Bulldozer Action: चंडीगढ़ में 450 मकानों पर चला बुलडोजर, स्थानीय लोगों ने बयां किया दर्द, 200 पुलिसकर्मी तैनात

Bulldozer Action in Chandigarh: चंडीगढ़ की शाहपुर कॉलोनी में साढे़ 400 मकानों पर बुलडोजर चलाया गया। इस मौके पर 200 पुलिसकर्मी तैनात रहे।

Updated On 2025-09-30 12:18:00 IST

चंडीगढ़ में बुलडोजर कार्रवाई। 

Bulldozer Action in Chandigarh: चंडीगढ़ के सेक्टर-38 में मंगलवार, 30 सितंबर को सुबह 36 साल पुरानी शाहपुर रिहायशी कॉलोनी में बुलडोजर की कार्रवाई की गई। भारी पुलिसबल के साथ प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची और कॉलोनी में बने करीब साढ़े 400 घरों पर बुलडोजर चला दिया। देखते ही देखते सुबह साढ़े 8 बजे तक ज्यादातर घर रेत, ईंट और पत्थर के ढेर बन गए।

बताया जा रहा है कि जिन लोगों को कोर्ट से स्टे मिला हुआ है, उनके घरों को तोड़ा नहीं गया। इन घरों पर प्रशासन की ओर से पहले ही क्रॉस का निशान लगाया गया था, ताकि पता लग सके कि इन घरों पर बुलडोजर नहीं चलाना है। प्रशासन की इस कार्रवाई पर स्थानीय लोगों ने गुस्सा जताया। इनमें ज्यादातर प्रवासी है। लोगों का कहना है कि फेस्टिव सीजन में इस तरह की कार्रवाई गलत है और प्रशासन ने उन्हें धोखा दिया है।

स्थानीय लोगों ने क्या कहा?

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक. प्रशासन की बुलडोजर कार्रवाई पर कॉलोनी के रहने वाले प्रमोद का कहना है कि वह काफी सालों से इस कॉलोनी में रह रहे हैं। उनका कहना है कि 2006 में सर्वे दौरान उन्होंने सभी डॉक्यूमेंट्स सेक्टर-42 में जमा करवा दिए थे। उन्होंने कहा कि उनके परिवार में 4 लोग रहते हैं और उनेक पिता की मृत्यु यहीं हुई थी, जिसे अब गिरा दिया गया है।

दूसरी तरफ कॉलोनी के संजय नाम के शख्स का कहना है कि वह 22 साल से यहां रहे हैं। लेकिन अब वह किराए पर घर लेंगे। सर्वे पर उन्होंने कहा कि प्रशासन ने हमसे वो चीजें मांगी हैं, जो नहीं है। कॉलोनी की रहने वाली राधा नाम की महिला ने बताया कि अब मेरे बच्चे रोड पर रहेंगे, तो उसकी जिम्मेदारी कौन लेगा? सरकार कहती है कि हम बेटी पढ़ाओ और बेटी बचाओ करेंगे। ये लोग गरीब को हटा रहे हैं। 

2 हफ्ते पहले दिए गए थे नोटिस 

ऐसा कहा जा रहा है कि कार्रवाई से करीब 2 हफ्ते पहले एस्टेट ऑफिस के इंफोर्समेंट विंग ने कॉलोनी में ढोल बजाकर लोगों को कार्रवाई के बारे में बताया था। वहीं झुग्गियों पर नोटिस भी चिपका दिए गए थे। प्रशासन ने लोगों को चेतावनी दी कि 30 सितंबर तक वह कॉलोनी को खाली कर दें। वहीं यूटी सचिवालय में हुई बैठक के बाद DC निशांत यादव की ओर से लिखित आदेश जारी किए गए थे। चीफ इंजीनियर को कार्रवाई की जिम्मेदारी दी गई।

मौके पर भारी पुलिसबल तैनात

4 जेसीबी,10 ट्रक और 200 मजदूर कार्रवाई में शामिल थे। कार्रवाई के दौरान मौके पर एसडीओ और जेई भी मौजूद रहे। SSP को मौके पर 4 DSP, महिला कॉन्स्टेबल और 200 पुलिसकर्मी तैनात करने के लिए कहा था। स्वास्थ्य विभाग को 4 एम्बुलेंस तैनात करने का आदेश मिला था। प्रशासन का कहना है कि तोडफोड़ की कार्रवाई के बाद जमीन को फिर से विकसित किया जाएगा। 

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