Ghaziabad BLO Death: 'वह पिछले कई दिनों से...' गाजियाबाद में SIR ड्यूटी पर तैनात BLO की ब्रेन हैमरेज से मौत

Ghaziabad BLO Death:गाजियाबाद में एक BLO की ब्रेन हैमरेज की वजह से मौत हो गई। मृतक के परिजन ने मामले में जांच की मांग उठाई है।

Updated On 2025-12-07 12:37:00 IST

गाजियाबाद में ब्रेन हैमरेज से BLO की मौत। (प्रतीकात्मक तस्वीर)

Ghaziabad BLO Death: गाजियाबाद में इन दिनों विशेष मतदाता सूची पुनरीक्षण (Special Intensive Revision) अभियान चल रहा है। अभियान के बीच लगातार सरकारी कर्मियों की मौत के मामलों ने प्रशासन की चिंता को बढ़ा दिया है। ऐसे में अभियान के बीच एक और बूथ लेवल अधिकारी की मौत का मामला सामने आया है। बताया जा रहा है कि 56 साल के शिक्षक की ब्रेन हैमरेज की वजह से मौत हो गई। शिक्षक की मौत के बाद एक बार फिर से सरकारी कर्मचारियों पर दबाव का मुद्दा सुर्खियों में है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मृतक की पहचान मोदीनगर में नेहरू नगर के रहने वाले 58 साल के लाल मोहन सिंह के तौर पर हुई है। लाल मोहन सिंह मोदी साइंस एंड कॉमर्स इंटर कॉलेज में बतौर जीव विज्ञान शिक्षक के तौर पर काम करते थे। इन दिनों SIR अभियान के बीच लाल मोहन सिंह की बूथ लेवल अधिकारी के तौर पर काम कर रहे थे। प्रशासन के अधिकारियों का कहना है कि लाल मोहन सिंह की ब्रेन हैमरेज से शुक्रवार देर रात मौत हो गई थी।

कॉलेज के प्रिंसिपल ने क्या कहा ?

अधिकारियों का कहना है कि लाल मोहन सिंह की तबीयत अचानक बिगड़ी और देर रात उनकी मौत हो गई। अधिकारियों ने शनिवार को इसकी पुष्टि की है। कॉलेज के प्रिंसिपल सतीश चंद्र अग्रवाल ने दावा करते हुए कहा कि, 'वह पिछले कई दिनों से बीमार चल रहे थे। लाल सिंह लगातार ज़्यादा काम और मानसिक दबाव में थे। उन्होंने कहा कि 'प्रशासन ने समय सीमा के भीतर हर हाल में काम पूरा करने का निर्देश दिया था। वह लगातार घर-घर सत्यापन में लगे थे और तनाव में थे।'

पुलिस आयुक्त अमित सक्सेना का कहना है कि,' SDM ने हमें सूचित किया है कि लाल मोहन सिंह की मौत ब्रेन हैमरेज से हुई है। इस घटना से जुड़े हर पहलुओं की जांच की जा रही है। गाजियाबाद में नवंबर की शुरुआत से पूरे राज्य में मतदाता सूची के SIR का काम चल रहा है।

ऐसे में उत्तर प्रदेश के कई शहरों में BLOs और दूसरे कर्मियों की अत्यधिक काम के दबाव, तनाव और उत्पीड़न की शिकायतें देखी गई हैं, जिसके चलते कुछ मामलों में आत्महत्या और अचानक मौत की घटनाएं सामने आई हैं। लाल मोहन सिंह की मौत के बाद से सवाल उठता है कि अभियान में लगे कर्मचारियों को पर्याप्त सुरक्षा, समय और सहयोग मिल रहा है या नहीं, परिवार और सहकर्मी प्रशासन से सुरक्षा और जिम्मेदारी की मांग उठा रहे हैं।

अगर आपको यह खबर उपयोगी लगी हो, तो इसे सोशल मीडिया पर शेयर करना न भूलें। हर अपडेट के लिए जुड़े रहिए haribhoomi.com के साथ।

Tags:    

Similar News