Supreme Court: उमर खालिद-शरजील की जमानत अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को फटकारा, सुनवाई टली

Supreme Court: दिल्ली पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट से उमर खालिद, शरजील इमाम, मीरान हैदर और गुलफिशा फातिमा की जमानत को लेकर जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगा, जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने उसे फटकार लगाई।

Updated On 2025-10-27 14:52:00 IST

उमर खालिद, शरजील इमाम आदि की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट।

Supreme Court: दिल्ली दंगों के दौरान कथित रूप से बड़ी साजिश रचने के मामले में उमर खालिद, शरजील इमाम, मीरान हैदर और गुलफिशा फातिमा की जमानत याचिका पर सुनवाई एक बार फिर 30 अक्टूबर तक टल गई है। दरअसल, सोमवार को दिल्ली पुलिस ने इस मामले में याचिकाकर्ताओं द्वारा दायर की गई जमानत याचिका पर काउंटर-एफिडेविट दायर करने के लिए सुप्रीम कोर्ट से दो सप्ताह का समय मांगा था।

इस पर सर्वोच्च कोर्ट ने नाराजगी जताई और दिल्ली पुलिस को फटकार लगाई। हालांकि बाद में सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें कुछ समय देते हुए अगली सुनवाई 30 अक्टूबर को तय कर दी।

उमर खालिद की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने दलील रखी। वहीं उनके खिलाफ अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने जस्टिस अरविंद कुमार और जस्टिस एनवी अंजारिया की बेंच के सामने अपनी दलील रखी। एसवी राजू ने मामले में जवाब दाखिल करने के लिए दो हफ़्ते का समय मांगा था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वो इस मामले की अगली सुनवाई शुक्रवार को करेंगे। साथ ही बेंच ने ये भी कहा कि जमानत के मामलों में जवाब दाखिल करने का सवाल ही नहीं उठता है।

कोर्ट ने कहा, 'हमने आपको काफी समय दिया है। आपने दो सप्ताह का समय मांगा है, लेकिन हम दो सप्ताह का समय नहीं देंगे।' इसके बाद एएसजी ने एक सप्ताह का समय मांगा।

इस पर कोर्ट ने कहा, 'शुक्रवार को सुनिश्चित करें कि आपके पास उचित निर्देश हों। हम शुक्रवार को इस मामले में सुनवाई करेंगे। ये केवल जमानत याचिका पर विचार करने के लिए है। पहले ही इन्हें जेल में 5 साल हो चुके हैं।'

याचिकाकर्ताओं की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि याचिकाकर्ता 5 साल से ज्यादा समय से जेल में हैं। वहीं वरिष्ठ अधिवक्ता एएम सिंघवी ने कहा कि पूरा मामला ही मुकदमे में देरी के बारे में है। ऐसे में सुनवाई में और देरी नहीं होनी चाहिए।

उमर खालिद, शरजील इमाम समेत अन्य आरोपियों ने दिल्ली हाईकोर्ट के उस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी, जिसमें 9 सितंबर को दिल्ली हाईकोर्ट ने उनकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया था।

बता दें कि याचिकाकर्ता 2019-20 में नागरिक संशोधन अधिनियम विरोधी प्रदर्शनों के आयोजनों में कई छात्र कार्यकर्ताओं ने भाग लिया था। फरवरी 2020 के अंतिम सप्ताह में दिल्ली में सांप्रदायिक दंगे भड़क गए थे। इन दंगों में याचिकाकर्ताओं पर कथित रूप से बड़ी साजिश रचने का आरोप है।

इसके लिए याचिकाकर्ता उमर खालिद, शरजील इमाम, मीरान हैदर और गुलफिशा फातिमा समेत अन्य गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (UAPA) और भारतीय दंड संहिता (IPC) के तहत आरोपों का सामना कर रहे हैं।

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