Mirza Shadab Baig: जांच एजेंसियों की रडार पर लापता मिर्ज़ा शादाब बेग, बटला हाउस एनकाउंटर से लापता

Mirza Shadab Baig: इंडियन मुजाहिदीन का 2008 से लापता ऑपरेटिव मिर्ज़ा शादाब बेग एक बार फिर से जांच एजेंसियों के रडार पर है। जांचकर्ताओं को उसके और दिल्ली लाल किला विस्फोट मामले के बीच नए संबंध मिले हैं।

Updated On 2025-11-21 17:00:00 IST

दिल्ली ब्लास्ट में मिर्ज़ा शादाब बेग का कनेक्शन।

Mirza Shadab Baig: 2008 से लापता इंडियन मुजाहिदीन का ऑपरेटिव मिर्ज़ा शादाब बेग एक फिर से जांच एजेंसियों की रडार पर है। इसकी वजह ये है कि जांच एजेंसियों को उसके और दिल्ली लाल किला ब्लास्ट केस के बीच नए लिंक मिले हैं। इस मामले में अधिकारियों का कहना है कि हाल ही में सामने आए जैश-ए-मोहम्मद के 'व्हाइट कॉलर मॉड्यूल' ने आजमगढ़ IM नेटवर्क का भी डर वापस ला दिया है। ये आरोपी 2008 के बटला हाउस एनकाउंटर के दौरान सामने आया था।

बता दें कि मिर्ज़ा शादाब बेग मूल रूप से आजमगढ़ का रहने वाला है। उसे एक अहम रिक्रूटर माना जाता है। उसने अल-फलाह स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी से पढ़ाई की है। उसने 2007 में इलेक्ट्रॉनिक्स और इंस्ट्रूमेंटेशन में BTech किया था। इसके बाद वो जल्द ही गायब हो गया था। इस मामले में एक अधिकारी ने बताया कि मिर्ज़ा शादाब बेग 19 सितंबर 2008 से लापता है। ठीक उसी दिन बटला हाउस एनकाउंटर हुआ था। उस पर 1 लाख रुपए का इनाम है।

जानकारी के अनुसार, आरोपी कई बम धमाकों में जैसे-2008 जयपुर सीरियल बम विस्फोट, अहमदाबाद-सूरत बम विस्फोट और 2007 गोरखपुर विस्फोट मामलों में वांटेड है। बता दें कि साल 2008 में जयपुर में अलग-अलग जगहों पर 15 मिनट के अंदर नौ धमाके हुए थे। इन धमाकों में 63 लोगों की मौत हुई थी। वहीं 215 से ज़्यादा लोग घायल हो गए थे। मिर्ज़ा शादाब बेग पर एक्सप्लोसिव खरीदने और IM मॉड्यूल की मदद करने का भी आरोप था। अधिकारियों ने कहा कि उसने एक्सप्लोसिव स्पेशलिस्ट के तौर पर काम किया। उसने जयपुर हमले के लिए उडुपी (कर्नाटक) से डेटोनेटर और बॉल बेयरिंग मंगाए थे। उसने IM के फाउंडर रियाज़ और यासीन भटकल की मदद की।

सूत्रों के अनुसार, गुजरात धमाकों में भी उसने जासूसी की। साथ ही उसने एक्सप्लोसिव तैयार किए और नए लोगों को ट्रेनिंग दी। 2007 के गोरखपुर सीरियल धमाकों में भी उसका नाम सामने आया था। इसके बाद UP पुलिस ने उसकी प्रॉपर्टी अटैच की थी। खबर है कि बेग को आखिरी बार 2019 में अफ़गानिस्तान में देखा गया था।

वहीं अब फरीदाबाद में अल-फलाह यूनिवर्सिटी कथित तौर पर दोनों मॉड्यूल को एक साथ जोड़ता है। 10 नवंबर को दिल्ली ब्लास्ट से जुड़े कई ऑपरेटिव्स के इंस्टीट्यूशन के मेडिकल कॉलेज का हिस्सा पाए गए थे। इसके बाद से अल-फलाह जांच के दायरे में है। ये पैटर्न UP-बेस्ड ऑपरेटिव्स और अल-फलाह इकोसिस्टम के बीच सालों पुराने लिंक 'रेडिकलाइजेशन पाइपलाइन' का संकेत देता है।

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