Famous Shiva Temple of Delhi: महाशिवरात्रि पर जरूर जाएं श्री गौरी शंकर मंदिर, जानें इससे जुड़ी पौराणिक कथाएं

Most Famous Shiva Temple of Delhi: महाशिवरात्रि के दिन दिल्ली के इस मशहूर मंदिर में जाने के लिए बाहर से ही कई किलोमीटर दूर तक लंबी लाइन लगी रहती है।

Updated On 2024-03-05 15:17:00 IST
श्री गौरी शंकर मंदिर का इतिहास

Most Famous Shiva Temple of Delhi: हिंदू धर्म में महाशिवरात्रि का दिन बेहद महत्वपूर्ण होता है। इस दिन लोग भगवान शिव के अलग-अलग मंदिरों में जाकर दर्शन करते हैं। दिल्ली में कई जगह हैं, जहां शिव जी के मंदिर हैं और सभी की अपनी-अपनी मान्यता है। इन्हीं में से एक शिव मंदिर दिल्ली में स्थित है, जहां पर हर सोमवार को भक्तों की भीड़ होती है। महाशिवरात्रि के दिन इस मंदिर में सुबह 4 बजे से ही लाइन लगने लगती है। 

महाशिवरात्रि के दिन दिल्ली के इस मशहूर मंदिर में जाने के लिए गेट से ही कई किलोमीटर तक लंबी लाइन लगी रहती है। आइये जानते हैं कि 800 साल पुराना दिल्ली का प्रसिद्ध शिव-पार्वती मंदिर कहां है, कितना पुराना है, इसका निर्माण किसने करवाया था और मंदिर की मान्यता क्या है।  

दिल्ली में सबसे प्रसिद्ध शिव मंदिर कहां पर मौजूद 

दिल्ली में वैसे भगवान शिव के बहुत सारे मंदिर प्रसिद्ध हैं जैसे शिव दुर्गा मंदिर, मंगल महादेव बिरला मंदिर, प्राचीन नील छत्री मंदिर, दूधेश्वर नाथ मंदिर और गौरी शंकर मंदिर का नाम सबसे पहले आता है। 

दिल्ली में कहां पर स्थित है ये मंदिर 

दिल्ली में स्थित श्री गौरी शंकर मंदिर चांदनी चौक में स्थित है। बता दें कि लाल किले के सामने और लाल मंदिर यानी जैन मंदिर के बराबर में श्री गौरी शंकर मंदिर है। यहां शिवलिंग, जोड़े स्वरूप शंकर और पार्वती विराजमान हैं। इसके अलावा, मंदिर में अन्य देवी-देवताओं की मूर्तियां भी है। 

श्री गौरी शंकर मंदिर कितना पुराना 

दिल्ली के चांदनी चौक में स्थित श्री गौरी शंकर मंदिर करीब 800 साल पुराना है। यहां पर सोमवार के अलावा  खास अवसर पर भक्तों की भारी भीड़ रहती है। महाशिवरात्रि के दिन इस मंदिर को दुल्हन की तरह सजाया जाता है। सावन के महीने में इस मंदिर में अलग ही नजारा देखने को मिल सकता है। 

श्री गौरी शंकर मंदिर किसने और कब बनवाया था 

दिल्ली के चांदनी चौक में स्थित श्री गौरी शंकर मंदिर का निर्माण महंत किशन पुरी महाराज द्वारा करवाया गया था। यहां पर महंत तपस्या करते थे और उनके सपने में शिव जी के साथ तरफ माता पार्वती नजर आईं थी। इस सपने के बाद महंत किशन पुरी ने श्री गौरी शंकर मंदिर का निर्माण करवाया था। इस मंदिर में शिव जी के बाई तरफ गौरी माता विराजमान है, इसलिए इस मंदिर को गौरी शंकर मंदिर के नाम से जाना जाता है। 

कहा जाता है कि मराठा सैनिक आपा गंगाधर द्वारा साल 1761 में मंदिर के भवन का निर्माण किया गया। इसके कई दशक बाद साल 1959 में मंदिर का फिर से निर्माण सेठ जयपुरा द्वारा किया गया था। 

श्री गौरी शंकर की क्या मान्यता है 

श्री गौरी शंकर मंदिर में कुछ दिनों के लिए कई आकर तपस्या करते हैं और भगवान शिव की पूजा-अर्चना करते हैं। इस मंदिर को एक चमत्कारी मंदिर भी कहा जाता है। मान्यता है कि जो व्यक्ति 40 दिनों तक मंदिर में आकर शिवलिंग पर जल चढ़ाता है, उसकी सभी मनोकामना पूरी होती है। 

श्री गौरी शंकर कितने बजे खुलता है 

दिल्ली में स्थित श्री गौरी शंकर मंदिर सुबह 5 बजे खुलता है और 6 से 7 बजे तक मंदिर में आरती की जाती है। इसके बाद मंदिर दोपहर में 12 से 3 बजे तक के लिए बंद हो जाता है और फिर शाम 4 बजे मंदिर के कपाट भक्तों के लिए खोले जाते हैं। बता दें कि मंदिर में दो से तीन बार शंकर-पार्वती का श्रृंगार होता है। 

श्री गौरी शंकर मंदिर कैसे जाएं 

अगर आप महाशिवरात्रि पर या कोई अन्य दिन दिल्ली के चांदनी चौक में स्थित गौरी शंकर मंदिर जाना चाहते हैं, तो इसके लिए आप कई तरह की वाहन सुविधा को अपना सकते हैं। श्री गौरी शंकर मंदिर के पास में बस स्टेंड और मेट्रो स्टेशन है। हालांकि, अगर आप अपने वाहन से जाने का विचार कर रहे हैं, तो ऐसी गलती न करें। चांदनी चौक मेट्रो स्टेशन और लाल किला मेट्रो स्टेशन से आप श्री गौरी शंकर मंदिर जाने के लिए आपको लाल किला मेट्रो स्टेशन चुनना होगा। 

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