Delhi News: एमसीडी ने उड़ा दी होटल-ढाबा संचालकों की नींद, ग्राहकों को 22 गुना महंगा मिलेगा खाना, पढ़िये वजह...

एमसीडी ने ऐसा फैसला लिया है, जिससे न केवल होटल और ढाबा संचालक बल्कि रेस्तरां और गेस्ट हाउस चलाने वालों का भी परेशान होना लाजमी है। एसोसिएशन का कहना है कि अगर इस फैसले पर पुनर्विचार नहीं होता है, तो इसका पूरा भार ग्राहकों पर पड़ना तय है।

By :  Amit Kumar
Updated On 2024-07-09 13:38:00 IST
एमसीडी के फैसले से होटल का खाना होगा महंगा।

अगर आप भी होटल और ढाबे का खाना पसंद करते हैं, तो यह खबर आपकी नींद उड़ा देगी। दरअसल दिल्ली के होटल, रेस्तरां और ढाबे में खाना महंगा होने वाला है। केवल 5 या 10 फीसद ही नहीं, बल्कि 22 फीसद खाना महंगा हो जाएगा। इसके पीछे का कारण यह है कि दिल्ली नगर निगम ने ट्रेड लाइसेंस में 22 गुना बढ़ोतरी कर दी है। दिल्ली होटल एसोएिशन ने इस फैसले का विरोध किया है। एसोसिएशन का कहना है कि एमसीडी को ट्रेड लाइसेंस फीस को लेकर पुनर्विचार करना चाहिए।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, दिल्ली होटल एसोसिएशन के सचिव सौरभ छाबड़ा का कहना है कि छोटे होटल के लिए पहले ट्रेड लाइसेंस शुल्क 1500 रुपये सालाना था। तीन साल के लिए लाइसेंस रिन्यू होता, जिस कारण कुल 4500 रुपये देने पड़ते थे। अब ट्रेड लाइसेंस फीस में 22 गुना बढ़ोतरी कर दी गई है। उन्होंने कहा कि अब सालाना फीस 35000 रुपये कर दी गई है। पहले तीन सालों के लिए 4500 रुपये देने पड़ते थे, अब 1.05 लाख रुपये देने होंगे। उन्होंने कहा कि इतनी भारी बढ़ोतरी होटल इंडस्ट्री के लिए ठीक नहीं है।

उपभोक्ताओं की जेब पर पड़ेगा असर

सौरभ छाबड़ा का कहना है कि होटल इंडस्ट्री कोरोना काल में बुरी तरह से प्रभावित हुई थी। अब यह इंडस्ट्री पटरी पर लौट रही है, लेकिन ट्रेड लाइसेंस शुल्क में 22 गुना बढ़ोतरी इसे प्रभावित करेगी। उन्होंने कहा कि एसोसिएशन का प्रतिनिधिमंडल जल्द ही मेयर और कमिश्नर से मिलकर अपनी चिंताओं से अवगत कराएंगे। मांग करेंगे कि ट्रेड लाइसेंस फीस की बढ़ोतरी को थोड़ा कम किया जाए। अगर ऐसा नहीं होता है, तो इसका असर सीधा उपभोक्ताओं की जेब पर पड़ेगा।

2022 में लिया गया था यह निर्णय

उधर, मीडिया रिपोर्ट्स में एमसीडी अधिकारियों के हवाले से बताया गया है कि यह निर्णय 2022 में लिया गया था। ट्रेड लाइसेंस वैधता 3 साल के लिए होती है, इस कारण ज्यादातर को यह शुल्क नहीं देना पड़ा। एमसीडी अधिकारियों का कहना है कि इस फीस में कई सालों से बढ़ोतरी नहीं हुई थी। होटल, रेस्तरां और गेस्ट हाउस इत्यादि का लाइसेंस शुल्क समीक्षा के उपरांत बढ़ाया गया था।

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