Independence Day 2025: स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त से जुड़े 7 अनसुने फैक्ट, जानकर होंगे हैरान

Independence Day 2025: भारत की स्वतंत्रता को लेकर कुछ ऐसे तथ्य हैं, जिनके बारे में काफी कम लोगों को पता है। तो आइए जानते हैं, इससे जुड़े 7 रोचक तथ्य...

Updated On 2025-08-15 08:30:00 IST

देश की आजादी से जुड़े अनसुने फैक्ट।

Independence Day 2025: भारत में हर साल 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता है। इस दिन प्रधानमंत्री दिल्ली के लाल किले पर ध्वजारोहण करते हैं। इस मौके पर पीएम राष्ट्र को संबोधित भी करते हैं। लाखों की संख्या में लोग लाल किले पर इकट्ठा होते हैं। बचपन से ही हमें स्वतंत्रता दिवस में अपना योगदान देने वाले क्रांतिकारियों से जुड़ी कहानियां सुनाई जाती हैं। हालांकि 15 अगस्त से जुड़े कुछ ऐसे भी रोचक तथ्य हैं, जिनके बारे में बहुत कम लोग जानते हैं। तो पढ़िए 15 अगस्त से जुड़े अनसुने तथ्य...

1. भारत के साथ इन देशों को भी मिली आजादी: 15 अगस्त के दिन सिर्फ भारत को नहीं, बल्कि दो और देशों को आजादी मिली थी। इस दिन भारत के साथ ही साउथ कोरिया और बहरीन भी स्वतंत्रता दिवस मनाते हैं। इसका मतलब है कि जहां एक तरफ 15 अगस्त के दिन भारत में आजादी का उत्सव मनाया जाता है, वहीं, हजारों किमी दूर इन दोनों देशों में भी लोग आजादी का जश्न मनाते हैं।

2. आजादी की तारीख 15 अगस्त ही क्यों?: कभी न कभी आपके मन में भी सवाल आया होगा कि देश की आजादी के लिए 15 अगस्त की ही तारीख क्यों चुनी गई। इसके पीछे भी एक कारण है। इस दिन दूसरे विश्व युद्ध में मित्र राष्ट्रों के सामने जापान के आत्मसमर्पण की दूसरी वर्षगांठ थी। इसी वजह से भारत के अंतिम वायसराय लॉर्ड माउंटबेटन ने 15 अगस्त की तारीख चुनी। माउंटबेटन के लिए यह दिन संघर्ष पर शांति की विजय का प्रतीक था।

3. पहले ये थी आजादी की तारीख: काफी कम लोगों को पता है कि भारत की आजादी मूल रूप से 15 अगस्त को तय नहीं की गई थी। भारत की आजादी के लिए 30 जून 1948 की तारीख तय की गई थी। इसके पीछे की वजह थी कि ब्रिटिश सरकार को सत्ता ट्रांसफर की तैयारी करने के लिए ज्यादा समय चाहिए था। हालांकि उस समय के राजनीतिक दबाव और बिगड़ते हालत को देखते हुए नेताओं ने एक साल पहले ही आजादी की तारीख का ऐलान कर दिया।

4. भारत के झंडे में था चरखा: भारत की आजादी से लेकर अब तक कई बार तिरंगे के डिजाइन में बदलाव किया गया है। शुरुआत में भारतीय तिरंगे के बीच में एक चरखा होता था। यह चरखे का निशान महात्मा गांधीजी के आत्मनिर्भर होने के आह्वान और स्वदेशी आंदोलन को श्रद्धांजलि था। हालांकि बाद में तिरंगे की डिजाइन में चरखे को अशोक चक्र से बदल दिया गया। अशोक चक्र शाश्वत प्रगति और कानून का प्रतीक था। उसके बाद से अभी तक भारतीय तिरंगे के बीच में अशोक चक्र‌ बना हुआ है।

5. पहले नहीं था कोई राष्ट्रगान: जब 15 अगस्त , 1947 को भारत आजाद हुआ, तो आधी रात तक हमारा राष्ट्रगान 'जन गण मन' तैयार नहीं हुआ था। यह राष्ट्रगान रवींद्रनाथ टैगोर ने लिखा था। इसे भारत के गणतंत्र राष्ट्र बनने से पहले 24 जनवरी 1950 को आधिकारिक तौर पर अपनाया गया था। उससे पहले भारत का कोई औपचारिक राष्ट्रगान नहीं हुआ करता था।

6. झंडा फहराने पर थी रोक: आज के समय में कोई भी व्यक्ति किसी भी दिन राष्ट्रीय ध्वज फहरा सकता है, लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि एक समय पर आम लोगों को इसका अधिकार नहीं था। साल 2002 से पहले देश के आम नागरिक सिर्फ स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस जैसे कुछ अवसरों पर तिरंगा फहरा सकते थे। बाद में नवीन जिंदल ने कानूनी लड़ाई लड़ी, जिसके बाद ध्वज संहिता में संशोधन हुआ। इस संशोधन के बाद भारत के प्रत्येक नागरिक को साल के किसी भी दिन अपने घर पर ध्वज फहराने का अधिकार मिला।

7. आजादी के बाद जारी हुआ पहला डाक टिकट: 15 अगस्त को आजादी मिलने के बाद नवंबर, 1947 में भारत ने डाक टिकटों का अपना पहला सेट जारी किया। इस डाक टिकट के ऊपरी दाएं कोने पर तिरंगा बना हुआ था और 'जय हिंद' का नारा लिखा हुआ था। यह टिकट इस बात का प्रतीक था कि भारत एक नए युग में प्रवेश कर चुका है।

15 अगस्त का दिन सिर्फ कैलेंडर पर एक तारीख नहीं है, बल्कि राजनीतिक संघर्षों की एक कहानी है। देश की आजादी से लेकर पहला राष्ट्रगान अपनाए जाने तक और तिरंगे में चरखे से अशोक चक्र तक के बदलाव की अपनी अलग ही कहानी है।

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