Delhi Blast: शू बॉम्बर, TATP विस्फोटक का इस्तेमाल... उमर ने कैसे किया i20 कार में धमाका?
Delhi Blast Probe: दिल्ली ब्लास्ट की जांच में सुरक्षा एजेंसियों को घटनास्थल से आई20 कार में ड्राइविंग सीट के नीचे के राइट फ्रंट टायर से एक जूता मिला है। इस जूते में एक मैटल नुमा पदार्थ मिला है। माना जा रहा है कि इसी से ब्लास्ट को अंजाम दिया गया है।
दिल्ली धमाके की जांच में बड़ा खुलासा।
Delhi Blast Probe: दिल्ली में लाल किले के पास हुए धमाके की जांच में बड़ा खुलासा हुआ है। जांच एजेंसियों को शक है कि जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी डॉक्टर उमर नबी ने शू बॉम्बर यानी जूता बम का इस्तेमाल किया होगा। आतंकी उमर ने अपने जूते में छिपाए खतरनाक विस्फोटक टीएटीपी से आत्मघाती हमले को अंजाम दिया होगा। कार ब्लास्ट की जांच में ऐसे कई सबूत मिले हैं, जो इसकी तरफ इशारा करते हैं।
सूत्रों के अनुसार, जांच टीमों को धमाके वाली आई20 कार की ड्राइविंग सीट के नीचे राइट फ्रंट टायर के पास एक जूता मिला है। जांच करने पर इस जूते में एक मेटल जैसा विस्फोटक सब्सटेंस मिला है। जांच एजेंसियों को संदेह की है कि यही मेन ट्रिगर है, जिससे लाल किले के पास कार में धमाके को अंजाम दिया गया है।
जूते-टायर से भी मिले टीएटीपी के ट्रेसेस
एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, लाल किले के सामने घटनास्थल की जांच में सामने आया है कि अमोनियम नाइट्रेट के साथ टीएटीपी एक्सपोजिसव का भी इस्तेमाल किया गया है। लाल किला ब्लास्ट में इस बात की भी पुष्टि हो गई है। कार में पीछे की सीट के नीचे के हिस्से में भी विस्फोटक होने के सबूत मिले हैं।
वहीं, फोरेंसिक जांच में धमाके वाली जगह से टायर और जूते से भी टीएटीपी के ट्रेसेस बरामद किए गए हैं। बता दें कि टीएटीपी यानी ट्राइएसीटोन ट्राइपेरोक्साइड एक खतरनाक विस्फोटक है, जिसे दुनिया के कई बड़े आतंकी हमलों में इस्तेमाल किया गया है। इसे 'मदर ऑफ सैटेन' के नाम से भी जाना जाता है। इसे एसीटोन, हाइड्रोजन पेरऑक्साइड और एसिड जैसे आसान और घरेलू केमिकल्स से बनाया जा सकता है, इसलिए आतंकी इसका इस्तेमाल करते हैं। यह वजन में बहुत हल्का होता है, लेकिन धमाका इतना ताकतवर करता है कि भारी नुकसान पहुंचाता है।
अमेरिका में भी हुई थी ऐसे धमाके को कोशिश
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, दिसंबर, 2021 में अमेरिका एयरलाइंस में भी इस तरह के धमाके की कोशिश की गई है। पेरिस से मियामी जा रही अमेरिकी एयरलाइंस की फ्लाइट में रिचर्ड रीड नाम के एक शू बॉम्बर ने अपने जूतों में खतरनाक विस्फोटक टीएटीपी से धमाका करने की कोशिश की थी, लेकिन वह सफल नहीं पाया था। बताया जा रहा है कि इसी पैटर्न पर आतंकी उमर ने एक शू बॉम्बर बनकर इस लाल किले के पास धमाके को अंजाम दिया होगा।
टेरर मॉड्यूल को 20 लाख की फंडिंग
जांच में सामने आया कि ब्लास्ट की साजिश के लिए आतंकी मॉड्यूल तक गिरफ्तार लेडी डॉक्टर शाहीन सईद के जरिए 20 लाख रुपये पहुंचाए गए थे। फंडिंग और लॉजिस्टिक्स में शाहीन का अहम रोल बताया जा रहा है। अब जांच एजेंसियों आतंकियों को मिलने वाली फंडिंग और सप्लाई चेन का पर्दाफाश करने में जुटी हुई हैं।
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