Political War: AAP का INDIA गठबंधन से मोहभंग क्यों हुआ? सौरभ भारद्वाज ने बताई वजह
कांग्रेस ने इंडिया गठबंधन के विपक्षी दलों की बैठक बुलाई है, वहीं 'आप' ने इंडिया गठबंधन से किनारा कर लिया है। सौरभ भारद्वाज ने इसके पीछे की वजह स्पष्ट की है।
आम आदमी पार्टी के नेता सौरभ भारद्वाज।
आम आदमी पार्टी ने आने वाले चुनावों के मद्देनजर INDIA गठबंधन से अलग होने का फैसला सुनाया है। आम आदमी पार्टी का कहना है कि गुजरात चुनाव अकेले दम पर लड़ा जाएगा। इस फैसले से इंडिया गठबंधन के अस्तित्व पर सवाल उठ रहे हैं। आप दिल्ली अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज ने अब पार्टी की ओर से इंडिया गठबंधन से अलग होने की वजह बताई है।
उन्होंने कहा कि हमने लोकसभा चुनाव में शीट शेयरिंग की थी, जिसमें हम लड़े थे। लेकिन हमने दिल्ली विधानसभा चुनाव में कोई सीट शेयरिंग नहीं की थी। उन्होंने कहा कि हम विपक्ष के मुद्दे उठाते आए हैं और संजय सिंह भी विपक्ष की मुखर आवाज है। और विपक्ष की तमाम राजनीतिक पार्टियां, चाहे तृणमूल कांग्रेस पार्टी हो, समाजवादी पार्टी हो या फिर अन्य अलग-अलग पार्टियां हों, हमारा सभी विपक्षी दलों के साथ समन्वय रहता है। ममता बनर्जी का दल हो, हेमंत सोरेन, स्टालिन साहब की पार्टी और सभी विपक्षी दलों से बहुत अच्छा तालमेल है, विपक्ष की आवाज हमेशा उठाई जाती है। लेकिन हम कांग्रेस के अधीन इंडिया गठबंधन में नहीं हैं।
'पूरे देश का विपक्ष एक साथ'
संसद के मानसून सत्र से पहले इंडिया गठबंधन की वर्चुअल बैठक बुलाई गई है। यह बैठक सोनिया गांधी के नेतृत्व में होगी। दावा किया गया है कि इस बैठक में 18 विपक्षी दलों के प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे। आम आदमी पार्टी के इंडिया गठबंधन से अलग होने को लेकर चर्चा चल रही है कि इस बैठक में कौन कौन से दल दूरी बना सकते हैं। कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने इंडिया गठबंधन बैठक पर कहा कि देश के समक्ष बहुत बड़े मुद्दे हैं। हम सब मिलकर इस पर रणनीति बनाएंगे। उन्होंने कहा कि इंडिया गठबंधन एक बड़ा गठबंधन है, जिसमें कई सदस्य हैं। एक तरह से पूरे देश का विपक्ष एकजुट है।
यहां से पड़ी कांग्रेस-आप में रार
आम आदमी पार्टी ने दिल्ली लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को तीन सीट दी थी। जब विधानसभा चुनाव आए तो कांग्रेस ने अलग चुनाव लड़ने का फैसला ले लिया। आम आदमी पार्टी की नींव दिल्ली में पड़ी थी। आम आदमी पार्टी इस चुनाव में कांग्रेस के साथ समझौता चाहती थी, लेकिन दबाव बनाने के लिए कांग्रेस से पहले अपने प्रत्याशी घोषित कर दिए। ऐसे में कांग्रेस ने भी अपने कैंडिडेट के नामों की घोषणा करनी शुरू कर दी। इसके अलावा, पंजाब में भी आप और कांग्रेस के बीच गठबंधन नहीं हुआ था।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कांग्रेस और आप मिलकर दिल्ली विधानसभा चुनाव लड़ते तो इंडिया गठबंधन 12 सीटें और जीत जाती। बता दें कि इस चुनाव में बीजेपी को 48 सीटें और आप को 22 सीटें मिली हैं। अगर मिलकर चुनाव लड़ते तो यह परिणाम बदल सकता था।
इंडिया गठबंधन की बैठक में शामिल होगी टीएमसी
टीएमसी ने पहले इंडिया गठबंधन की बैठक में शामिल न होने का फैसला लिया था, लेकिन अब बैठक वर्चुअली होने के चलते टीएमसी ने इंडिया गठबंधन की बैठक में शामिल होने का फैसला ले लिया है। सूत्रों के मुताबिक, इस बैठक में टीएमसी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी शामिल होंगे। समाजवादी पार्टी से अखिलेश यादव, शिवसेना (उद्धव गुट) से उद्धव ठाकरे, डीएमके से एमके स्टालिन समेत 18 विपक्षी दलों के नेताओं के इस बैठक में शामिल होने की संभावना जताई गई है।