रूस-यूक्रेन युद्ध: जंग के मोर्चे पर फंसा अंबाला का युवक, वीडियो जारी कर बोला एजेंट ने फंसाया

लापता होने से पहले जारी वीडियो में जावेद ने खुलासा किया कि मोहाली के एजेंट ने उससे साढ़े चार लाख रुपये लेकर धोखे से उसे रूसी सेना में फंसा दिया।

Updated On 2025-11-08 18:23:00 IST

रूस-यूक्रेन युद्ध में फंसा युवक। 

हरियाणा के अंबाला का रहने वाला मोहम्मद जावेद इस समय रूस में लापता है, जिससे उसके परिवार में गहरा संकट छा गया है। अंबाला कैंट निवासी जावेद 4 अगस्त 2025 को काम के सिलसिले में रूस गया था, लेकिन अब उसके परिजन लगभग एक महीने से उससे संपर्क नहीं कर पाए हैं। घर पर उसकी माँ, पत्नी और तीन छोटे बच्चे हैं, जिनके लिए जावेद ही एकमात्र कमाने वाला सहारा था।

जावेद के परिवार को अब पता चला है कि उसे धोखे से रूस-यूक्रेन युद्ध में रूसी सेना की तरफ से लड़ने के लिए भेज दिया गया है। लापता होने से पहले, जावेद ने रूस से दो वीडियो जारी किए थे, जिनमें उसने अपनी जान को खतरा बताते हुए एक एजेंट पर फंसाने का गंभीर आरोप लगाया था।

साढ़े चार लाख रुपये ले लिए

लापता होने से पहले जारी किए गए वीडियो में मोहम्मद जावेद ने अपनी भयावह स्थिति का वर्णन किया। उसने स्पष्ट रूप से कहा कि रूस में मैं रशियन आर्मी में फंस गया हूं। मेरे एजेंट ने मुझे फंसाया है। उसने मुझसे साढ़े चार लाख रुपये लिए। मेरा एजेंट है मार्क वीजा वाला मोहाली का मजेंदर सिंह। उसने मुझसे भाई-भाई बोल कर साढ़े चार लाख रुपये ले लिए। मेरा घर परिवार सब बर्बाद कर दिया। जहां उसने मुझे काम पर भेजा, उसने मुझे पकड़ कर रशियन आर्मी में भेज दिया। यहां मेरी जान को खतरा है। हर वक्त ड्रोन आ रहे हैं, मिसाइलें गिर रही हैं। मेरा बचना बहुत मुश्किल है। जावेद ने कहा है कि ऐसे एजेंट्स को सबक सिखाया जाना चाहिए, जो हिंदुस्तानी लोगों को मरवा रहे हैं।

जान को खतरा, मेरे ऊपर ड्रोन आ रहे

जावेद ने दूसरे वीडियो में अपनी जान के खतरे को दोहराया। धमाकों की आवाज़ों के बीच उसने कहा कि मैं यहां रशियन आर्मी में फंस गया हूं। मेरे ऊपर ड्रोन आ रहे हैं, मिसाइल गिर रही हैं। हमारे साथी जान बचाने के लिए भाग रहे हैं। कुछ साथी तो मारे भी जा चुके हैं। हमारी जान का भी कोई पता नहीं कि कब मर जाए यहां पर... अगर मुझे कुछ भी होता है, तो मेरी मौत का जिम्मेदार मार्क वीजा वाला मजेंदर सिंह होगा। उसने मुझसे भाई-भाई बोल कर सारे पैसे रख लिए, घर गिरवी रखवा कर मुझे बर्बाद कर दिया।

जावेद ने कहा कि उसे 15 दिन की ट्रेनिंग के बाद रूस आर्मी में कुक (रसोइए) का काम देने का वादा किया गया था। उसने मेरठ से होटल मैनेजमेंट का कोर्स किया हुआ है और वह खाना बनाना अच्छे से जानता है। उसकी पत्नी कहकशा के अनुसार उन्होंने कुक की नौकरी सोचकर ही रूसी आर्मी जॉइन की थी, लेकिन 15 दिन की ट्रेनिंग के बाद उसे फ्रंट लाइन पर भेज दिया गया।

परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल

मोहम्मद जावेद की पत्नी कहकशा और अम्मी रहीशा का रो-रोकर बुरा हाल है। परिवार का कहना है कि 15 सितंबर को जावेद का आखिरी मैसेज आया था कि मुझे फ्रंट लाइन पर भेज रहे हैं। मेरा यहां से आना मुश्किल है। बच्चों का ध्यान रखना। इसके बाद से पिछले 24 दिनों से उनसे कोई संपर्क नहीं हो पाया है। जावेद की मां रहीशा ने भारत सरकार से अपील करते हुए कहा कि 24 दिन हो गए हमारी जावेद से कोई बात नहीं हुई। हमारी सरकार से अपील है वो सही सलामत वापस आ जाए। ना मेरा पति है, ना कोई और, एक ही बेटा है। वो उससे भी बात नहीं हो रही। घर में कमाने वाला भी कोई नहीं है। कैसे हम खर्च उठाएंगे? मेरी सरकार से अपील है कि जावेद को घर वापस भेज दो।

जावेद की पत्नी कहकशा ने भी भावुक अपील की, मेरी सरकार से सही रिक्वेस्ट है कि जावेद को वहां से घर भेज दे। कोई तो खबर, कोई तो पता दे दें। मेरे छोटे-छोटे तीन बच्चे हैं। मेरा उनके अलावा और कोई सहारा नहीं है।

परिवार का एकमात्र सहारा था जावेद

मोहम्मद जावेद अपने घर का इकलौता बेटा है और उसी पर पत्नी, मां, बहन और तीन बच्चों की पूरी जिम्मेदारी है। उसके लापता होने से पूरा परिवार सदमे में है और गहरे आर्थिक संकट का सामना कर रहा है। परिजनों ने अब सरकार और प्रशासन से गुहार लगाई है कि मोहम्मद जावेद को रूस-यूक्रेन युद्ध के मोर्चे से सुरक्षित घर वापस लाने के लिए तत्काल हस्तक्षेप किया जाए।

जावेद के परिवार ने यह भी बताया कि रूस में काम के शुरुआती एक महीने बाद वहां की पुलिस उन्हें परेशान करने लगी थी। एक रिटायर्ड कर्नल और जीतू नाम का एजेंट उन्हें बरगलाकर रशियन आर्मी जॉइन करने का दबाव बना रहे थे। परिवार ने सरकार से अपील की है कि उनके बेटे को सुरक्षित घर वापस लाया जाए और धोखे से लोगों को युद्ध क्षेत्र में फंसाने वाले एजेंट्स के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। 

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