Bank-Builders Nexus: नोएडा के बैंक-बिल्डर नेक्सस मामले में ED की कार्रवाई, मनी लॉन्ड्रिंग कानून के तहत 22 केस दर्ज
ED Action: नोएडा के बैंक बिल्डर नेक्सेस मामले में ईडी ने कार्रवाई करते हुए मनी लॉन्ड्रिंग कानून के तहत 22 मामले दर्ज किए हैं।
नोएडा के बैंक बिल्डर नेक्सेस मामले में ED का एक्शन।
ED Action: नोएडा के बैंक-बिल्डर नेक्सस मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बड़ी कार्रवाई की है। इस मामले में ईडी ने बिल्डरों और बैंकों की साठगांठ की जांच के लिए मनी लॉन्ड्रिंग कानून के तहत 22 मामले दर्ज किए हैं। बिल्डरों और बैंकों की मिलीभगत की वजह से NCR में घर खरीदने वालों के साथ धोखाधड़ी हुई है। बता दें कि PMLA के तहत दर्ज किए गए यह मामले केंद्रीय अन्वेष्ण ब्यूरो (CBI) द्वारा जुलाई के अंत में दर्ज की गईं एफआईआर से जुड़े हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ED की ओर से बिल्डरों, बैंकों और दूसरे लोगों द्वारा की गई धोखाधड़ी, भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच की जाएगी। ED द्वारा कार्रवाई के दौरान आरोपियों की अवैध संपत्तियों को जब्त किया जाएगा। CBI की ओर से अलग-अलग FIR में जेपी स्पोर्ट्स इंटरनेशनल लिमिटेड, जयप्रकाश एसोसिएट्स लिमिटेड, अजनारा इंडिया लिमिटेड, वाटिका लिमिटेड, जेपी इंफ्राटेक लिमिटेड, सुपरटेक और आइडिया बिल्डर्स समेत अन्य लोगों का नाम शामिल है।
FIR में इन संस्थानों के नाम शामिल
CBI द्वारा दर्ज FIR में भारतीय स्टेट बैंक, इंडियाबुल्स हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड, पीरामल फाइनेंस, HDFC बैंक, ICICI बैंक, टाटा कैपिटल हाउसिंग फाइनेंस और PNB हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड जैसे बैंकरों और वित्तीय संस्थानों के नाम भी शामिल किए गए हैं।
सबवेंशन स्कीम से धोखाधड़ी
बताया जा रहा है कि बिल्डरों का यह पूरा खेल सबवेंशन स्कीम से जुड़ा है। इस योजना की सहायता से बैंक स्वीकृत लोन राशि बिल्डरों के खातों में जमा करवाई जाती है। उन्हें स्वीकृत लोन राशि पर EMI (मासिक किस्त) का भुगतान तब तक किया जाता है, जब तक फ्लैट घर खरीदारों को नहीं दे दिए जाते हैं, लेकिन बिल्डरों ने किस्तों का भुगतान नहीं किया। ऐसें में बैंकों की ओर से खरीदारों को EMI जमा करने के लिए कहा गया। जब खरीदारों ने इसका विरोध किया तो उन्हें धमकी दी गई कि उन्हें बकायेदार बना दिया जाएगा। ऐसे में उनसे लोन की राशि जमा करवा ली गई, लेकिन उन्हें फ्लैट नहीं दिए गए।