JNU Elections 2025: जेएनयू छात्र संघ चुनाव में वामपंथी दल मजबूत, बिहार चुनाव का असर?
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में 4 नवंबर को जेएनयू छात्र संघ का चुनाव होना है। खास बात है कि इस बार वामपंथी दल एकजुट होकर चुनाव लड़ रहे हैं। समझिये पूरा गणित...
जेएनयू छात्र संघ चुनाव के लिए वामपंथी दल एकजुट।
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में 4 नवंबर को प्रस्तावित छात्रसंघ चुनाव के लिए गहमागहमी देखी जा रही है। अपने पसंदीदा उम्मीदवार के लिए चुनाव प्रचार चल रहा है। खास बात है कि जेएनयू स्टूडेंट यूनियन के चुनाव पर बिहार विधानसभा चुनाव का भी असर देखा जा रहा है। दरअसल, जेएनयू में समूचा लेफ्ट एकजुट होकर चुनाव लड़ रहा है। इसके चलते लेफ्ट का पलड़ा भारी बताया जा रहा है। हालांकि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद और कांग्रेस की नेशनल स्टूडेंट यूनियन ऑफ इंडिया यानी एनएसयूआई को भी कमतर नहीं माना जा सकता है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पिछली बार जेएनयू छात्र संघ का चुनाव वामपंथी दलों ने अलग-अलग लड़ा था। सीपीआई माले का संगठन आईसा और सीपीएम के एसएफआई ने अलग-अलग चुनाव लड़ा। हालांकि आईसा को जीत मिली, लेकिन इस बार वामपंथी दलों ने एकजुट होकर चुनाव लड़ने का ऐलान किया। वामपंथी महागठबंधन की उम्मीदवार अदिति मिश्रा हैं। चूंकि आईसा यानी ऑल इंडिया स्टूडेंट एसोसिएशन, स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया और डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स फेडरेशन एकजुट होकर चुनाव लड़ रहे हैं, लिहाजा अदिति मिश्रा का पलड़ा भारी बताया जा रहा है।
इनसे होगी चुनौती
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की तरफ से विकास पटेल को उम्मीदवार बनाया गया है। अदिति मिश्रा और विकास पटेल के बीच सीधी टक्कर होने की उम्मीद है। हालांकि कांग्रेस पार्टी के एनएययूआई उम्मीदवार विकास भी दौड़ में शामिल बताए जा रहे हैं। अन्य उम्मीदवारों की बात करें तो बरिसा अंबेडकर फूल स्टूडेंट एसोसिएशन ने रजन राजोरिया को चुनाव मैदान में उतारा है।
राजद ने बनाई दूरी
बता दें कि राष्ट्रीय जनता दल बिहार विधानसभा चुनाव में व्यस्त है। ऐसे में राजद के छात्र विंग के नेताओं ने जेएनयू छात्र संघ चुनावों से दूरी बना रखी है। छात्र विंग के सभी सदस्य बिहार विधानसभा चुनाव में व्यस्त हैं। ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि जेएयू छात्र संघ चुनाव में अध्यक्ष पद पर कौन सा उम्मीदवार विजेता बनता है।