Non-AC Buses: चंडीगढ़ में 40 नॉन एसी बसें खरीदेगा CTU, दिल्ली समेत इन रूटों पर चलेंगी

Non AC Buses in Chandigarh: चंडीगढ़ में CTU की ओर से 40 नई नॉन एसी डीजल बसें खरीदी जाएंगी। इन बसों को मौजूदा पुरानी बसों की जगह शुरू किया जाएगा। इसे लेकर जल्द ही टेंडर प्रक्रिया भी शुरू कर दी जाएगी। सरकार के इस फैसले से लंबी दूरी का सफर करने वाले यात्रियों को राहत मिलेगी।

Updated On 2025-06-22 12:25:00 IST

प्रतीकात्मक तस्वीर।

Non AC Buses in Chandigarh: चंडीगढ़ ट्रांसपोर्ट अंडरटेकिंग (CTU) की ओर से लंबी दूरी का सफर करने वाले यात्रियों को राहत देने के लिए अहम फैसला लिया गया है। CTU 40 नई नॉन एसी डीजल बसें खरीदने जा रहा है। इसे लेकर विभाग ने भी मंजूरी दे दी है और जल्द ही टेंडर प्रक्रिया भी शुरू कर दी जाएगी। मौजूदा समय में नई बसें 40 पुरानी डीजल बसों की जगह शुरू की जाएंगी। बताया जा रहा है कि यह पुरानी बसें 15 साल की सर्विस पूरी करने के बाद खराब हो जाएंगी।

यात्रियों को क्या सुविधाएं मिलेगी ?
CTU की ये नई बसें चंडीगढ़ से दिल्ली, सिरसा, शिमला, अमृतसर, लुधियाना, ज्वालाजी, तलवंडी साबो जैसे मुख्य रूटों पर चलेंगी। अधिकारियों के मुताबिक इन बसों में यात्रियों की सुविधा का खास ख्याल रखा जाएगा। सभी बसों में आरामदायक सीटें, मोबाइल चार्जिंग पॉइंट और GPS ट्रैकिंग सिस्टम जैसी आधुनिक सुविधाएं भी शामिल होंगी, जिसकी सहायता से यात्रियों को बसों की लाइव लोकेशन के बारे में पता लग जाएगा।

कौन से रूटों पर चलेगी बसें
ऐसा कहा जा रहा है कि CTU ने इसी साल जनवरी में 60 एसी बसें भी रूट पर उतारी थीं, जो दिल्ली, सिरसा, नारनौल वाया रोहतक, शिमला, अमृतसर सहित कई जगहों पर यात्रियों को सर्विस दे रही हैं। नॉन एसी डीजल बसों की खरीद से लंबी दूरी के रूटों पर बसों की उपलब्धता और बेहतर हो जाएगी। वहीं लोकल रूट के लिए प्रस्तावित 100 इलेक्ट्रिक बसों की योजना को केंद्र सरकार की ओर से अभी मंजूरी मिलना बाकी है।

टेंडर केलिए मंजूरी मिलना बाकी
प्रशासन ने डेढ़ महीने पहले केंद्रीय गृह मंत्रालय (MHA) को RFP (रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल) भेजी थी। इसके तहत डिपो नंबर-4 की पुरानी 100 डीजल बसों को रिप्लेस किया जाना है, जो नवंबर 2025 से जनवरी 2026 तक 15 साल पूरे कर खराब हो जाएंगी। बताया जा रहा है कि सीटीयू को केंद्र सरकार की पीएम ई-बस योजना के तहत डेढ़ साल पहले 100 इलेक्ट्रिक बसों के लिए सब्सिडी की मंजूरी दी गई थी। अधिकारियों ने इसे लेकर दिल्ली जाकर मंत्रालय को प्रेजेंटेशन भी दी, लेकिन अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। टेंडर जारी करने के लिए मंत्रालय से मंजूरी मिलना बाकी है।

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