई थी। शाहीन की डायरी से जैश-ए-मोहम्मद के इस बड़े नेटवर्क का विवरण मिला है। यह नेटवर्क जम्मू-कश्मीर और फरीदाबाद से जुड़ा हुआ है, जिसमें लगभग 25 से 30 व्यक्ति शामिल हैं।

टॉपर से टेरर की दुनिया में कदम 

डॉ. शाहीन सईद (46 वर्ष) का शुरुआती जीवन पूरी तरह से विपरीत था। लखनऊ की रहने वाली शाहीन ने प्रयागराज के मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज से 2002 में एमबीबीएस और 2006 में एमडी की डिग्री हासिल की। वह एक प्रतिभाशाली फार्माकोलॉजिस्ट थी, जिसने यूपी पब्लिक सर्विस कमीशन (UPPSC) क्रैक किया और 2006 में कानपुर के जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर बनीं।

तलाक, कट्टरता और बदलाव 

शाहीन की शादी नेत्र विशेषज्ञ डॉ. जफर हयात से एक मैट्रिमोनियल साइट के जरिए हुई थी। दोनों के दो बच्चे भी हैं। हालांकि, 2013 में लंबी अनुपस्थिति के कारण शाहीन की सरकारी नौकरी चली गई। इसी साल उसका तलाक शरियत कोर्ट से हो गया। उनके बच्चे अब अपने पिता के साथ हैं।

डॉ. हयात ने जांच एजेंसियों को बताया कि एक समय था जब शाहीन बुर्का पहनने से सख्त परहेज करती थी और भारत की तुलना में अमेरिका और ब्रिटेन में बसने की इच्छा रखती थी। वह अत्यंत 'ओपन माइंडेड' थीं। हालांकि, तलाक के बाद शाहीन के व्यवहार में भारी बदलाव आया।

2019 में जब उन्होंने अल-फलाह यूनिवर्सिटी जॉइन की, तब तक वह हिजाब पहनने लगी थीं और धर्म को लेकर काफी कट्टर हो चुकी थीं। यहीं उनकी मुलाकात अपने से नौ साल छोटे सर्जन डॉ. मुजम्मिल से हुई, जिसने उन्हें JeM की महिला विंग 'जमात-उल-मोमिनात' से जोड़ा। धीरे-धीरे डॉ. शाहीन इस आतंकी संगठन की भारत इंचार्ज बन गईं।

जांच का दायरा बढ़ा, दुबई तक लिंक

डॉ. शाहीन की गिरफ्तारी के बाद NIA, यूपी एटीएस, जम्मू कश्मीर पुलिस और दिल्ली पुलिस की एक संयुक्त टीम उसे श्रीनगर ले गई है। पूछताछ में दिल्ली-मुंबई ब्लास्ट, टेरर फंडिंग और पूरे रेडिकलाइजेशन नेटवर्क के खुलासे हो रहे हैं। इस मामले में अंतरराष्ट्रीय सहयोग भी मांगा गया है और दुबई में यूएई इंटेलिजेंस से संपर्क साधा गया है ताकि इस नेटवर्क के विदेशी लिंक्स का पता लगाया जा सके।

परिवार और संपत्ति की जांच 

लखनऊ में रह रहे डॉ. शाहीन के पिता सैयद अहमद अंसारी और उनके भाई शोएब अंसारी और डॉ. परवेज अंसारी (जो इंटीग्रल यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर हैं) के घरों पर भी छापेमारी की गई है और उनके वित्तीय लेन-देन की गहन जांच की जा रही है। इसके अलावा, यूनिवर्सिटी कैंपस से शाहीन के नाम पर रजिस्टर्ड एक ब्रेजा कार (HR87U-9988) भी बरामद की गई है, जबकि डॉ. मुजम्मिल द्वारा अक्सर इस्तेमाल की जाने वाली एक स्विफ्ट डिजायर कार की तलाश जारी है।

IMA की सदस्यता रद्द

डॉ. शाहीन सईद के राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों में शामिल होने की पुष्टि के बाद इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) की उत्तर प्रदेश इकाई ने तत्काल प्रभाव से उनकी आजीवन सदस्यता रद्द कर दी है। यह कदम कानपुर ब्रांच की सिफारिश पर उठाया गया और मामला अब केंद्रीय आईएमए को भेजा गया है।

फरीदाबाद पुलिस ने पुष्टि की है कि इस हाई-प्रोफाइल मामले की जांच केंद्रीय एजेंसी कर रही है। डॉ. शाहीन का यह सफर दिखाता है कि कैसे शिक्षा और प्रतिष्ठा के शिखर से कोई व्यक्ति कट्टरपंथी विचारधारा के दलदल में धंसकर एक आतंकी साजिश का मुख्य मोहरा बन सकता है। देश की सुरक्षा एजेंसियां अब इस पूरे नेटवर्क की जड़ों तक पहुंचने की कोशिश कर रही हैं। 

अगर आपको यह खबर उपयोगी लगी हो, तो इसे सोशल मीडिया पर शेयर करना न भूलें और हर अपडेट के लिए जुड़े रहिए [haribhoomi.com] के साथ। 

Tags:    

Similar News