Delhi: दिल्ली में सभी कमर्शियल वाहनों को देना होगा ईसीसी, SC ने खत्म की ये छूट

Supreme Court: दिल्ली में अब सभी कमर्शियल वाहनों की एंट्री पर हरित शुल्क लगाया जाएगा। इसको लेकर हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने आदेश जारी किया है। अभी तक जरूरी खाद्य वस्तुएं जैसे दूध, फल-सब्जी जैसे सामान लाने वाले वाहनों को छूट दी जाती थी।

Updated On 2025-10-02 16:06:00 IST

दिल्ली में एंट्री के लिए सभी कमर्शियल वाहनों से ईसीसी चार्ज लिया जाएगा।

Supreme Court: राजधानी दिल्ली में अब सभी कमर्शियल वाहनों को एंट्री पर हरित शुल्क देना पड़ेगा। अभी तक दिल्ली में आवश्यक खाद्य वस्तुएं लाने वाले वाहनों पर हरित शुल्क नहीं लगाया जाता था। पिछले 10 सालों से जरूरी खाद्य पदार्थ वाले वाहनों को हरित शुल्क नहीं देना पड़ता था। हालांकि अब सुप्रीम कोर्ट ने इस छूट को खत्म कर दिया है। अब दिल्ली में सब्जी, दूध, फल, अंडे जैसे सामान लेकर आने वाले वाहनों पर ईसीसी यानी पर्यावरण क्षतिपूर्ति शुल्क लगाया जाएगा।

सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस विनोद और जस्टिस एनवी अंजरिया की पीठ ने यह फैसला सुनाया है। इसको लेकर दिल्ली नगर निगम की ओर से अर्जी लगाई थी। बता दें दिल्ली नगर निगम ने 9 अगस्त, 2015 को यह छूट लागू की थी, जिसमें जरूरी खाद्य वस्तुएं लेकर आने वाले वाहनों पर हरित शुल्क लगाया जाएगा।

सुप्रीम कोर्ट ने दिए ये निर्देश

अब खाने के जरूरी सामान जैसे दूध, दही, घी और सब्जी, फल जैसे वाले वाहनों को भी दिल्ली में एंट्री करने के लिए हरित शुल्क देना पड़ेगा। को एमसीडी की ओर से दाखिल अर्जी पर विचार करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने एमसीडी को यह भी निर्देश दिया है कि इन वाहनों पर पर्यावरण क्षतिपूर्ति शुल्क यानी ईसीसी इतना ज्यादा न लगाया जाए, जिससे आम लोगों पर इसका ज्यादा बोझ पड़े।

क्यों लिया गया यह फैसला?

दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका में बताया कि हर दिन 45-50 हजार छोटे-बड़े वाहन दिल्ली में आते हैं, जिनमें दूध और दूध से बने उत्पाद, सब्जी-फल और अंडे जैसी खाने-पीने की वस्तुएं होती हैं। ऐसे वाहनों की जांच के लिए दिल्ली की सीमाओं पर 156 बड़े चेक पोस्ट बनाए गए हैं। ऐसे में इन वाहनों को हरित शुल्क यानी ईसीसी की छूट के लिए रुकना पड़ता है, जिसके कारण अन्य वाहन चालकों को इंतजार करना पड़ता है। इसकी वजह से जाम की समस्या पैदा होती है।

एमसीडी ने बताई ये समस्या

एमसीडी ने कोर्ट में बताया कि सभी कमर्शियल मालवाहक वाहनों के आकार के हिसाब से टोल और ईसीसी चार्ज लिया जाता है। एमसीडी टोल पर ऐसे वाहनों से टोल टैक्स और ईसीसी शुल्क आरएफआईडी टैग से लिया जाता था। ऐसे में अगर कोई वाहन चालक दावा करता है कि उसके वाहन में जरूरी सामान हैं, तो टोल नाके पर ही जांच की जाती है। साथ ही वाहन की वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी की जाती थी।

अगर चालक का दावा ठीक निकलता है, तो उसे आरएफआईडी टैग में काटे गए ईसीसी शुल्क को रिफंड कर दिया जाता है। हालांकि चालक के दावे की जांच के लिए वीडियोग्राफी करने के दौरान अन्य वाहन चालकों को काफी देर तक रुकना पड़ता है। ऐसे में अगर सभी कमर्शियल मालवाहक वाहनों पर ईसीसी लगाया जाएगा, तो जरूरी सामान वाले वाहनों की जांच नहीं करनी पड़ेगी। इससे जाम की समस्या खत्म होगी।

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