Floating Solar Plant: चंडीगढ़ में सबसे बड़ा फ्लोटिंग सोलर-प्लांट शुरू, हर साल बनेगी 35 लाख यूनिट बिजली, भारी पानी की बचत

Chandigarh Floating Solar Plant: चंडीगढ़ में उत्तर भारत का सबसे बड़ा फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट शुरू हो गया है। इस परियोजना को लेकर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी और नवीकरणीय ऊर्जा विभाग के सचिव की ओर से जानकारी दी गई है।

Updated On 2025-06-26 14:30:00 IST

प्रतीकात्मक तस्वीर।

Chandigarh Floating Solar Plant: चंडीगढ़ के सेक्टर-39 में वाटरवर्क्स पर उत्तर भारत का सबसे बड़ा फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट (तैरता हुआ सौर संयंत्र) शुरू हो चुका है। इस सोलर प्लांट की क्षमता 2.5 मेगावाट है। इस सोलर प्लांट को चंडीगढ़ रिन्युएबल एनर्जी एंड साइंस एंड टेक्नोलॉजी प्रमोशन सोसाइटी (CREST) की ओर से शुरू कर दिया गया है। इस परियोजना को नवीकरणीय ऊर्जा की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।

चंडीगढ़ बनेगी मॉडल सोलर सिटी
फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट चंडीगढ़ को मॉडल सोलर सिटी बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। इस मौके पर केंद्रीय गृह मंत्रालय के अपर सचिव नितेश व्यास ने प्लांट का दौरा भी किया। इस मौके पर वह दो दिवसीय चंडीगढ़ दौरे पर गए थे। इस परियोजना को लेकर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी और नवीकरणीय ऊर्जा विभाग के सचिव एवं निदेशक और CREST के CEO की ओर से जानकारी दी गई है।

हर साल पानी और बिजली की बचत
बताया जा रहा है कि फ्लोटिंग सोलर प्लांट से हर साल करीब 35 लाख यूनिट बिजली मिलेगी। इससे 2415 मीट्रिक टन कार्बन डाईऑक्साइड के उत्सर्जन में कमी आएगी। सोलर प्लांट को जलाशय की सतह पर लगाया गया है, जिसकी वजह से जलवाष्प में भी कमी आएगी और इससे हर 477.5 मिलियन लीटर पीने योग्य पानी की बचत होगी।

सचिव नितेश व्यास ने क्या बताया?
सचिव नितेश व्यास ने परियोजना को लेकर कहा कि यह पर्यावरण सुरक्षा और सतत ऊर्जा की दिशा में एक अच्छा कदम है। उन्होंने कहा कि यह परियोजना चंडीगढ़ को हरित ऊर्जा राजधानी की पहचान देगी। इस मौके पर CREST, CPDL और नगर निगम चंडीगढ़ (MCC) के अधिकारी भी मौजूद रहे। बताया जा रहा है कि अब तक CREST ने चंडीगढ़ में करीब 89.689 मेगावाट क्षमता के सोलर पावर प्लांट्स बनाए हैं। इस परियोजना से पर्यावरण, जल, बिजली और जलवायु परिवर्तन एक्शन प्लान के लक्ष्यों को पूरा करेगी।

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