Ambedkar Scholarship: 'केजरीवाल ने लॉन्च की पुरानी स्कीम', वीरेंद्र सचदेवा ने RTI दिखा AAP को घेरा

Ambedkar Scholarship: दिल्ली भाजपा ने एक आरटीआई रिपोर्ट का हवाला देते हुए दावा किया है कि केजरीवाल ने जिस स्कॉलरशिप योजना की घोषणा की है, वह एक पुरानी योजना है।

Updated On 2024-12-22 13:13:00 IST
आप नेता अरविंद केजरीवाल और बीजेपी नेता वीरेंद्र सचदेवा।

Ambedkar Scholarship: बीजेपी ने अंबेडकर सम्मान स्कॉलरशिप को पुरानी योजना बताकर आप को घेरना शुरू कर दिया है। दिल्ली बीजेपी ने आरटीआई की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए दावा किया है कि केजरीवाल ने जिस स्कॉलरशिप योजना की शुरुआत की है, वह एक पुरानी योजना है, जिसे 2020 में शुरू किया गया था और उस समय से लेकर अभी तक अनुसूचित जाति के सिर्फ 5 बच्चों को ही स्कॉलरशिप के तहत 5-5 लाख रुपए मिले हैं।

दरअसल, आप सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल ने कल यानी शनिवार को अंबेडकर सम्मान योजना का ऐलान किया, जिसमें दलित छात्र के बच्चों को विदेश में पढ़ाई करने के लिए दिल्ली सरकार की ओर से स्कॉलरशिप देने की घोषणा की गई थी। केजरीवाल ने इस दौरान कहा कि यह योजना बीजेपी द्वारा किए गए अंबेडकर के अपमान का जवाब है।

'नई बोतल में पुरानी शराब'- सचदेवा

दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने केजरीवाल की इस योजना को 'नई बोतल में पुरानी शराब' बताते हुए कहा कि केजरीवाल एक राजनीतिक मौसम वैज्ञानिक हैं, जो राजनीतिक मौसम के मुताबिक अपनी योजनाओं को नए नाम के साथ फिर से पैक करके प्रस्तुत करने में माहिर हैं। वीरेंद्र सचदेवा ने केजरीवाल पर आरोप लगाते हुए कहा कि केजरीवाल ने 2020 के चुनावों से पहले दलित छात्रों को स्कॉलरशिप के लिए इसी तरह की योजना शुरू की गई थी, जो कि आज भी स्थिर बनी है, और उन्होंने इसे एक नए नाम से फिर से पेश किया है।

'इस योजना के प्रचार पर करोड़ों रुपए खर्च किए'

दिल्ली भाजपा अध्यक्ष ने सवाल करते हुए कहा कि केजरीवाल को जवाब देना चाहिए कि आज तक केवल 25 लोख रुपए की स्कॉलरशिप क्यों बांटी गई है, जबकि सरकार ने इसके प्रचार के लिए 2020-21 में करीब 5 करोड़ रुपए खर्च किए थे। वहीं, दिल्ली के बीजेपी नेता हरीश खुराना ने इस साल अगस्त में मिले एक आरटीआई रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि 2020-21, 2021-22 और 2022-23 वित्तीय वर्षों के दौरान केवल एक-एक छात्रों को स्कॉलरशिप दिया गया है, जबकि 2023-24 में यह संख्या बढ़कर दो गई।

एससी बच्चों की विदेशों में पढ़ाई की योजना 2020 से चल रही है, लेकिन में अब तक सिर्फ पांच बच्चों को विदेश भेजने के लिए पैसे दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार की अपनी एक रिपोर्ट के मुताबिक, 4 साल के पीएचडी कोर्स के लिए 20 लाख रुपए और इसके साथ ही मास्टर कोर्स के लिए 10 लाख रुपए की स्कॉलरशिप तय की थी। इसके लिए सरकार ने मानदंड भी निर्धारित किए थे, जिसका उल्लेख दिसंबर 2021 में प्रकाशित दिल्ली सरकार की रिपोर्ट में किया गया है।

'घोषणा कई बार, पूरा एक भी बार नहीं'

भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने अरविंद केजरीवाल की इसी घोषणा पर बात करते हुए प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि एक ही घोषणा को केजरीवाल कई बार कर चुके हैं, लेकिन पूरा एक बार भी नहीं किया। उन्होंने कहा एससी बच्चों की विदेश में पढ़ाई की योजना 2020 से चल रही है, लेकिन सच्चाई यह है कि इसके लिए सिर्फ बच्चों को पैसे दिए। वह भी पांच बच्चों को सिर्फ 25 लाख रुपए दिए।

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