यमुना किनारे होंगे सांस्कृतिक कार्यक्रम: असिता पार्क के हरे-भरे लॉन जनता के लिए खुले, जानिये किराया?

दिल्ली विकास प्राधिकरण के अधिकारियों का कहना है कि इस पहल से लोगों को कार्यक्रमों के आयोजन के लिए सुरक्षित और सुव्यवस्थित जगह मिल गई है, वहीं लोगों का यमुना से जुड़ाव बढ़ेगा।

Updated On 2025-12-21 18:30:00 IST

यमुना के किनारे स्थित असिता पार्क के हरे-भरे लॉन आम जनता के लिए खुले। 

दिल्ली विकास प्राधिकरण ने यमुना नदी से लोगों को जोड़ने के लिए अहम फैसला लिया है। डीडीए ने यमुना तट पर स्थित असिता पार्क को आम जनता के लिए खोल दिया है। इस हरे-भरे पार्क में सामाजिक, सार्वजनिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जा सकेगा।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना लगातार यमुना प्रदूषण को कम करने और इसके सौंदर्यीकरण की बात पर जोर देते रहे हैं। इसके अलावा ऐतिहासिक धरोहरों के जीर्णोद्धार पर भी विशेष ध्यान रखा जा रहा है। इसके अलावा उपराज्यपाल ने दिल्ली के भीतर सुरक्षित और सुव्यवस्थित स्थल बनाने पर जोर दिया ताकि लोगों को कार्यक्रमों के आयोजनों के लिए शहर से बाहर न जाना पड़े।

डीडीए अधिकारियों ने बताया कि उपराज्यपाल वीके सक्सेना के निर्देश पर यमुना तट पर असिता पार्क को डेवलेप किया है। इस पार्क में विभिन्न लॉन बनाए हैं। लोग दैनिक किराये का भुगतान करके इस लॉन को बुक करा सकते हैं।

असिता पार्क में लॉन का किराया कितना

अधिकारियों ने बताया कि लॉन का किराया क्षेत्रफल के आधार पर होगा। किराया 40 हजार रुपये से लेकर 3.3 लाख रुपये के बीच है। उन्होंने बताया कि यहां पर सांस्कृतिक, धार्मिक और अन्य कार्यक्रमों का आयोजन किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि इस यमुना के प्रति लोगों का भावनात्मक जुड़ाव भी गहरा होगा।

पार्किंग सुविधा भी शामिल

अधिकारियों का कहना है कि असिता पार्क में एक या कई लॉन एक साथ बुक कराए जा सकते हैं। यह पहले आओ पहले पाओ के आधार पर होगा। यहां 40 हजार वाहनों की पार्किंग सुविधा उपलब्ध है, जो कि किराय में शामिल है। हालांकि सफाई के लिए 2.75 रुपये प्रति वर्ग मीटर की दर से अलग से शुल्क वसूला जाएगा।

पर्यावरण का रखा जाएगा ध्यान

डीडीए अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि यहां केवल पर्यावरण अनुकूल अस्थायी टेंट संरचनाओं को ही अनुमति दी जाएगी। इन टेंट को लगाने और हटाने के लिए तीन दिन का समय दिया जाएगा। विशेष परिस्थिति में इस अवधि को बढ़ाकर 5 दिन किया जा सकता है। डीडीए अधिकारियों ने कहा कि असिता पार्क में सभी गतिविधियां एनजीटी और अन्य सक्षम न्यायालयों द्वारा जारी दिशा निर्देशों के अनुरूप होंगी ताकि यमुना नदी और उसके पारिस्थितिक तंत्र को किसी प्रकार का नुकसान न पहुंचे।

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