Tihar Jail Extortion Racket: तिहाड़ जेल में जबरन वसूली रैकेट... दिल्ली सरकार ने सस्पेंड किए 9 अधिकारी
Tihar Jail Extortion Racket: दिल्ली सरकार ने तिहाड़ जेल के 9 अधिकारियों को जबरन वसूली रैकेट में शामिल होने के आरोपों के कारण सस्पेंड कर दिया। ये अधिकारी कैदियों के साथ मिलकर जेल के अंदर रैकेट चला रहे थे। अब इन अधिकारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा रही है।
तिहाड़ जेल में जबरन वसूली मामले में 9 अधिकारी सस्पेंड।
Tihar Jail Extortion Racket: दिल्ली के तिहाड़ जेल में जबरन वसूली रैकेट मामले में सरकार ने बड़ा एक्शन लिया है। दिल्ली सरकार ने बुधवार को हाईकोर्ट में बताया कि तिहाड़ जेल के अंदर रंगदारी के मामले में 9 अधिकारियों को सस्पेंड किया गया है। इनमें जेल अधीक्षक भी शामिल हैं, जो मौजूदा समय में मुख्यालय में तैनात थे। इसके अलावा सस्पेंड किए गए अधिकारियों में 3 सहायक अधीक्षक, 4 हेड वार्डन और एक अन्य अधिकारी शामिल हैं। रंगदारी का यह मामला तिहाड़ की जेल संख्या 8 और 9 से जुड़ा है।
हाल ही में दिल्ली हाईकोर्ट ने सीबीआई को तिहाड़ जेल के अंदर चल रहे रंगदारी रैकेट के आरोपों पर एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया था। आरोप है कि जेल के अंदर कैदियों से पैसा लेकर उन्हें सुविधा उपलब्ध कराई जाती थी। इसमें अधिकारियों के भी शामिल होने का शक था। अब इसी मामले में दिल्ली सरकार की ओर से कार्रवाई की गई है।
रिपोर्ट पेश करने के लिए 8 हफ्ते दिया समय
सोमवार (11 अगस्त) को दिल्ली हाईकोर्ट ने तिहाड़ जेल में रंगदारी रैकेट चलने के आरोपों पर सीबीआई को एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया था। आरोप था कि तिहाड़ जेल के अंदर अधिकारियों और कैदियों की संलिप्तता वाले एक जबरन वसूली का रैकेट चलाया जा रहा है। कोर्ट ने कहा था कि इस मामले पर तुरंत कार्रवाई करने की जरूरत है।
दिल्ली सरकार ने बुधवार को हाईकोर्ट से मांग की थी कि रिपोर्ट पेश करने के लिए दो महीने का समय दिया जाए। इस पर कोर्ट ने सीसीएस नियमों का हवाला देते हुए मौखिक रूप से टिप्पणी की, 'कृपया अनुशासनात्मक नियमों का सख्ती से पालन करें।' हाईकोर्ट ने सीबीआई और दिल्ली सरकार को अपनी रिपोर्ट पेश करने के लिए 8 हफ्ते समय दिया है। इस मामले की सुनवाई 28 अक्टूबर को होगी।
हाईकोर्ट ने दिए थे ये निर्देश
इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस डीके उपाध्याय की बेंच ने सीबीआई को आरोपों की प्रारंभिक जांच करने का आदेश दिया था, जिसकी रिपोर्ट 11 अगस्त को कोर्ट में पेश की गई। इस रिपोर्ट में संकेत मिले थे कि तिहाड़ जेल के अंदर भ्रष्ट और अवैध गतिविधियों में जेल के कई अधिकारी और कैदी शामिल हैं। वहीं, 2 मई को हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार के प्रधान सचिव (गृह) को जेल के अंदर प्रशासनिक चूक के लिए जिम्मेदार अधिकारियों का पता लगाने का निर्देश दिया था।