ठगों से बचें निसंतान दंपति: बच्चा गोद लेने के लिए इस प्रक्रिया को अपनाएं, बिचौलियों के चक्कर में न फंसे

आमतौर पर देखा गया है कि निसंतान दंपति बच्चा गोद लेने के लिए जगह-जगह भटकते रहते हैं। जानकारी के अभाव में कई बार ठगों का शिकार भी हो जाते हैं। इनसे बचने के लिए सरकारी ने एक पूरी ऑनलाइन प्रक्रिया बनाई हुई है। जानें क्या है यह प्रक्रिया।

Updated On 2025-07-07 18:37:00 IST
बच्चा गोद लेने के लिए कानूनी रास्ते से CARA की वेबसाइट पर जाकर रजिस्ट्रेशन करवाएं। 

ठगों से बचें निसंतान दंपति : हरियाणा के नारनौल में महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से बच्चा गोद लेने की प्रक्रिया के बारे में जानकारी साझा की गई। जिला कार्यक्रम अधिकारी संगीता यादव के मार्गदर्शन में जिला बाल संरक्षण इकाई कार्यालय में एडॉप्शन हेल्प डेस्क स्थापित किया गया है। जिला बाल संरक्षण अधिकारी संदीप कुमार ने बताया कि निसंतान दंपति अगर बच्चा गोद लेने की सोच रहे हैं तो उन्हें दत्तक ग्रहण प्रक्रिया के बारे में जिला बाल संरक्षण इकाई कार्यालय में एडॉप्शन हेल्प डेस्क पर पूरी जानकारी दी जा रही है।

सेंट्रल एडॉप्शन रिसोर्स अथॉरिटी की वेबसाइट पर होगा पंजीकरण

संदीप कुमार ने बताया कि पूर्ण जानकारी नहीं होने पर बिचौलियों के बहकावे में आकर निसंतान दंपति ठगी का शिकार होते जा रहे हैं। बच्चा गोद लेने व देने के लिए सरकार ने किशोर न्याय अधिनियम 2015 एवं दत्तक ग्रहण विनियम 2022 बनाया हुआ है। इसके अनुसार बच्चा गोद लेने की प्रक्रिया में मुख्य रूप से सेंट्रल एडॉप्शन रिसोर्स अथॉरिटी की वेबसाइट पर ऑनलाइन पंजीकरण कर सकते हैं और कानूनी कार्रवाई की जानकारी देख सकते हैं। उन्होंने बताया कि ऑनलाइन पंजीकरण जिला बाल संरक्षण इकाई कार्यालय में भी करवाया जा सकता है।

रिश्तेदारी में बच्चा भी कानूनी प्रक्रिया के तहत ही गोद लें

उन्होंने बताया कि सौतेले माता-पिता की ओर से दत्तक ग्रहण, रिश्तेदार द्वारा गोद लेना भी कानूनी प्रक्रिया के माध्यम से ही करवाना चाहिए। इसमें आमतौर पर जैविक माता पिता की सहमति आवश्यक होती है, लेकिन यदि उनकी मृत्यु हो गई हो या वह सहमति देने में असमर्थ हो तो बाल कल्याण समिति की अनुमति की आवश्यकता होती है।

बच्चे को खरीदना या बेचना कानूनन जुर्म

संरक्षण अधिकारी सुषमा यादव ने बताया कि किसी भी बच्चे को खरीदना या बेचना कानूनन जुर्म है। किसी भी बच्चे को गोद दिए या लिए जाने की एक पूरी कानूनी प्रक्रिया है। अगर कोई गैर कानूनी तरीके से बच्चा गोद ले लेता है या देता है तो वह दत्तक ग्रहण मान्य नहीं है। बच्चे को बेचता या खरीदता है तो उसे किशोर न्याय अधिनियम 2015 के अनुसार कम से कम तीन वर्ष की सजा या जुर्माना या दोनों हो सकते हैं। उन्होंने बताया कि महिला एवं बाल विकास के जिला बाल संरक्षण इकाई कार्यालय में दत्तक ग्रहण प्रक्रिया की पूरी जानकारी और पंजीकरण नि:शुल्क कराया जा रहा है। सेंट्रल एडॉप्शन रिसोर्स अथॉरिटी की आधिकारिक वेबसाइट पर भी उनकी जानकारी ली जा सकती है।

टोल फ्री नंबर 1098 पर भी ले सकते हैं जानकारी

जिला बाल संरक्षण इकाई से सामाजिक कार्यकर्ता गरिमा वर्मा ने बताया कि कानूनी रूप से दत्तक ग्रहण के लिए समय-समय पर लोगों को जागरूक करने के लिए जागरूकता कैंप लगाए जाते रहे हैं। अन्य किसी जानकारी के लिए जिला बाल संरक्षण इकाई के कार्यालय गली नंबर एक, नजदीक स्टार किड्स प्ले स्कूल, शास्त्री नगर महेंद्रगढ़ रोड पर आकर जानकारी ले सकते हैं। टोल फ्री चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर 1098 पर संपर्क कर सकते हैं।

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