Supreme Court: दिल्ली में DDA लगाएगा 167000 पेड़, सुप्रीम कोर्ट ने दिया आदेश
Illegal Tree Cutting at Delhi: सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के छतरपुर में अवैध पेड़ कटाई पर डीडीए को फटकार लगाई है। कोर्ट ने डीडीए को मार्च, 2026 तक 1.67 लाख पेड़ लगाने का आदेश दिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने डीडीए को 1.67 लाख पेड़ लगाने का आदेश दिया।
Delhi Tree Cut Issue: राजधानी दिल्ली में हरियाली को बढ़ावा देने और प्रदूषण से निपटने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा कदम उठाया है। सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली विकास प्राधिकरण को शहर के 18 अलग-अलग इलाकों में 1.67 लाख पेड़ लगाने का आदेश दिया। जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस उज्जवल भुइयां और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की बेंच ने प्रतिपूरक वनरोपण के लिए वन विभाग को 18 भूखंड आवंटित करने की डीडीए की योजना को मंजूरी दे दी।
सर्वोच्च कोर्ट ने डीडीए को निर्देश दिया कि वो इन भूखंडों में 1.67 लाख से ज्यादा पेड़ लगाने के लिए वन विभाग को लगभग 46 करोड़ रुपये उपलब्ध कराए। कोर्ट ने कहा कि इससे शहर को लाभ होगा, जहां प्रदूषण की समस्या गंभीर है, खासकर सर्दियों के मौसम में।
मार्च, 2026 तक लगाने होंगे पेड़
सुप्रीम कोर्ट ने छतरपुर रिज में डीडीए द्वारा काटे गए हजार से ज्यादा पेड़ों की भरपाई के लिए यह आदेश दिया है। कोर्ट ने डीडीए को पूरे शहर में 18 अलग-अलग जगहों पर जमीन उपलब्ध कराने को कहा है। सुनवाई के दौरान अदालत ने साफ किया कि दिल्ली जैसे शहर में एक साथ 185 एकड़ जगह मिलना मुश्किल है। ऐसे में पॉकेट में बांट कर पौधरोपण की योजना को मंजूरी दी।
दिल्ली वन विभाग ने अदालत को बताया कि सर्दी के मौसम में पौधे लगाना सही नहीं है। इसकी वजह से सुप्रीम कोर्ट ने 31 मार्च 2026 तक पौधरोपण की अंतिम तारीख तय कर दी। साथ ही कोर्ट ने डीडीए को पौधों की देखभाल और सुरक्षा के लिए भी योजना बनाने का निर्देश दिया है, जिससे लगाए गए पौधे कम से कम खराब हों। अदालत ने कहा कि सिर्फ पेड़ लगाना काफी नहीं। हर साइट पर पक्की दीवार बनेगी और देशी प्रजाति के पेड़ लगाए जाएंगे।
इस वजह से दिया आदेश
दरअसल, मई में सुप्रीम कोर्ट ने डीडीए अधिकारियों को दिल्ली रिज क्षेत्र में पेड़ों की अवैध कटाई के मामले में अवमानना का दोषी पाया था। उस दौरान कोर्ट ने 25,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया था। इसकी भरपाई करने के लिए कोर्ट ने यह आदेश दिया। सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया कि यह केस बंद नहीं होगा। डीडीए और दिल्ली सरकार हर कदम पर जवाब देंगे।
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