Supreme Court: 'अदालत परिसर में खुले में न फेंके खाना', आवारा कुत्तों को लेकर सुप्रीम कोर्ट का आदेश
Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को अदालत परिसर में बचे हुए खाने के पूरी तरह से निपटान करने को लेकर निर्देश जारी किया। नीचे पढ़ें सुप्रीम कोर्ट का निर्देश...
आवारा कु्त्तों को लेकर सुप्रीम कोर्ट का नया आदेश।
Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट ने 12 अगस्त को एक सर्कुलर जारी किया, जिसमें कहा गया कि अदालत परिसर के अंदर बचे हुए खाने का पूरी तरह से निपटान जरूरी है। इससे जानवरों के काटने से बचा जा सकेगा। अदालत की ओर से जारी सर्कुलर में सुप्रीम कोर्ट परिसर के गलियारों और लिफ्ट में आवारा कुत्तों के घूमने की घटनाओं में काफी बढ़ोतरी का भी जिक्र किया गया। सर्कुलर में कहा गया कि भी बचे हुए खाद्य पदार्थों को केवल उचित रूप से ढके हुए कूड़ेदानों में ही फेंका जाना चाहिए।
किसी भी हालत में भोजन को खुले स्थानों या खुल कंटेनरों में नहीं फेंका जाना चाहिए। बता दें कि इससे पहले मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में सभी आवारा कुत्तों को पकड़कर शेल्टर में रखने का आदेश दिया है। इस आदेश के अगले दिन ही कोर्ट ने यह सर्कुलर जारी किया है।
क्या होगा फायदा?
सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी सर्कुलर में कहा गया कि अदालत परिसर में खाने-पीने से जुड़े किसी भी तरह के खाने वाले पदार्थ को खुले में नहीं फेंका जाना चाहिए। यह कदम बेहद जरूरी है, जिससे आवारा जानवर और पशु खाने की तलाश में इधर-उधर न भटकें। कोर्ट ने इन निर्देशों का पालन करने के निर्देश दिए हैं। इससे आवारा जानवरों द्वारा लोगों का काटने का जोखिम कम हो जाएगा। साथ ही परिसर में साफ-सफाई भी बनी रहेगी। सुप्रीम कोर्ट ने सर्कुलर में कहा कि इस निर्देश को लागू करने के लिए सभी का सहयोग जरूरी है, जो लोगों की सुरक्षा के लिए बेहद आवश्यक है।
11 अगस्त को कोर्ट ने दिया था ये आदेश
इससे पहले 11 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि दिल्ली-एनसीआर में सड़कों और गलियों में घूम रहे आवारा कुत्तों को स्थायी रूप से शेल्टर में शिफ्ट किया जाए। इस आदेश के तहत 8 हफ्तों के अंदर सभी आवारा कुत्तों को शेल्टर घरों में भेजने का आदेश दिया है। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट में स्वत: आवारा कुत्तों के काटने के बढ़ते मामलों पर संज्ञान लिया था।
कोर्ट ने यह आदेश आवारा कुत्तों के काटने से बच्चों को रेबीज होने की गंभीर समस्या को देखते हुए दिया है। हालांकि बहुत से लोग अदालत के इस आदेश नाखुश हैं। उनका कहना है कि कुत्ते कोई समस्या नहीं हैं, जिन्हें मिटा दिया जाए। वहीं, दिल्ली सरकार और एमसीडी आवारा कुत्तों को सड़कों से हटाने की तैयारियों कर रहे हैं।