Historical Havelis: दिल्ली की फेमस 8 हवेलियां, जिनमें छिपी हैं अनगिनत कहानियां, जानें इतिहास

आज दिल्ली की 8 पुरानी हवेलियों के बारे में बताएंगे, जो कि ऐतिहासिक हवेलियां है। मिर्जा गालिब, चुन्नामल हवेली, खजांची हवेली और अन्य फेमस हवेलियां है।

Updated On 2025-09-21 20:00:00 IST

 पुरानी दिल्ली की फेमस 8 हवेलियां

Old Delhi Historical Havelis: आज पुरानी दिल्ली की गलियां भीड़-भाड़ और फेमस बाजारों के लिए ही नहीं, बल्कि पुरानी हवेलियों के लिए भी जानी जाती हैं। ये हवेलियां कई साल पुरानी या कहे सैकड़ों साल पुरानी है। इनके अंदर अनगिनत कहानियां और इतिहास छिपा हुआ है जो हमारे उस दौर के सामाजिक और सांस्कृतिक जीवन की झलक को दिखाता है।

ये हवेलियां भारतीय संस्कृति की वास्तुकला और संस्कृती की उदाहरण हैं। इन हवेलियों में मुगल और ब्रिटिश काल की मिश्रित वास्तुकला के नमूने भी मिलते हैं। चलिए जानते हैं दिल्ली की पुरानी हवेलियों के इतिहास के कुछ हिस्सों के बारे में, जो हमें ऐतिहासिक महत्व से परिचय करवाता है।

नौघेरा की हवेलियां

नौघेरा की हवेलियां पुरानी दिल्ली के नौघेरा नामक गली में स्थित हैं ,जो कि किनारी बाजार के पास है। ये लगभग 1700 दशक के आस-पास नौ हवेलियों के समूह में बनाई गई थी। इनमें अलंकृत बालकनियां, विशाल आंगन और नक्काशीदार दरवाजे लगे हैं। ये हवेलियां पुराने समय की वास्तुकला और सांस्कृतिक जीवन की झलक हैं, जो हमें 18वीं सदी की याद दिलाती हैं।

मिर्जा गालिब की हवेली

मिर्जा गालिब की हवेली का इतिहास एक महान उर्दू के शायर मिर्जा गालिब से जुड़ा है। इसी हवेली में उन्होंने अपना जीवन व्यतीत किया था, बाद में इसे एक म्यूजियम में बदल दिया गया। इस म्यूजियम में मिर्जा गालिब के जीवन और उनके कार्यों से जुड़ी जानकारी मौजूद है। साहित्य प्रेमियों के लिए यह हवेली आकर्षण का केंद्र है।

चुन्नामल की हवेली

चुन्नामल की हवेली भी पुरानी दिल्ली की ऐतिहासिक हवेलियों में से एक है। जो अपने विशाल आंगन और नक्काशीदार कारीगरी के लिए फेमस है। यह हवेली मुगल काल के शाही जीवनशैली को दिखाती है। 

हवेली शरीफ मंजिल

पुरानी दिल्ली में लगभग 300 पहले बनी ये हवेली शरीफ मंजिल के नाम से फेमस है।  इसे खानदान-ए- शरीफ द्वारा संजोकर रखा गया है, जो समरकंद से भारत आए था। इस खानदान के लोग आज भी यहां रहते हैं। यह हवेली अपने शानदार डिजाइन और मजबूत निर्माण के लिए जानी जाती है।

खजांची हवेली

खजांची हवेली वर्तमान में खंडहर हो चुकी है, परन्तु यह दीवारों पर बनी नक्काशी और बड़े आंगन की वजह से ऐतिहासिक महत्व के लिए जानी जाती है। यह पुरानी दिल्ली के शाहजहानाबाद में स्थित है। इस हवेली को प्राइम वीडियो की सीरीज 'मेड इन हेवेन' में दिखाया गया है। ये हवेली समय की मार सहने के बाद भी अपनी कहानी बयां करती है, और आज भी दिल्ली की विरासत में शुमारी जाती है।

कथिका कल्चरल सेंटर

कथिका कल्चरल सेंटर पुरानी दिल्ली के सीता राम बाजार में स्थित एक म्यूजियम और कल्चर सेंटर है। इस हवेली के दरवाजे और दीवारों पर पुराने इतिहास और संस्कृति की झलक देखने को मिलती है। जो आज भी इसको खास पहचान दिलाती है।

बेगम समरू की हवेली

एक समय था जब इस हवेली में बेगम समरू रहा करती थी। उसी के नाम पर इसका नाम बेगम समरू पड़ा था। बाद में अंग्रेजों ने इस हवेली का नाम भागीरथ पैलेस रख दिया था। आज इस हवेली में एशिया का सबसे बड़ा इलेक्ट्रॉनिक बाजार लगता है।

जीनत महल हवेली

जीनत महल हवेली को मुगल काल की सबसे अंतिम इमारत माना जाता है। इसे हवेली का निर्माण बहादुर शाह जफर ने अपनी बेगम जीनत के लिए करवाया था। इसके अंदर मुगल शैली की सभी विशेषताएं मौजूद हैं, जो मुगलों के शाही जीवन शैली को दिखाती हैं।

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