Indian Aviation Update: दिल्ली समेत कई एयरपोर्ट पर GPS डेटा से छेड़छाड़, सरकार ने सत्र के दौरान संसद में दी जानकारी

GPS Spoofing: संसद में केंद्र सरकार ने जानकारी दी कि देश के कई बड़े एयरपोर्ट के आसपास विमानों में जीपीएस स्पूफिंग और जीएनएसएस इंटरफेरेंस की घटनाएं सामने आ रही हैं। इसके चलते सुरक्षा एजेंसियों को अलर्ट पर रखा गया है।

Updated On 2025-12-01 19:31:00 IST

दिल्ली समेत कई एयरपोर्ट पर जीपीएस डेटा से छेड़छाड़ की घटनाएं दर्ज।

GPS Spoofing: केंद्र सरकार ने सोमवार को संसद में स्वीकार किया कि देश के कई बड़े एयरपोर्ट पर जीपीएस स्पूफिंग और जीएनएसएस की घटनाएं दर्ज की गईं। दिल्ली के आईजीआई एयरपोर्ट से लेकर मुंबई, हैदराबाद, बेंगलुरु, चेन्नई और अमृतसर के एयरपोर्ट्स के आसपास ऐसी घटनाएं हुईं। इस समस्या में सैटेलाइट बेस्ड नेविगेशन सिस्टम बाधित होता जाता है, जिससे विमानों के उतरने और उड़ान भरने पर असर पड़ सकता है।

नवंबर, 2023 में नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने सभी एयरलाइंस और एयरपोर्ट्स को ऐसे मामलों की कंपलसरी रिपोर्टिंग के निर्देश दिए थे। इसके बाद से देश भर के कई बड़े शहरों से लगातार रिपोर्ट मिल रही है। जानें पूरा मामला...

सरकार ने क्या बताया?

दरअसल, सोमवार संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान आईजीआई हवाई अड्डे पर जीपीएस स्पूफिंग के मुद्दे पर सवाल किया गया। इस पर केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू किंजरापु ने सदन में जवाब दिया। उन्होंने बताया कि कुछ उड़ानों ने रनवे 10 पर पहुंचते समय जीपीएस आधारित लैंडिंग प्रक्रियाओं का उपयोग करते समय आईजीआई एयरपोर्ट, नई दिल्ली के आसपास के क्षेत्र में जीपीएस स्पूफिंग की सूचना दी। रनवे 10 के पास पहुंचने वाले जीपीएस स्पूफ किए गए उड़ानों के लिए आकस्मिक प्रक्रियाओं का उपयोग किया गया था।

केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि उड़ानों की गतिविधियों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा, अन्य रनवे के छोर पर पारंपरिक नेविगेशनल एड्स चालू थे। नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने एयरस्पेस में जीएनएसएस हस्तक्षेप को संबोधित करने के लिए 24 नवंबर 2023 को सलाहकार परिपत्र एएनएसएस एसी 01 जारी की थी।

इसके अलावा, डीजीसीए ने आईजीआई एयरपोर्ट के आसपास जीपीएस स्पूफिंग/जीएनएसएस हस्तक्षेप घटनाओं की वास्तविक समय रिपोर्टिंग के लिए 10 नवंबर 2025 की मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) भी जारी की है।

मामलों पर रखी जा रही निगरानी

नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने बताया कि जब भी सैटेलाइट नेविगेशन में समस्या आती है, तो भारत में मौजूद न्यूनतम ऑपरेटिंग नेटवर्क उड़ानों को सुरक्षित रूप से संचालित करने में सक्षम है। यह जमीन आधारित पारंपरिक नेविगेशन और सर्विलांस सिस्टम पर चलता है। सरकार ने माना कि सैटेलाइट संकेतों में दखल उड़ानों की सुरक्षा के लिहाज से गंभीर है।

ऐसे में निगरानी और तकनीकी जांच को पहले से ज्यादा मजबूत किया गया है। केंद्रीय मंत्री ने संसद को आश्वस्त किया गया कि देश के सभी बड़े एयरपोर्ट्स ऐसे मामलों को नियमित रूप से दर्ज कर रहे हैं, जिससे किसी भी संभावित समस्या पर तुरंत कार्रवाई की जा सके।

क्या है जीपीएस स्पूफिंग?

जीपीएस स्पूफिंग एक साइबर अटैक है, जिसमें नकली जीपीएस सिग्नल भेजा जाता है। इससे फ्लाइट सही लोकेशन की जगह गलत दिशा में चली जाती है। एक्सपर्ट्स की मानें, तो इसके पीछे कई अलग-अलग वजहें हो सकती हैं। हालांकि इसका इस्तेमाल अक्सर युद्ध क्षेत्रों में ड्रोन और निगरानी सिस्टम को भ्रमित करने के लिए किया जाता है। पिछले महीने दिल्ली एयरपोर्ट के पास कई फ्लाइट्स को 60 नॉटिकल मील तक गलत लोकेशन डेटा मिलता रहा। इस गड़बड़ी के कारण कुछ विमानों को एहतियात के तौर पर नजदीकी एयरपोर्ट पर डायवर्ट करना पड़ा।

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