OMG...: अक्षरधाम मंदिर में 'पुजारी' की भेष में लुटेरा, भक्त से 1.8 लाख का कीमती सामान लूटा

दिल्ली के एक शख्स ने रेडिट पर अनुभव शेयर किया है, जिसमें बताया कि किस तरह से अक्षरधाम मंदिर की पहली यात्रा परेशानी वाली साबित हुई है। उनकी कहानी जानकर आप भी अजनबियों पर भरोसा नहीं कर पाएंगे।

Updated On 2025-12-07 17:23:00 IST

अक्षरधाम मंदिर में भक्त से फर्जी पुजारी ने 1.8 लाख रुपये का सामान लूटा। 

दिल्ली के अक्षरधाम मंदिर में एक ठग ने फर्जी पुजारी के साथ मिलकर मेरा 1.8 लाख रुपये का कीमती सामान लूट लिया। यही नहीं, पुलिस को शिकायत दी तो पता चला कि बड़े मंदिरों में ऐसे ही घोटाले किए जाते हैं, इसलिए आगे से सतर्क रहना चाहिए। इसलिए, आपको जागरूक कर रहा हूं कि धार्मिक स्थलों पर भी किसी व्यक्ति पर भरोसा करने की बजाए अपना सामान क्लॉक रूम में ही रखें अन्यथा आपको मेरी तरह आर्थिक और मानसिक रूप से परेशान होना पड़ेगा।

दिल्ली के एक व्यक्ति ने यह बातें रेडिट पर अक्षरधाम मंदिर की पहली यात्रा के अनुभव के दौरान लिखी हैं। उन्होंने बताया कि इस जालसाजी की शुरुआत मंदिर परिसर से नहीं बल्कि यात्रा के दौरान ही शुरू हो चुकी थी। उन्होंने बताया कि मंदिर जाते समय 50 वर्षीय व्यक्ति मेरे पास आकर बैठा। शुरू में उसने रास्ता पूछा, इसके बाद जान लिया कि मैं अक्षरधाम मंदिर जा रहा हूं। इस पर उसने कहा कि वह मंदिर घूम चुका है, मैं तुम्हें भी सब दिखा सकता हूं। उसके मिलनसार स्वभाव और बातूनी अंदाज ने कम ही समय में अच्छी दोस्ती कर ली, जिसकी वजह से शक की गुंजाइश कम हो गई।

मंदिर पहुंचते ही दी ये हिदायत

उन्होंने आगे कहा कि मंदिर पहुंचते ही जब सामान रखने की बात आई तो चाचा (वृद्ध) ने कहा कि क्लॉक रूम सुरक्षित नहीं है। पहले उसका बटुआ और फोन क्लॉक रूम से चोरी हुआ था। उसने कहा कि वह मंदिर की व्यवस्था को जानता है। क्लॉक रूम में सामान बिल्कुल भी सुरक्षित नहीं है। इसके बाद उसने किसी परिचित को फोन किया, जिसके कुछ समय एक शख्स आया, जो कि पुजारी की वेशभूषा में था।

पुजारी की वेशभूषा से नहीं हुआ शक

शख्स ने आगे बताया कि चूंकि उसने पुजारी की वेशभूषा में था, इसलिए उस पर शक की बात ही नहीं थी। फर्जी पुजारी ने दिलासा दिया कि चिंता मत करो, तुम्हारा समाान यहीं सुरक्षित रहेगा। इसके बाद चाचा ने अपना बटुआ और फोन उसके दे दिया। यह देखकर उसने भी अपना फोन, बटुआ, स्मार्ट वॉच, बेल्ट, जूते और बाकी सामान भी उसे सौंप दिया। इसके बाद उस 'चाचा' के साथ मंदिर के दर्शन किए। उसने मंदिर के बारे में जो जानकारी दी, उसे देखकर लगा कि जैसे वे यात्रा सार्थक पर हैं। लेकिन, इसके बाद माहौल पूरी तरह से पलट गया।

लड्डू खिलाया और खेला आखिरी दांव

शख्स ने बताया कि मंदिर से बाहर आने के बाद उसका घोटाला अंतिम चरण पर पहुंच चुका था। उसने लड्डू खिलाया और यह कहकर रूकने का कहा कि वो दान राशि में पैसे डालने जा रहा है। यह सब इतना जल्दबाजी में हुआ कि उसे सोचने तक का भी समय नहीं मिला। कुछ देर इंतजार करने के बाद भी नहीं लौटा। यही नहीं, जब पुजारी की तलाश की तो वो भी फर्जी पाया गया और फरार पाया गया है।

1.8 लाख रुपये का सामान लूटा

उन्होंने कहा कि जब इस फर्जी पुजारी को गायब देखा तो अहसास हुआ कि यह सब योजनाबद्ध तरीके से हुआ है। उन्होंने बताया कि सैमसंग S 24 अल्ट्रा, Ultra Smart Watch और बटुआ जिसमें 8000 रुपये, डेबिट और ड्राइविंग लाइसेंस समेत कई कार्ड थे। यहां तक कि जूते और बेल्ट भी गंवा दिए हैं। कुल मिलाकर करीब 1.8 लाख रुपये का सामान गंवाया है। 

उन्होंने पोस्ट के अंत में लिखा, 'यह अंकल धैर्यवान, सौम्य और विश्वास दिलाने वाले हैं। ये लोग अच्छी तरह जानते हैं कि भावनाओं से कैसे खेलने हैं और लोगों को कैसे मूर्ख बनाना है।' उन्होने लोगों से धार्मिक स्थलों पर भी अजनबियों पर भरोसा न करने और अपना कीमती सामान क्लॉक रूम में ही रखने का आग्रह किया है, चाहे फिर वे अजनबी सच्चा ही क्यों न लगे।

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