Satta King: सट्टा किंग की जुआरियों से बड़ी धोखाधड़ी, दिल्ली पुलिस भी सकते में, आप न फंसे

जुआ की दुनिया में सट्टा किंग को बेहद ईमानदार माना जाता है कि वो जुआरियों को जीती गई राशि बिना किसी परेशानी के दे देता है। लेकिन, अब सट्टा किंग बेईमान भी होने लगा है। पढ़िये पूरा मामला...

Updated On 2025-11-05 15:54:00 IST

सट्टा किंग का जुआरियों के खेला। 

हर किसी की चाह होती है कि ज्यादा से ज्यादा पैसा कमाया जाए। नौकरीपेशा लोग ओवरटाइम करते हैं ताकि ज्यादा वेतन मिले और प्रमोशन के भी चांस बढ़ जाएं। बिजनेस करने वाले लोगों का भी मस्तिष्क 24 घंटे कारोबार को बढ़ाने में लगा रहता है। वहीं, कुछ लोग ऐसे हैं, जो कि ज्यादा धन कमाने के चक्कर में गलत काम करने लगते हैं। लेकिन, अपराध करने वाले कभी न कभी कानून के शिकंजे में फंस ही जाते हैं। दिल्ली पुलिस ने ऐसे 9 लोगों को गिरफ्तार किया है, जिन्होंने ऑनलाइन जुआ खेलने जैसा अवैध कार्य किया बल्कि जीतने के बाद भी जीती गई जुआ राशि भी नहीं मिली, उलटा सलाखों के पीछे पहुंचे गए।

दिल्ली पुलिस ने बताया कि 5 सितंबर को सुल्तानपुरी इलाके में गश्त के दौरान सूचना मिली कि कुछ लोग ऑनलाइन जुआ खेल रहे हैं। इस पर तुरंत टीम का गठन कर बताए गए स्थान पर छापा मारा। छापे के दौरान 9 आरोपियों को जुआ खेलते पकड़ा गया। मौके से 85320 रुपये नकद, छह कंप्यूटर सेटअप और जुआ खेलने के लिए अन्य सामान को बरामद किया गया। खास बात है कि जुआ खिलवाने वाला सरगना भुवेंद्र उर्फ भूपेंद्र भी पुलिस के हत्थे चढ़ गया। भूपेंद्र भी सुल्तानपुरी का ही रहने वाला है। पूछताछ में भूपेंद्र ने जो खुलासा किया, उससे जुआ खेलने वाले आरोपियों के भी होश उड़ गए।

कभी नहीं मिलती जीती गई जुआ राशि

पुलिस ने बताया कि यह सभी आरोपी मुंबई बेस्ड कैसीनों जुआ रैकेट के माध्यम से जुआ खेल रहे थे। वे संदिग्ध लिंक्स और अनाधिकृत ऐप के जरिये लोगों को फंसाते हैं। एक ऑनलाइन ऐप के माध्यम से आधिकारिक ऐप स्टोर के बाहर होस्ट किए गए डाउनलोड लिंक सुर्कलेट करते हैं। लोगों को क्यूआर कोड भेजकर इस अनाधिकृत ऐप को इंस्टॉल करने के लिए कहा जाता है।

इस अनाधिकृत ऐप को इंस्टाल करने के बाद लोगों को जुआ खेलने के लिए पैसे जमा करने के कहा जाता है ताकि पैसों से प्वाइंट खरीद लें। जुआ रैकेट से जुड़ी टेक्निकल टीम कभी भी किसी व्यक्ति को जुआ जीतने नहीं देती, अगर कोई जीत जाता तो प्वाइंट के रूप से उसके अकाउंट में सुरक्षित रख लिया जाता। शर्त रख दी जाती कि इतनी राशि जमा होने पर ही विड्रॉल हो सकेगा।

तीन महीने में बंद कर दिया जाता ऐप

पुलिस ने बताया कि यह रैकेट तीन महीने बाद इस ऐप को बंद कर देता है। ऐसे में जिन भी जुआरियों के अकाउंट में पैसा होता है, वो कभी वापस नहीं मिलता है। इसके बाद फिर से नया ऐप बनाकर पहले की तरह लोगों को फंसाने में लग जाते हैं। पुलिस ने बताया कि सुल्तानपुरी से जुआ रैकेट के सरगना भुवेंद्र उर्फ भूपेंद्र के अलावा सूरज, मयंक, राहुल, रोहन, राजेंद्र गुप्ता, धर्मवीर, दिलशाद अहमद, राजेश गुप्ता को भी जुआ खेलने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया है। जांच जारी है। 

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