JNU Student Najeeb Ahmed: जेएनयू छात्र नजीब अहमद लापता मामले में कोर्ट का फैसला, CBI की क्लोजर रिपोर्ट स्वीकार
JNU Student Najeeb Ahmad: जेएनयू छात्र नजीब अहमद लापता मामले में राउज एवेन्यू कोर्ट ने सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट स्वीकार कर ली। हालांकि कहा गया कि अगर इस मामले में कोई सबूत मिलता है, तो इसे फिर से रिओपेन किया जा सकता है।
जेएनयू छात्र नजीब अहमद लापता मामला
JNU Student Najeeb Ahmad: जेएनयू छात्र नजीब अहमद लापता मामले में सोमवार को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट स्वीकार कर ली है। बता दें कि जेएनयू का छात्र नजीब अहमद 15 अक्टूबर 2016 को लापता हो गया था। उसके बाद से ही उसे ढूंढने की अपील की जा रही थी। इसके बावजूद इस मामले को पहले भी बंद करने की सिफारिश की गई थी। इसके कारण अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ज्योति माहेश्वरी की अदालत ने सीबीआई से स्पष्टीकरण मांगा था।
'सबूत मिला, तो रिओपेन होगा केस'
जानकारी के अनुसार, सोमवार, 30 जून को अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ज्योति माहेश्वरी की अदालत ने सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट स्वीकार कर ली है। साथ ही इस मामले को बंद करने की भी अनुमति दे दी गई है। हालांकि अदालत की तरफ से ये भी कहा गया कि अगर इस मामले में कोई सबूत मिलता है, तो इस केस को रिओपेन किया जा सकता है।
2018 में सीबीआई ने बंद कर दी थी जांच
जानकारी के अनुसार, जेएनयू का छात्र नजीब अहमद 15 अक्टूबर 2016 को कथित तौर पर एबीवीपी (अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद) से जुड़े कुछ छात्रों के साथ हाथापाई होने के बाद लापता हो गया था। वो जेएनयू के माही-मांडवी छात्रावास से लापता हुआ। इसके बाद लापता छात्र नजीब अहमद को ढूंढने की जिम्मेदारी सीबीआई को सौंपी गई थी। अक्टूबर 2018 तक नजीब के बारे में जानकारी नहीं मिल सकी, जिसके कारण सीबीआई ने मामले की जांच बंद कर दी थी।
वकील ने बताया राजनीतिक
हालांकि दिल्ली हाईकोर्ट से अनुमति लेने के बाद केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई ने इस मामले में राउज एवेन्यू कोर्ट के समक्ष अपनी क्लोजर रिपोर्ट दायर की, जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया। वहीं नजीब अहमद के वकील ने कहा था कि ये एक राजनीतिक मामला था, जिसमें सीबीआई अपने आकाओं के दबाव में आकर सही ढंग से कार्रवाई नहीं कर पाई।