Zirakpur-Panchkula Bypass: 6 लेन का जीरकपुर-पंचकूला बाईपास जाम से दिलाएगा राहत, 1,878 करोड़ रुपये होंगे खर्च

Zirakpur-Panchkula Bypass: NHAI की ओर से 1,878 करोड़ रुपये के जीरकपुर-पंचकूला बाईपास के लिए बोलियां आमंत्रित की गई हैं। इसके लिए NHAI निविदा भी जारी कर दी गई है।

Updated On 2025-06-05 14:38:00 IST

प्रतीकात्मक तस्वीर।

Zirakpur-Panchkula Bypass: भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) की ओर से 1,878.31 करोड़ रुपये की लागत वाले जीरकपुर-पंचकूला बाईपास के लिए बोलियां आमंत्रित करने के लिए निविदा जारी की गई है। अधिकारियों का कहना है कि 19.2 किलोमीटर लंबा 6 लेन वाला बाईपास ड्रावरों को चार लेन वाले राष्ट्रीय राजमार्ग (NH-5) और NH-7 के मौजूदा ओवरलैपिंग हिस्से पर भारी भीड़ से बचने में मदद करेगा।

वाहनों की आवाजाही सुगम होगी
जानकारी के मुताबिक, 9 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीईए) ने हाइब्रिड एन्युटी मोड (एचएएम) पर पंजाब और हरियाणा में बाईपास को बनाने के लिए सैद्धांतिक मंजूरी दे दी थी। अब NHAI की ओर से 1,878 करोड़ रुपये के जीरकपुर-पंचकूला बाईपास के लिए बोलियां आमंत्रित कीं गई हैं।

ऐसा भी कहा जा रहा है कि इस परियोजना की कल्पना 10 साल पहले की गई थी। परियोजना के लिए भूमि पंजाब सरकार द्वारा अधिग्रहित की गई थी। इसे 2020 में NHAI को सौंप दिया गया था। बाईपास की योजना यातायात की सुगम आवाजाही की सुविधा प्रदान करने और कनेक्टिविटी का विस्तार करके और जीरकपुर और पंचकूला के आसपास के यातायात को प्रभावी ढंग से डायवर्ट करके ट्राइसिटी के यातायात को आसान बनाने के लिए बनाई गई है।

कब  शुरू होगा बाईपास ?

बाईपास 19.2 किलोमीटर लंबा है, जिसमें  एलिवेटेड स्ट्रेच, पांच फ्लाईओवर, नौ हल्के वाहन अंडरपास, एक वाहन अंडरपास, एक रेलवे ओवरब्रिज और एक-एक बड़ा और छोटा पुल शामिल होगा। बाईपास एनएच-7 पर जीरकपुर-पटियाला जंक्शन से शुरू होगा। पंजाब और हरियाणा के मोहाली और पंचकूला जिलों से गुजरने के बाद एनएच-5 पर जीरकपुर-परवाणू जंक्शन पर खत्म होगा।
बाईपास पंचकूला के सेक्टर 24 और 25 के साथ-साथ शहर के बाहरी इलाकों को भी महत्वपूर्ण कनेक्टिविटी प्रदान करेगा। अधिकारी ने बताया कि इस परियोजना को अप्रैल में सीसीईए से मंजूरी मिल गई थी। ऐसा कहा जा रहा है कि बाईपास का निर्माण अगले साल जनवरी में शुरू कर दिया जाए। दो साल के भीतर इसे पूरा कर लिया जाएगा।

परियोजना का उद्देश्य क्या है ?
विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) के अनुसार, परियोजना का प्राथमिक उद्देश्य पटियाला, दिल्ली और मोहाली में चंडीगढ़ अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से आने वाले यातायात को डायवर्ट करने और हिमाचल प्रदेश को सीधा संपर्क प्रदान करना है। बाईपास लोगों के यात्रा के समय को भी कम करेगा। बल्कि एनएच-7, एनएच-5 और एनएच-152 के अत्यधिक शहरीकृत खंडों में परेशानी मुक्त यातायात की आवाजाही भी सुनिश्चित होगी।

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