वंदे भारत और दुर्ग एक्सप्रेस रोकने पर FIR: रेलवे ट्रैक बाधित करने वाले यात्रियों की पहचान जारी
ट्रैक पर हंगामा करने वाले दैनिक यात्रियों की पहचान वीडियो फुटेज के आधार पर की जा रही है। यह घटना मेमू ट्रेन की देरी के कारण यात्रियों के गुस्से का नतीजा थी, जिससे उन्हें ड्यूटी पर पहुंचने में दिक्कत हो रही थी।
अंबाला में शुक्रवार को वंदे भारत और दुर्ग एक्सप्रेस को रोकने के मामले में दैनिक यात्रियों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। रेलवे सुरक्षा बल (RPF) ने ट्रेन के आगे खड़े होकर रेलवे ट्रैक बाधित करने वाले अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है और उनकी पहचान की जा रही है। यह घटना तब हुई जब यात्री ट्रेनों के देरी से आने से नाराज होकर पटरी पर उतर आए थे।
RPF ने शुरू की कार्रवाई, वीडियो फुटेज से हो रही पहचान
शुक्रवार की घटना के बाद RPF ने तुरंत कार्रवाई शुरू कर दी है। दर्ज किए गए मुकदमे के तहत अधिकारियों द्वारा वीडियो फुटेज की गहनता से जांच की जा रही है ताकि उन व्यक्तियों की पहचान की जा सके जिन्होंने ट्रेन संचालन को बाधित किया था। इसके अतिरिक्त, स्टेशन मास्टर को लिखित शिकायत सौंपने वाले दैनिक यात्रियों के नाम और मोबाइल नंबर भी दर्ज किए गए हैं जो जांच में सहायक हो सकते हैं।
खुफिया एजेंसियों की चूक पर सवाल
यह घटना रेलवे से जुड़ी खुफिया एजेंसियों की लापरवाही पर भी सवाल खड़े करती है। जानकारी के अनुसार घटना से एक दिन पहले गुरुवार को लगभग 20 से 30 लोगों ने कैंट रेलवे स्टेशन पर हंगामा कर अपनी शिकायत दर्ज कराई थी। इसके बावजूद, खुफिया एजेंसियां इस बात का अंदाजा नहीं लगा सकीं कि यह विरोध प्रदर्शन ट्रेनों के संचालन को भी बाधित कर सकता है। इस चूक को एक बड़ी लापरवाही माना जा रहा है, क्योंकि उन्हें पहले से ही संभावित उपद्रव की जानकारी मिल जानी चाहिए थी।
ये था पूरा मामला
दरअसल अंबाला से अंब अंदौरा के बीच चलने वाली मेमू ट्रेन नंबर 64563 का विस्तार अब रायपुर हरियाणा स्टेशन तक कर दिया गया है। इस विस्तार के कारण यह मेमू ट्रेन अंबाला स्टेशन पर घंटों की देरी से पहुंच रही है। सहारनपुर, यमुनानगर और बराड़ा सहित ग्रामीण क्षेत्रों से चंडीगढ़ जाने वाले दैनिक यात्रियों को इससे भारी परेशानी हो रही है, क्योंकि वे अपनी ड्यूटी पर समय पर नहीं पहुंच पा रहे हैं। इसी समस्या के विरोध में शुक्रवार को दैनिक यात्रियों ने कैंट स्टेशन पर आई अंब अंदौरा वंदे भारत एक्सप्रेस और उधमपुर-दुर्ग एक्सप्रेस का संचालन बाधित कर दिया था।
गिरफ्तारी और कानूनी पहलू
RPF इंस्पेक्टर रविन्द्र सिंह ने बताया कि वीडियो फुटेज के आधार पर यात्रियों की पहचान की जा रही है, क्योंकि वे रोजाना स्टेशन आते हैं। पहचान होने के बाद उन्हें स्टेशन पर ही काबू करने के लिए टीमें लगाई गई हैं। वहीं, इस मामले में एडवोकेट गणेश सारस्वत ने बताया कि यह जमानती अपराध है। इसका मतलब है कि आरोपियों को आसानी से जमानत मिल सकती है, जिसके बाद मामला अदालत में चलेगा। यह घटना रेलवे सुरक्षा और यात्रियों द्वारा विरोध प्रदर्शन के तरीकों पर एक गंभीर बहस छेड़ सकती है। रेलवे प्रशासन को भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए क्या कदम उठाने चाहिए।