Cyber Fraud: Online बेटिंग ऐप के जरिए ठगी... ग्रेटर नोएडा में फ्रॉड गैंग का भंडाफोड़, 8 अरेस्ट

Noida Cyber Fraud: ग्रेटर नोएडा में बड़े साइबर ठगी गिरोह का पर्दाफाश हुआ है। पुलिस ने 8 आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जो ऑनलाइन बेटिंग ऐप के जरिए रोजाना 8-10 लाख रुपये की ठगी करते थे।

Updated On 2025-11-15 11:57:00 IST

ग्रेटर नोएडा में ऑनलाइन ठगी करने वाले गैंग का पर्दाफाश।

Noida Cyber Fraud: दिल्ली से सटे ग्रेटर नोएडा में एक बड़े फ्रॉड गैंग का भंडाफोड़ हुआ है। ग्रेटर नोएडा की बिसरख पुलिस ने ऑनलाइन गेमिंग के जरिए ठगी करने वाले 8 लोगों को गिरफ्तार किया है। इसमें एक महिला भी शामिल हैं। पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से बड़ी मात्रा में जाली बैंक पासबुक, चेकबुक, फर्जी एटीएम कार्ड, प्री-एक्टिवेटेड सिम कार्ड, 8 लैपटॉप और 56 मोबाइल फोन समेत अन्य उपकरण बरामद किए हैं। पुलिस के अनुसार, यह गिरोह 'विनबुज' नाम के ऑनलाइन गेमिंग/बेटिंग ऐप के जरिए लोगों को अपना शिकार बनाते थे।

यह गिरोह रोजाना लगभग 8 से 10 लाख रुपये तक की ठगी कर रहा था। दरअसल, पुलिस को सूचना मिली थी कि एक ग्रुप फ्लैट में बैठकर लैपटॉप और मोबाइल के जरिए ऑनलाइन गेमिंग के बहाने ठगी का धंधा चला रहे हैं। इसके पुलिस ने मौके पर छापेमारी करके आरोपियों को धर दबोचा।

कैसे करते थे ठगी?

पुलिस की पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे इंस्टाग्राम और फेसबुक पर गेमिंग विज्ञापन चलाते थे, जिससे लोगों को अपने जाल में फंसा सकें। आरोपियों ने बताया कि उनके नेटवर्क में 'लियो' नामक एक व्यक्ति था, जो लिंक उपलब्ध करवाता था। इसी लिंक के जरिए लोग गिरोह की फर्जी वेबसाइट पर पहुंचते थे।

इसके बाद आरोपी गेम खेलने के लिए पैसे जमा कराने के नाम पर धनराशि लेते थे, जिसके बदले में उनके अकाउंट में काल्पनिक प्वाइंट और करेंसी डालते थे। पुलिस के अनुसार, शुरुआत में आरोपी यूजर को लालच देने के लिए छोटी राशि जिताते थे, जिससे वह फिर से ज्यादा पैसे लगाए। इसके बाद जब लोग ज्यादा पैसे देते थे, तो ऐप में उन्हें लगातार हारने पर मजबूर किया जाता और उनका पूरा पैसे डूब जाता था।

पूछताछ में हुआ खुलासा

गिरोह से पूछताछ में ठगी का पूरा तरीका सामने आया। आरोपियों ने बताया कि वे फर्जी आईडी के आधार पर बैंक खाते खुलवाते थे। इसके लिए आरोपी दूसरों की आईडी का इस्तेमाल करके फर्जी सिम कार्ड लेते थे, फिर उससे बैंक अकाउंट खुलवाते थे। गिरोह के लोग इन खातों का इस्तेमाल ठगी का पैसा मंगाने और ट्रांसफर करने के लिए किया जाता था।

पुलिस के मुताबिक, आरोपियों के पास से जो सिम कार्ड बरामद किए गए हैं, वे प्री-एक्टिवेटेड हैं और किसी दूसरे के नाम पर जारी किए गए हैं। जानकारी के मुताबिक, गैंग के आरोपी एक आईडी पर करीब 3 हजार क्लाइंट्स जोड़ता था। इसके बाद जिस खाते में 50 हजार रुपये जमा हो जाते थे, उन्हें बंद कर दिया जाता था। फिर पैसे को अलग-अलग खातों के जरिए आरोपी 'लियो' द्वारा बताये खाते में ट्रांसफर कर देते थे, जिसके बाद एटीएम/डेबिट कार्ड के जरिए निकाले जाते थे।

डीसीपी ने दी जानकारी

डीसीपी सेंट्रल नोएडा मोहन अवस्थी ने बताया कि पुलिस की टीम ने ला रेजीडेंसिया सोसायटी के टावर-1 के फ्लैट नंबर 2101 में छापेमारी की। यहां से एक टेबल पर भारी मात्रा में लैपटॉप, मोबाइल, सिम कार्ड, बैंक पासबुक और चेकबुक रखे हुए थे। वहां पर मौजूद कई आरोपी लैपटॉप पर लाइव गेमिंग और बेटिंग की कमांड्स चला रहे थे, जबकि लोग फोन पर हार-जीत की बाजी लगा रहे थे। पुलिस ने मौके से 8 आरोपियों को गिरफ्तार किया है।

गिरोह के सभी सदस्य इटावा जिले के रहने वाले हैं। उनकी पहचान अंकित सिंह (24), चिराग जैन (21), हिमांशु (20), प्रथम मिश्रा (22), हर्षित वर्मा, (23), अंश वर्मा (20), नितिन बाबू (22) और कीर्ति (23) के रूप में हुई है। बताया जा रहा रहा है कि ये गिरोह पिछले 3 महीने से फ्लैट में बैठकर ऑनलाइन ठगी का धंधा चला रहा थे।

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