Yamuna River: यमुना में नहीं कर सकेंगे गणेश प्रतिमा का विसर्जन, 50 हजार का लगेगा जुर्माना
Yamuna River: यमुना नदी में प्रदूषण को रोकने के लिए डीपीसीसी ने निर्देश जारी किए हैं कि यमुना नदी में गणेश जी की प्रतिमा का विसर्जन न किया जाए। स्थानीय निकाय की तरफ से कृत्रिम तालाब बनाए जाएं, जिनमें विसर्जन कर सकते हैं।
यमुना नदी में विसर्जित नहीं कर सकेंगे गणेश जी की प्रतिमा।
Yamuna River: गणेश चतुर्थी पर बहुत से लोग अपने घरों में गणपति जी को लाए, जिनका चतुर्दशी या उससे पहले विसर्जन किया जाना है। अब तक दिल्ली के लोग लगभग हर अवसर पर प्रतिमाओं का विसर्जन दिल्ली की यमुना नदी में करते थे, लेकिन अब ऐसा नहीं कर पाएंगे। दरअसल, यमुना नदी को प्रदूषण से बचाने के लिए दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति ने निर्देश दिया है कि यमुना नदी में गणपति जी का विसर्जन नहीं किया जाएगा। प्रतिमा विसर्जन करने वाले पर 50 हजार रुपये तक का जुर्माना लग सकता है।
हालांकि दिल्ली में गणेश उत्सव और दुर्गा पूजा के बाद यमुना नदी में ही प्रतिमा विसर्जन की जाती रही है, लेकिन इसके कारण यमुना में प्रदूषण बढ़ रहा था। इसको ध्यान में रखते हुए छह साल पहले यमुना नदी में मूर्ति विसर्जन पर रोक लगा दी गई थी। वहीं कुछ ही दिनों में गणेश उत्सव के बाद मूर्ति विसर्जन होना है। इसको लेकर एक बार फिर दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं।
डीपीसीसी की तरफ से नोटिस जारी किया गया है, जिसमें कहा गया है कि गणेश जी की प्रतिमाओं का निर्माण प्राकृतिक मिट्टी से ही किया जाना चाहिए। पीओपी से गणेश प्रतिमा नहीं बनाई जानी चाहिए। यमुना नदी में प्रतिमाओं का विसर्जन नहीं किया जाएगा। प्रतिमाओं का विसर्जन करने के लिए स्थानीय निकाय की ओर से कृत्रिम तालाब का निर्माण किया जाएगा। इतना ही नहीं डीपीसीसी ने दिल्ली की सीमाओं पर भी निगाह रखने के निर्देश दिए हैं।
बता दें कि लंबे अरसे के बाद दिल्ली में 6 महीने पहले ही बीजेपी सरकार आई है। बीजेपी ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में यमुना प्रदूषण का मुद्दा जोरों-शोरों से उठाया था। सरकार बनते ही सीएम रेखा गुप्ता ने अपनी कैबिनेट की पहली बैठक में यमुना सफाई को लेकर आदेश दिया। इसके बाद से ही बड़े स्तर पर यमुना सफाई की जा रही है। बारिश ने भी सरकार का साथ दिया और प्रदूषण काफी कम हो गया। हाल ही में दिल्ली जल बोर्ड ने भी 6 बड़े नालों की पहचान कर उन्हें नदी में गिरने से पहले पानी को ट्रीट करने का प्लान बनाया है। दिल्ली सरकार ने आने वाले दो सालों में यमुना नदी को बिल्कुल साफ करने का लक्ष्य रखा गया है।