शहीदों को सम्मान: हरियाणा सरकार ने तीन कॉलेजों का नाम बदला, सुनहरे अक्षरों में लिखा जाएगा
हरियाणा सरकार ने बड़ी पहल करते हुए बवानी खेड़ा, खरक और सांपला के कॉलेजों का नाम बदलने का फैसला लिया है। कॉलेजों का नाम ऐसा होगा जिससे आने वाली पीढ़ियों को प्रेरणा मिलेगी।
हरियाणा के सीएम नायब सिंह सैनी ने तीन कॉलेजों का नाम बदलने की दी मंजूरी।
शहीदों को सम्मान : शहीदों की चिताओं पर लगेंगे हर बरस मेले... कुछ इसी तर्ज पर युवाओं को प्रेरित करने के लिए हरियाणा सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। प्रदेश के तीन कॉलेजों का नाम बदलने की मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने प्रशासनिक मंजूरी दी है। बवानी खेड़ा, खरक और सांपला के कॉलेजों का नाम अब बदला जाएगा। शहीदों और आजाद हिन्द फौज के स्वतंत्रता सेनानियों के सम्मान में इन कॉलेजों का नया नामकरण होगा।
बवानी खेड़ा कॉलेज का नाम ठाकुर शम्भु सिंह
शिक्षा मंत्री महीपाल ढांडा ने बताया कि प्रदेश सरकार ने निर्णय लिया है कि राजकीय महिला महाविद्यालय बवानी खेड़ा का नाम आजाद हिन्द फौज के स्वतंत्रता सेनानी स्व. ठाकुर श्री शम्भु सिंह के नाम पर किया जाएगा। इस फैसले को प्रशासनिक मंजूरी मिल गई है। जल्द ही कॉलेज के गेट व फाइलों में स्वतंत्रता सेनानी के नाम को सुनहरे अक्षरों में लिखवाया जाएगा।
खरक महाविद्यालय का नाम होगा शहीद गजेंद्र सिंह
मंत्री महीपाल ढांडा ने बताया कि राजकीय महाविद्यालय खरक (भिवानी) का नाम अब शहीद गजेन्द्र सिंह के नाम पर किया जाएगा। बीएसएफ में सहायक कमांडेंट रहे गजेंद्र सिंह ने 7 मार्च 2018 को शहादत पाई थी। वे बीएसएफ टोली के साथ छत्तीसगढ़ के कांकेर के जंगल में नक्सल विरोधी अभियान पर थे। यहां पर नक्सलियों ने बारूदी सुरंग बिछाई हुई थी। बारूद फटने के बाद नक्सलियों ने अंधाधुंध फायरिंग भी कर दी। गजेंद्र सिंह ने भी बहादुरी से जवाबी हमला बोला और इस हमले में अपने प्राण न्योछावर कर दिए।
सांपला कॉलेज का नाम शहीद राय सिंह
हरियाणा सरकार द्वारा राजकीय महाविद्यालय सांपला (रोहतक) का नाम शहीद राय सिंह के नाम पर रखने की प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान की गई है। सांपला निवासी राय सिंह बीएसएफ में हवलदार के पद पर तैनात थे। 20 नवंबर 2016 की रात को जम्मू-कश्मीर के राजौरी सेक्टर में पाकिस्तानी सैनिकों से गोलीबारी के दौरान वे शहीद हो गए थे। अब उनके सम्मान में कॉलेज का नाम बदलकर शहीद राय सिंह रखा जाएगा। मंत्री ढांडा ने कहा कि शहीदों व स्वतंत्रता सेनानियों के नाम पर संस्थानों का नाम रखना उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि देना है। इस तरह आने वाली कई पीढ़ियां अपने शहीद को याद रखेगी।