बेटी ने लिया सांसद पिता का इंटरव्यू: जानिए धर्मबीर सिंह ने रिटायरमेट से नेता व दल बदलने पर क्या कहा

70 साल के हो चुके सांसद धर्मबीर सिंह 2029 को चुनाव नहीं लड़ेंगे। रिटायरमेंट की घोषणा के बाद सांसद का बेटी सौम्या के साथ पॉडकॉस्ट खूब सुर्खियां बटोर रहा है।

Updated On 2025-10-31 18:50:00 IST

दिल्ली में अपने सांसद पिता धर्मबीर के साथ पाडकास्ट करती बेटी सौम्या। 

हरियाणा की भिवानी महेंद्रगढ़ लोकसभा सीट से लगातार तीन बार के भाजपा सांसद अपनी उम्र का हवाला देकर 2029 में चुनाव न लड़ने का ऐलान कर चुके हैं। 17 अक्टूबर को महेंद्रगढ़ में मीडिया से बातचीत में धर्मबीर ने कहा कि 25 अक्टूबर को वह 70 साल के हो जाएंगे। उम्र के इस पड़ाव पर पहुंचने के बाद वह आगे कोई चुनाव नहीं लड़ेंगे। उनके इस बयान को सांसद का सक्रिय राजनीति से संन्यास से जोड़कर देखा गया था। पिछले कई साल से राजनीति में सक्रिय एवं युवा भाजपा प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य मोहित चौधरी को अपने पिता का राजनीतिक वारिश माना जा रहा है। ऐसे में सक्रिय राजनीति से रिटायरमेंट के ऐलान के बाद बेटी सौम्या के साथ सांसद का एक पॉडकास्ट राजनीति में सुर्खियां बटोर रहा है। सांसद धर्मबीर ने अपनी बेटी के साथ राजनीति संघर्ष से लेकर पार्टी व नेता बदलने सहित हर मुद्दे पर खुलकर बात की। गुरुग्राम में रह रही सौम्या ने अपने पिता के दिल्ली स्थित आवास पर पॉडकॉस्ट किया। जिसे अब टुकड़ों में फेसबुक पर शेयर कर रही है।

हूटिंग से भजनलाल व हलके बदलने से छोटी कांग्रेस

धर्मबीर सिंह ने अपनी बेटी को बताया कि 1973 में जनता पार्टी के साथ राजनीति की शुरुआत की। 1975 में देश में इमरजेंसी लगी तो वैश्य कॉलेज भिवानी में पड़ते हुए युवा क्रांति दल बनाकर अपने साथी घब्बू को कॉलेज का प्रधान बनाया। फिर छोटे भाई राजबीर उर्फ लाला को हमने युवा क्रांति दल की जुबानी टिकट पर भिवानी कॉलेज प्रधान बनाया। हमने तब वैश्य कॉलेज, चरखी दादरी, भिवानी और हिसार में भी अपने उम्मीदवार उतारे थे। 1978 में गांव में सुधार के लिए पंचायत समिति से अलग एक कमेटी बनाई। जिससे युवा जुड़े और साथियों के कहने पर 1983 में पंचायत समिति का चुनाव लड़ा और सबसे अधिक वोटों से जीत हासिल की। जिसके बाद राजनीति में आ गया। पहले मैं भजनलाल गुट में था। जयप्रकाश उर्फ जेपी व बीरेंद्र सिंह ने मिलीभगत कर हमारे गुट की रैली भिवानी में रखवा दी। भिवानी के कार्यक्रम में भूपेंद्र हुड्डा भी मौजूद थे। भजनलाल धर्मपाल मलिक को स्टेज संचालक बनाना चाहते थे और मैने राव दान सिंह को बना दिया। कुछ लोगों ने रैली में हूटिंग कर दी। जिसके बाद मैं भजनलाल को छोड़कर हुड्डा गुट में शामिल हो गया। कांग्रेस में आने के बाद से 1991 से मैं तोशाम में सक्रिया था। हविपा की टिकट पर 2000 हजार में चुनाव में उतरे सुरेंद्र सिंह को हराकर मैं विधायक बना। फिर हविपा का कांग्रेस में विलय हुआ तो कांग्रेस ने मेरा टिकट काटकर सुरेंद्र सिंह को दे दिया। सुरेंद्र के निधन के बाद उपचुनाव में किरण चौधरी को चुनाव में उतार दिया। मुझे बाढड़ा से टिकट दिया। 2009 में सोहना से चुनाव लड़वाया। 2014 में भी तय नहीं था कहां से टिकट मिलेगा। हर बार हलका बदलने से परेशान होकर मैं 2014 के चुनाव से कांग्रेस छोड़ भाजपा में आ गया। भाजपा की टिकट पर भिवानी-महेंद्रगढ़ से 2014, 2019 व 2024 में सांसद बना। 2024 में धर्मबीर की जीत की हैट्रिक रोकने के लिए कांग्रेस ने श्रुति की जगह राव दान सिंह को चुनाव मैदान में उतारा, परंतु धर्मबीर सिंह को लगातार तीसरी बार लोकसभा जाने से नहीं रोक पाई।

2009 में ब्रेन ट्यूमर का पता चला

सांसद धर्मबीर सिंह के राजनीति उतराधिकारी माने जा रहे बेटे मोहित चौधरी ने कहा कि बहुम कम लोगों को पता है कि मेरे पापा को 2009 में ब्र्रेन ट्यूमर का पता चला था। नर्व में रोटेट होने के कारण उसकी सर्जरी नहीं करवा पाए तथा तभी से उसकी दवाइयां चल रही है। 33 साल से शुगर से भी पीड़ित हैं। स्वास्थ्य कारणों के चलते ही उन्होंने करीब चार साल बाद होने वाले चुनाव नहीं लड़ने का निर्णय लिया है। 2029 का चुनाव लड़ने से इंकार कर चुके धर्मबीर ने 2024 में भी पार्टी हाईकमान से बेटे को टिकट की मांग थी, परंतु पार्टी एक बार फिर बेटे की बजाय धर्मबीर सिंह पर ही विश्वास जताया। धर्मबीर सिंह के छोटे भाई राजबीर उर्फ लाला तोशाम से दो बार निर्दलीय चुनाव लड़कर राजनीति में एंट्री मार चुके हैं, परंतु 2014 के बाद खुद कभी राजनीति में आगे नहीं आए। 



बंशीलाल ने दर्ज करवाएं झूठे मुकदमें

बंशीलाल ने 1977 के मंढियाली कांड में झूठे मुकदमों में मुझे जेल भेजा। मुझे करनाल व गुरुग्राम की जेलों में रखा गया, परंतु मैने कभी हार नहीं मानी। सीआईडी के तत्कालीन डीआईजी सतेंद्र बिश्नोई ने तो सरकारी क्वार्टरों को ही मेरी संपत्ति दिखा दिया था। हालांकि जब बंशीलाल को इसका पता चला तो उन्होंने डीआईजी सीआईडी को फटकार भी लगाई थी। तोशाम में धर्मबीर सिंह ने लोकदल की टिकट पर बंशीलाल व कांग्रेस की टिकट पर सुरेंद्र सिंह और लोकसभा में भाजपा की टिकट पर भिवानी-महेंद्रगढ़ से दो बार श्रुति चौधरी को हराया है। धर्मबीर सिंह के चार बच्चों में दो बड़ी बेटियां सलोनी व सौम्या और दो बेटों में मोहित चौधरी व परमबीर शामिल हैं। सौम्या अपने टैक्सटाइल कारोबारी पति संदीप जागलान व बच्चों के साथ गुरुग्राम में रहती है।

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