Haryana Cabinet Decision: हरियाणा कैबिनेट का बड़ा फैसला, फरीदाबाद में बदले बड़खल तहसील के कई सेक्टर
सोमवार को हरियाणा सरकार की कैबिनेट ने एक अहम फैसला लिया। इसके तहत हरियाणा के कई जिलों और तहसीलों के सेक्टर और गांवों में फेरबदल किया गया है। इस बैठक की अध्यक्षता सीएम सैनी ने की थी।
हरियाणा सरकार ने बदले राज्य के कई जिलों की तहसीलों के गांव और सेक्टर
Haryana Cabinet: हरियाणा सरकार ने सोमावार को एक अहम फैसला लिया। सीएम नायब सिंह सैनी की कैबिनेट ने 6 जिलों के 17 गांवों और सेक्टर को दूसरी तहसील में ट्रांसफर करने की मंजूरी दी है। वहीं बात अगर फरीदाबाद की करें तो इसकी बड़खल तहसील में भी बदलाव हुआ है। सरकार के इस फैसले का मुख्य उद्देश्य प्रशासनिक कार्यों को आसान बनाना और सेवाओं की डिलीवरी को आसान करना है।
इस कैबिनेट मीटिंग की अध्यक्षता सीएम नायब सिंह सैनी ने की थी। सीएम ने यह फैसला जनता की सुविधाओं क ध्यान में रखते हुए लिया। उन्होंने कहा कि इलाकों के बदले जाने से लोगों को अपने कामों के लिए दूर नहीं जाना पड़ेगा। मुख्यमंत्री ने इसे सुशासन की एक नई दिशा बताया। मंत्रिमंडल के फैसले के अनुसार, बड़खल तहसील के सेक्टर 15, 15 A और 16A को काट फरीदाबाद तहसील में जोड़ दिया जाएगा। वहीं फरीदाबाद तहसील के सेक्टर 21A और 21B को बड़खल तहसील में जोड़ दिया जाएगा।
इसके अलावा बरेली गांव जो रेवाड़ी के अंतर्गत आता है, उसकी जमीन की खरीद-फरोख्त के पंजीकरण का काम अब रेवाड़ी तहसील में ही होगा। हालांकि पहले यह गांव पाल्हावास की उप-तहसील में था। इन बदलावों को दूरी ज्यादा होने के वजह से जिला उपायुक्त की रिपोर्ट के आधार पर किया गया है। इसके अलावा गांव मदोला की लिखाई अब महेंद्रगढ़ तहसील में होगी जबकि पहले यह सतनाली तहसील में होती थी। इस बैठक में झज्जर, सरिस, यमुनानगर और फरीदाबाद के तहसील और उप-तहसीलों में 15 गांवों में फेरबदल किया गया है।
- हरियाणा सरकार ने नगर पालिका अधिनियम 2025 को मंजूरी दे दी है। इससे शहरों में बेहतर प्रशासन और पारदर्शिता आएगी। यह कानून 1973 और 1994 अधिनियमों की जगह लेगा। इससे सभी नगर निकाय एक ढांचे में आ जाएंगे।
- फिलहाल 87 नगरपालिकाएं दो अलग-अलग कानूनों के अनुसार चल रही थी। इससे काफी समस्याएं होती थीं।
- अब सभी कर्मचारियों के लिए सामान्य सेवा नियम बनेंगे। इससे पदन्नोती और तबादले का विवाद कम होगा।
- अधिनियम 2025 के अनुसार, नगर निकायों को शुल्क और कर निर्धारित करने का अधिकार दिया गया है।